फूलों की घाटी | Valley of Flowers | Valley Of Flowers In uttrakhand In Hindi.

फूलों की घाटी उत्तराखंड राज्य के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मुख्य रूप से उत्तराखंड का एक राष्ट्रीय उद्यान है, जहां पर मानसून के महीने में 500 से अधिक फूलों की प्रजातियां देखने को मिलती है। अगर आप भी यहां आने का प्लान बना रहे हैं, तो मानसून के समय में ही जाएं, ताकि आप यहां पर अधिक से अधिक फूलों की देख सकें।

विषय - सूची

फूलों की घाटी कहां स्थित है ?

फूलों की घाटी, जिसे अंग्रेजी में ‘वैली ऑफ फ्लावर्स’ (valley of flowers) कहा जाता है, भारत के उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र केेेे चमोली जिले में स्थित है, जो चारों ओर से पर्वतों से घिरा हुआ है। यह मुख्य रूप से एक राष्ट्रीय उद्यान, जिसका नाम ‘फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान’ है, और इसके अन्दर फूलों की घाटी बसा हुआ है।

फूलों की घाटी की खोज किसने की ?

इस घाटी का पता सबसे पहले फ्रैंक स्मिथ (Frank Smith) और उनके साथी आर एल होल्ड्सवर्थ (R L Holdsworth) ने लगाया था, जो पेशे से एक ब्रिटिश पर्वतारोही थे। जब ये लोग 1931 ई० में अपने सफल अभियान से वापस लौट रहे थे, तो इनलोगों ने अपना रास्ता खो दिया और इस घाटी में उपस्थित सुगंधित फूलों से आकर्षित होकर यहां आ पहुंचे। फूलों के इन खूबसूरत नजारों से आकर्षित होकर फ्रैंक स्मिथ ने इसे “फूलों की घाटी” का नाम दे दिया।

फूलों की घाटी को विश्व संगठन यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में कब अपनाया गया ?

इस घाटी को विश्व धरोहर के रूप में सन् 1982 ई० में विश्व संगठन यूनेस्को द्वारा घोषित किया गया था, जो विश्व धरोहर नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा है।

फूलों की घाटी जाने का सबसे अच्छा समय -Best Time to visit Valley Of Flowers In uttrakhand In Hindi.

फूलों की घाटी भ्रमण के लिए मानसून के महीने यानी जुलाई, अगस्त व सितंबर को सर्वोच्च माना जाता है। इन महीनों में इस घाटी में जाने पर 500 से अधिक फूलों की प्रजातियों को देखा जा सकता है। यही कारण है कि यह घाटी बागवानी विशेषज्ञों और फूल प्रेमियों के लिए दुनियाभर का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बन गया है। सितम्बर के महीने में फूलों की इस घाटी में ब्रह्म कमल खिलता है, जिन्हें देखना बहुतों को नसीब नहीं होता है।

फूलों की घाटी में क्या-क्या देखने को मिल सकता है ?

यह घाटी हिमाच्छादित पर्वतों से घिरा हुआ है, जिसमें 500 से अधिक फूलों की प्रजातियों को देखा जा सकता है। यह क्षेत्र कई तरह के लुप्त जानवरों जैसे-एशियाई काला भालू, कस्तूरी मृग, हिम तेंदुआ, भूरा भालू और लाल लोमड़ी आदि का आवास भी है।

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फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल कितना है ?

इस राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल 87.50 वर्ग किमी. है, जो समुद्र तल से लगभग 3352 मीटर (11000 फीट) – 3658 मीटर (12000 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह उद्यान करीब 8 किमी. लम्बा और 2 किमी. चौड़ा है।

फूलों की घाटी की लंबाई और चौड़ाई कितनी है ?

इस घाटी की लम्बाई करीब 3 किमी. और चौड़ाई 500 मीटर (0.5 किमी) है। इस घाटी में घूमने के लिए फूलों के बीच एक पतला सड़क बनाया गया है, ताकि आप इस सड़क मार्ग द्वारा इस घाटी के सभी जगहों पर आसानी से जा सकें।

फूलों की घाटी में जाने के लिए प्रवेश शुल्क कितना लगता है ?

