बदायूं में घूमने लायक जगह | Famous Tourist Places of Budaun In Hindi.

आज के इस आर्टिकल में हम उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित बदायूं के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल यानी कि बदायूं में घूमने की खूबसूरत जगहों के बारे में जानने वाले हैं। अगर आप भी बदायूं को विजिट करने वाले हैं, तो आप हमारे इस आर्टिकल में बताए गए इन खूबसूरत आकर्षक स्थलों को विजिट करना न भूले। चलिए हम अपने आर्टिकल में जानकारी की ओर आगे बढ़ते हैं और बदायूं के खूबसूरत पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों के बारे में जानने का प्रयास करते हैं –

बदायूं का ताजमहल

इस मकाबरे की लंबाई 152 फीट और चौड़ाई 150 फीट है। यह मकबरा मुगल काल की यादगार है। इस मकबरे में 1857 की क्रांति में लड़ी जाने वाली लड़ाई में सेनानियों को इसी में कैद करते थे। जिस तरह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया, उसी तरह बदायूं शहर में नवाब इख्लास खान की बेगम ने अपने पति (शौहर) की याद में मकबरा का निर्माण करवाया ।

इस मकबरे की चारों तरफ ताजमहल की तरह चारों कोनों पर मीनारें हैं, लेकिन इस मकबरे को ताजमहल की तरह पहचान नहीं मिल सका। इस मकबरे को इख्लास खां का रोजा के नाम से भी जाना जाता है।

रापड वाला गुबंद

इस गुबंद की ऊंचाई 75 फीट है। यह गुबंद शहर से पश्चिम की ओर का दरी दरगाह के नजदीक बने गुंबद में से सबसे बड़ा गुबंद है, जिसे रापड वाला गुबंद के नाम से जाना जाता है। इस गुबंद की तीन दरवाजे हैं, जो पूर्व, पश्चिम, दक्षिण की ओर है। पूर्व दरवाजे पर एक शिलालेख लगा है, जिसे हुमायूं के दौर ने दौलत खां उर्फ अहम्मद द्वारा बनाया गया।

मकबरा बीवी चमन आरा

यह मकबरा बीबी चमन आरा यह नवाब फरीद की बेटी चमन आरा की कब्र पर बना है। इस मकबरे में कब्र का निशान शायद खत्म हो चुका है। इस मकबरे के बाहर कुआं बना हुआ है जो आज भी मौजूद है जो अब बंद रहता है।

छोटे बड़े सरकार की दरगाह

यह छोटे बड़े सरकार की दरगाह दो भाइयों की है। यह दोनों भाई अपने जमाने के सूफी संत थे यह दरगाह बदायूं शहर के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक हैं।

बदायूं की जामा मस्जिद

यह जामा मस्जिद दिल्ली के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी जामा मस्जिद है। इल्तुतमिश ने इसका निर्माण अपने गद्दी पर बैठने के 12 साल बाद अर्थात करीब 1222 में बनवाया था। इस मस्जिद को अफगानी वास्तुकला से बनाया गया है।

इस मस्जिद का मुख्य द्वार तकरीबन 100 फीट ऊंचा है। इस मस्जिद का क्षेत्रफल 71000 वर्ग फिट है। इस मस्जिद की दीवारें सफेद संगमरमर से बनी हुई है तथा 17 फीट ऊंची है। इस मस्जिद का गुबंद बहुत ऊंचा है, यह बहुत ही दूर से दिखाई देता है और इस मस्जिद के ऊपर पीतल का एक कलश भी है।

मकाबरे मकईया जहां

मकबरा मकईया जहां का निर्माण अलाउद्दीन आलमशाह ने अपनी मां की कब्र पर निर्माण करवाया था। अलाउद्दीन अपने अंतिम समय में सब कुछ त्याग कर बंदायू आ गया था। यह हिंदुस्तान का शासक था।

आपको इस आर्टिकल को पढ़ने के उपरांत लग रहा हो कि इस आर्टिकल में कोई प्रमुख पर्यटन या धार्मिक स्थल को हम सम्मिलित करना भूल गए हैं, तो उसे भी आप हमें कमेंट बॉक्स में सुझाव के रूप में बता सकते हैं ताकि हम अपने आर्टिकल को भविष्य में अपडेट करते समय आपके द्वारा दिए गए सुझाव को सम्मानित कर सके।

धन्यवाद

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