भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) हनले | Hanle Astronomical Observatory In Ladakh In Hindi.

आज मैं आपको “भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) हनले” के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जिसे 2001 ई० में हनले में स्थापित किया गया था। इस वेधशाला की समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 4500 मीटर है, जो विश्व का 9 वाँ सबसे ऊंचा वेधशाला है और वर्तमान समय में यह वेधशाला लद्दाख के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सूची में भी शामिल है। तो चलिए जानते हैं कि हनले में स्थित भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) में जाने पर क्या-क्या देखने को मिल सकता है और इससे जुड़े अन्य सभी चीजों के बारे में-

IAO का फुल फॉर्म – Indian Astronomical Observatory (भारतीय खगोलीय वेधशाला).

लद्दाख का भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) कहां स्थित है?

यह वेधशाला भारत के केंद्र शासित राज्य लद्दाख के लेह जिले के निकट हनले में स्थित है। इस खगोलीय वेधशाला का संचालन भारतीय तारा भौतिकी संस्थान (Indian Institute of Astrophysics) के द्वारा बेंगलुरु से होता है। इस खगोलीय वेधशाला को हनले में 2001 ई० में स्थापित किया गया था।

भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) की संरचना कैसी है?

यह खगोलीय वेधशाला ऊपर से मकबरे की संरचना (tomb structure) जैसा दिखता है। इसके अंदर एक दूरबीन (telescope) लगा हुआ है, जिसका स्थिति बेंगलुरु से सेट होता है।

भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) की ऊंचाई कितनी है?

यह खगोलीय वेधशाला 4500 मीटर (14,864 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, जो विश्व का 9 वाँ सर्वोच्च खगोलीय वेधशाला (highest astronomical observatory) है।

दोस्तों आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं कि हनले में स्थापित भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) का नाम दुनिया के 9 वें सर्वोच्च शिखर की सूची में शामिल है, तो इसके बारे में आपकी क्या राय है।

क्या भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) में होने वाले लाइव काम को पर्यटक देख सकते हैं?

नहीं, इस खगोलीय वेधशाला का काम सूर्यास्त होने के बाद शुरू होता है और सूर्यास्त होने के बाद इस खगोलीय वेधशाला को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है। यानि कि कोई भी पर्यटक इस खगोलीय वेधशाला में होने वाले लाइव काम को नहीं देख सकता है।

भारतीय खगोलीय वेधशाला में जाने पर क्या-क्या देखने को मिल सकता है?

अगर आप इस खगोलीय वेधशाला को देखने के साथ-साथ इसके द्वारा किए जाने वाले काम के बारे में जानना, इसके अंदर के सभी चीजों को देखना और इसके अंदर स्थापित दूरबीन से लिए गए सारे फोटो और विडियो वगैरह को देखना चाहते हैं, तो आप इन सभी चीजों को इस खगोलीय वेधशाला में जाने के बाद देख सकते हैं और इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस खगोलीय वेधशाला के बारे में बताने और समझाने के लिए वेधशाला में उपस्थित लोग पर्यटकों की मदद करते हैं।

क्या भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) में जाने के लिए अलग से परमिट बनवानी पड़ती है?

नहीं, इस वेधशाला में जाने के लिए पर्यटकों को अलग से कोई भी परमिट नहीं बनवानी पड़ती है। यहां आने के लिए आपके पास सिर्फ लद्दाख का परमिट (ILP) होनी चाहिए, जो लद्दाख में घूमने के लिए लेह के डी सी ऑफिस से बनवाना पड़ता है।

क्या भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) में जाने के लिए टिकट लेना पड़ता है?

नहीं, फिलहाल तो इस वेधशाला में जाने के लिए पर्यटकों को कोई टिकट नहीं लेना पड़ता है। इस वेधशाला में पर्यटक बिना टिकट लिए जा सकते हैं और उस वेधशाला के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन हो सकता है कि भविष्य में इसके लिए भी टिकट जारी कर दिया जाएगा।

लेह और श्रीनगर से हनले में स्थापित भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) की दूरी कितनी है?

लेह से भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) की दूरी करीब 260 किमी. और श्रीनगर से भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO) की दूरी करीब 670 किमी. है।

इस तरह की और भी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे वेबसाइट के कैटेगरी को चेक आउट कर सकते हैं।

धन्यवाद।

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