इस घाटी के अंदर जाने से पहले आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जिसके लिए आपको अपना एक आईडी कार्ड और ₹ 150 (प्रवेश शुल्क) देना पड़ेगा, तभी आपको अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी।

फूलों की घाटी कैसे पहुंचे ? (How To Reach Valley Of Flowers In uttrakhand In Hindi.)

फूलों की घाटी आने के लिए सबसे पहले आपको जोशीमठ आना पड़ेगा, जो फूलों की घाटी का सबसे नजदीकी और प्रसिद्ध शहर है।

हवाई जहाज से फूलों की घाटी कैसे पहुंचे ? (How To Reach Valley Of Flowers by Flight In uttrakhand In Hindi.)

फूलों की घाटी का नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून का जौली ग्रांट (jolly grant) है, जिसकी दूरी जोशीमठ से करीब 268 किमी. है। देश के प्रमुख शहरों से फ्लाइट द्वारा जौली ग्रांट हवाई अड्डा पर पहुंचा जा सकता है। जौली ग्रांट एयरपोर्ट से जोशीमठ जाने के लिए बस की सुविधा उपलब्ध होती हैै।

यहां पर मैं आपको जोशीमठ जाने के बारे में बता दे रहा हूं और नीचे मैंने जोशीमठ से फूलों की घाटी जाने के बारे में भी बताया है।

ट्रेन से फूलों की घाटी कैसे पहुंचे ? (How To Reach Valley Of Flowers by Train In uttrakhand In Hindi.)

फूलों की घाटी का निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन है, जिसकी दूरी जोशिमठ से करीब 290 किमी. है। देश के किसी भी बड़े शहरों से देहरादून जाने के लिए ट्रेन की सुविधा उपलब्ध होती है। देहरादून से जोशीमठ बस द्वारा बिना किसी परेशानी के पहुंचा जा सकता है।

बस से फूलों की घाटी कैसे पहुंचे ? (How To Reach Valley Of Flowers by Bus In uttrakhand In Hindi.)

बस से फूलों की घाटी जाने के लिए सबसे पहले आपको हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून जाना पड़ेगा। उत्तराखंड के इन तीनों शहरों में देश के किसी भी प्रमुख शहरों से ट्रेन और बस द्वारा पहुंचा जा सकता है। इन तीनों शहरों से जोशीमठ जाने के लिए रेगुलर बस चलती है।

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जोशीमठ से फूलों की घाटी कैसे पहुंचे ?

जोशीमठ पहुंचने के बाद फूलों की घाटी जाने के लिए सबसे पहले आपको बस या शेयर टैक्सी से गोविंद घाट (20 किमी.) आना पड़ेगा और गोविंद घाट से 4 किमी. आगे घंगरिया (13 किमी.) की तरफ पुलना गांव आना होगा, जो फूलों की घाटी का सबसे निकटतम सड़क-बिंदु है। पुलना पहुंचने के बाद फूलों की घाटी जाने के लिए सबसे पहले आपको घंगरिया जाना होगा, जो पुलना से करीब 9 किमी. की दूरी पर स्थित है। घंगरिया से फूलों की घाटी करीब 1.5-2 किमी. की दूरी पर स्थित है और पुलना से फूलो की घाटी के 10.5-11 किमी. के इस दूरी को आपको पैदल ट्रेक करके ही जाना होगा।

घंगरिया से करीब 6 किमी. की दूरी पर श्री हेमकुंड साहिब स्थित है, जहां पर आप चाहें तो फूलों की घाटी की यात्रा करने से पहले या बाद में जा सकते हैं।

मैं आपको यही सुझाव दूंगा कि आप घंगरिया गांव में एक दिन जरूर रुकें, क्योंकि फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान जाने के बाद वहां रात में ठहरने करने की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाती है, जिसकी वजह से वहां घूमने के बाद आपको वापस घंगरिया गांव में आना पड़ेगा। इसलिए हो सके, तो आप एक दिन घंगरिया गांव में रुकें और वहां से अगले दिन सुबह फूलों की घाटी जाने के लिए अपने यात्रा की शुरुआत करें।

फूलों की घाटी जाते समय क्या-क्या लेकर जाना चाहिए ? (What to carry while going to the Valley of Flowers?)

