रुद्रप्रयाग का टॉप 5 पर्यटन स्थल | Top 5 Tourist Places In Rudraprayag Uttarakhand In Hindi.

रुद्रप्रयाग का टॉप 5 पर्यटन स्थल के बारे में आज मैं आपको बताने वाला हूं, जिसे आप उत्तराखंड जाने के बाद अपने समय और टूर प्लान के अनुसार विजिट कर सकते हैं। दोस्तों आपको बता दें कि उत्तराखंड भारत का एक ऐसा राज्य है, जो पर्यटन और धार्मिक स्थलों से परिपूर्ण है, जिसकी वजह से उत्तराखंड में पर्यटन स्थलों का चुनाव करना काफी मुश्किल हो जाता है। आइए जानते हैं रुद्रप्रयाग टॉप 5 पर्यटन स्थल के बारे में –

केदारनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग – Kedarnath Temple Rudraprayag In Hindi.

यह भगवान शिव का एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जो जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल होने के साथ-साथ पंचकेदार का प्रथम केदार और उत्तराखंड के चार धाम का एक प्रमुख हिस्सा है, जो देश और विदेश में काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। अगर मैं पंचकेदार के बारे में बात करूं, तो इस मंदिर को पंचकेदार का प्रथम केदार माना जाता है और इसमें भगवान शिव की आकृति पिण्ड की पूजा की जाती है।

केदारनाथ मंदिर जाने के लिए गौरीकुंड से करीब 16-18 किमी. का ट्रेक करना पड़ता है। अगर आप चाहें तो इस चढ़ाई को पूरा करने के लिए घोड़ा, खच्चर या पालकी की सुविधा ले सकते हैं। अगर आप केदारनाथ मंदिर की चढ़ाई को ट्रेक करके पूरा करना चाहते हैं, तो आपको इस ट्रेक को पूरा करने के लिए एक स्टिक जरूर रखनी चाहिए, जिससे ट्रेक करने में काफी मदद मिलती है।

इन्हें भी पढ़ें:- ऐसे करें केदारनाथ मंदिर की ट्रेकिंग।

चोपता (मिनी स्वीटजरलैंड) रुद्रप्रयाग – Chopta (mini Switzerland) Rudraprayag In Hindi.

उत्तराखंड के मिनी स्वीटजरलैंड के नाम से जाना जाने वाला चोपता अपने प्राकृतिक वातावरण, सुहावने मौसम, कैंपिंग, खूबसूरत बुग्याल (उत्तराखंड में पहाड़ों पर उगे घास के मैदान को बुग्याल कहा जाता है), और बहुत सारे एडवेंचर एक्टिविटी के लिए पूरे दुनिया में प्रसिद्ध है। मैं आपको बता दूं कि उत्तराखंड में ऐसे बहुत सारे जगह हैं, जहां पर गर्मी के मौसम में भी थोड़ा बहुत ठंड महसूस किया जा सकता है, जिनमें से एक चोपता (मिनी स्वीटजरलैंड) भी है।

इन्हें भी पढ़ें:- कम खर्च में चोपता (मिनी स्वीटजरलैंड)की यात्रा कैसे करें।

मद्महेश्वर मंदिर रुद्रप्रयाग – Madmaheshwar Temple Rudraprayag In Hindi.

उत्तराखंड में स्थित भगवान शिव का यह मंदिर उत्तराखंड के पंचकेदार का द्वितीय मंदिर है, जहां भगवान शिव के नाभी की पूजा की जाती है। दोस्तों आपको बता दें कि मद्महेश्वर मंदिर जाने के लिए भी लगभग 16 किमी. का ट्रेक करना पड़ता है और मद्महेश्वर मंदिर के भी इस ट्रेक को पूरा करने के लिए घोड़े और खच्चर की सुविधा उपलब्ध होती है। अगर आप मद्महेश्वर मंदिर की चढ़ाई को ट्रेक करके पूरा करना चाहते हैं, तो आप अपने पास एक स्टिक जरूर रखें।

इन्हें भी पढ़ें:- कम खर्च में मद्महेश्वर मंदिर की यात्रा कैसे करें।

तुंगनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग – Tungnath Temple Rudraprayag In Hindi.

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित तुंगनाथ मंदिर भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर है, जो पूरी दुनिया का सबसे ऊंचाई पर बसा हुआ भगवान शिव का मंदिर है। तुंगनाथ मंदिर को उत्तराखंड के पंचकेदार का तृतीय केदार माना जाता है, जहां पर भगवान शिव के हृदय और भुजाओं की पूजा की जाती है।

तुंगनाथ मंदिर जाने के उत्तराखंड के चोपता (मिनी स्वीटजरलैंड) से करीब 3.5 किमी. का ट्रेक करना पड़ता है। तुंगनाथ मंदिर की चढ़ाई को पूरा करने के लिए भी घोड़े और खच्चर की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन इस चढ़ाई को घोड़े और खच्चर का सहारा लिए बिना भी ट्रेक करके कम्प्लीट किया जा सकता है।

इन्हें भी पढ़ें:- कम खर्च में तुंगनाथ मंदिर की यात्रा कैसे करें।

धारी देवी मंदिर रुद्रप्रयाग – Dhari Devi Temple Rudraprayag In Hindi.

धारी देवी उत्तराखंड का एक ऐसा चमत्कारी मंदिर है, जिन्हें एक दिन में तीन रूपों में देखा जाता है। दोस्तों आप इस बात से बिलकुल दंग रह जाएंगे कि माता धारी देवी के इस मूर्ति को सुबह में एक कन्या, दोपहर में एक युवती यानी महिला और शाम में एक बूढ़ी औरत के रूप में देखा जाता है, जो काफी चौंका देने वाली बात है।

धारी देवी मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में रुद्रप्रयाग शहर से करीब 20 किमी. की दूरी पर स्थित है, जहां जाने के लिए उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे अन्य प्रमुख शहरों से बस की सुविधा उपलब्ध होती है।

रुद्रप्रयाग के इन सभी जगहों पर जाने का सबसे अच्छा समय –

दोस्तों आपको बता दूं कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित इस सभी जगहों में से धारी देवी मंदिर के अलावा बाकी सभी जगहों पर आपको सर्दी के मौसम में बर्फ भी देखने को मिल जाएंगे। इसलिए अगर आप बर्फ के मजे लेकर इन सभी जगहों को विजिट करना चाहते हैं, तो आप सर्दी के मौसम में रुद्रप्रयाग जिले के इन सभी जगहों को विजिट कर सकते हैं।

सर्दी के अलावा आप इन सभी जगहों को गर्मी में भी विजिट कर सकते हैं, लेकिन बरसात के मौसम में इन जगहों को विजिट ना करें, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्र में स्थित होने की वजह से बरसात के मौसम में इन सभी मंदिरों को विजिट करते समय लैंडस्लाइड होने का खतरा रहता है।

उत्तराखंड के किसी भी पर्यटन और धार्मिक स्थलों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।

धन्यवाद।

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