1 . आईडी कार्ड (id card) – फूलों की घाटी जाने के लिए आपको फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है और रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपके पास एक आईडी कार्ड का होना बहुत जरूरी है।

2 . गर्म कपड़े – सिर्फ सर्दी ही नहीं, बल्कि गर्मी में भी फूलों की घाटी जाने पर ठंड महसूस होती है, इसलिए फूलों की घाटी जाते समय आप अपने पास कुछ गर्म कपड़े, मोजे और दस्ताने वगैरह जरूर रखना चाहिए।

3 . रेन कोट (Rain coat) – पहाड़ी इलाकों में किसी भी मौसम में और कभी भी बारिश हो सकती है, इसलिए बारिश से बचने के लिए आपके पास रेनकोट और कुछ बड़े आकार के पॉलीथिन (सामान की सुरक्षा करने के लिए) जरूर होनी चाहिए, वरना बारिश में भींगने के बाद तबीयत खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।

4 . मेडिसिन – पहाड़ी क्षेत्रों में चढ़ाई करते समय आपके साथ किसी भी तरह की घटना ही सकती है, इसलिए आप अपने साथ कुछ जरूरी मेडिसिन जैसे – बुखार, खांसी, सर्दी, पेट दर्द, सिर दर्द और थोड़े बैंडेज वगैरह लेकर जरूर जाएं, ताकि आपके साथ कुछ होने पर भी आप खुद ही मैनेज कर सकें।

5 . लाइटर और टॉर्च – आपके पास ये दोनों चीज जरूर होना चाहिए, क्योंकि इसकी जरूरत आपको ठंड लगने पर आग जलाने और अंधेरे में कहीं जाने के लिए कभी भी पड़ सकती है।

फूलों की घाटी की चढ़ाई करते समय ध्यान देने योग्य कुछ जरूरी बातें –

1 . पानी (water) – फूलों की घाटी का ट्रेक करते समय आपके पास कम से कम 2 लीटर पानी जरूर होनी चाहिए। पानी के अलावा आपको अपने पास कुछ चॉकलेट वगैरह भी रखना चाहिए, ताकि आप पानी पीने से पहले खा सकें।

2 . तापमान और जलवायु – मैदानी और पहाड़ी इलाकों में वातावरण का काफी अंतर होता है, इसलिए आप पहाड़ पर धीरे-धीरे चढ़ाई करने की कोशिश करें।

3 . नशीले पदार्थ – पहाड़ पर ट्रेक के दौरान शराब या किसी भी अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने से बचें, वरना आपको चढ़ाई करने में काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश करने के बाद ध्यान देने योग्य बातें –

1 . फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क को उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के आदेश पर प्लास्टिक फ्री जोन घोषित किया गया है, जिसमें खाद्य सामग्री जैसे – चिप्स, मैगी, बिस्कुट व अन्य खाद्य सामग्री, जिसे प्लास्टिक से पैकिंग की गई हो, को पूर्ण रूप से निषिद्ध किया गया है।

2 . प्लास्टिक बोतल – आप उस पार्क के अन्दर प्लास्टिक के बोतल में पानी लेकर जा सकते हैं, लेकिन आप जो बोतल उस पार्क में लेकर जाएंगे, उस बोतल को फूलों की घाटी में प्रवेश करने से पहले प्रवेश द्वार पर उपस्थित कर्मचारियों द्वारा रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा और वापस आते समय उस खाली बोतल को प्रविष्टि (entry) के अनुसार चेेक किया जाएगा। अगर वह प्लास्टीक का बोतल, जिसे आप पार्क में लेकर गए थे, पार्क से वापस लौटते समय आपकेे पास नहीं मिलेगा, तो आपको ₹500 तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।

3 . इस पार्क के अंतर्गत किसी भी प्रकार के फूलों, वनस्पतियों और पेड़-पौधों को क्षति पहुंचाने पर आपको ₹ 10,000 जुर्माना देना पड़ सकता है।

आशा करता हूं कि मेरे द्वारा बताई गई यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। आप सभी पाठकों से मेरा अनुरोध है कि अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो, तो आप इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस के लोगों, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर करें, जिससे हमारे बीच उत्सुकता बढ़े और मैं इस तरह के और भी नई नई जानकारी आपलोगाें तक पहुंचा सकूं।

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धन्यवाद

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