हेलो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम उत्तराखंड के नृसिंह मंदिर के बारे मे बिस्तार से जानने वाले है। इस पोस्ट मे हम जानेंगे नरसिंह मंदिर जोशीमठ के बारे में, नरसिंह अवतार की वजह, जोशीमठ में स्थित नरसिंह मंदिर की स्थापना की कहानी, क्या नरसिंह एवं बद्रीनाथ मंदिर एक दूसरे से जुड़ा हुआ है ? एवं नरसिंह मंदिर जोशीमठ कैसे जाए तो चलिए शुरू करते हैं –
नरसिंह मंदिर जोशीमठ के बारे में – About Narsingh Mandir Josimath in Hindi
नरसिंह मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिला के जोशीमठ में स्थित एक हिंदू धार्मिक स्थल हैं।नरसिंह का यह मंदिर भगवान विष्णु के चौथे अवतार यानी कि भगवान नरसिंह को समर्पित हैं। इस मंदिर को जोशीमठ के प्रमुख मंदिर के रूप में जाना जाता है। इस नरसिंह मंदिर को नरसिंह बद्री के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में स्थित नरसिंह भगवान पौराणिक कथा के अनुसार अपने प्रिय भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए राक्षस हिरणकश्यप के संघार करने के लिए अवतार लिए थे। इस नरसिंह मंदिर को भगवान के 108 दश्मो में से एक माना जाता है।
नर सिंह अवतार की वजह –
नरसिंह अवतार की वजह एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु यह रूप एक हिरणकश्यप नाम के व्यक्ति को मारने के लिए एवं अपने प्रिय भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के उद्देश्य से अवतरित हुए थे।
जोशीमठ में स्थित नरसिंह मंदिर की स्थापना की कहानी –
इस जोशीमठ में स्थित नरसिंह मंदिर की स्थापना को लेकर लोगों का कई अलग-अलग मत सामने आता है।
1. कुछ लोगों के कि किंवदंतियों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण आदि गुरु शंकराचार्य ने करवाया था।
2. कुछ मत के अनुसार इस नरसिंह मंदिर को महाभारत से जोडकर बताया जाता है कहा जाता है कि इस मंदिर का नीव पांडवों के द्वारा रखा गया था।
3. तो वही एक ओर लोगों द्वारा एक और किंवदंतियों का जिक्र किया जाता है कि यहां जोशीमठ में स्थापित मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी।
नरसिंह मंदिर में स्थापित नरसिंह की मंदिर से जुड़ी किंवदंतियां –
इस मंदिर में स्थापित प्रसिद्ध नरसिंह जी की मूर्ति की बाएं हाथ दिन प्रतिदिन घिसकर पतली होती जा रही हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित नरसिंह जी की प्रतिमा के हाथ जिस दिन टूट कर गिर जाएगी उस दिन नर एवं नारायण पर्वत जोकि जय एवं विजय पर्वत के नाम से प्रसिद्ध है, आपस में टकरा जाएंगे और इन पर्वत के आपस में टकराने के उपरांत बद्रीनाथ की मार्ग सादा के लिए बंद हो जाएगी।
क्या नरसिंह एवं बद्रीनाथ मंदिर एक दूसरे से जुड़ा हुआ है ?
सर्दियों के मौसम के दौरान जब बद्रीनाथ मंदिर बंद हो जाता है, तब बद्रीनाथ मंदिर के पुजारी नरसिंह मंदिर में पूजा को जारी रखने चले जाते हैं यानी कि हम कह सकते हैं कि नरसिंह मंदिर एवं बद्रीनाथ मंदिर के बीच आपस में एक संबंध जुड़ा हुआ है।
नरसिंह मंदिर जोशीमठ कैसे जाएं ? – How to Reach Narsingh Mandir Josimath in Hindi
नरसिंह मंदिर जोशीमठ अगर आप जाने का प्लान कर रहे हैं और सोच रहे हैं कि यहां पर जाए तो जाए कैसे तो आपको बता दें कि आप अपनी सुविधा के अनुसार यहां पर जाने के लिए किसी भी मार्ग (वायु, ट्रेन या सड़क) का चुनाव कर सकते हैं।
नरसिंह मंदिर जोशीमठ हवाई जहाज से कैसे पहुंचे ? – How to Reach Narsingh Mandir Josimath by Flight in Hindi
उत्तराखंड के नरसिंह मंदिर जोशीमठ अगर आप जाने का प्लान कर रहे हैं और सोच रहे हैं कि यहां पर हम हवाई जहाज के माध्यम से जाएं, तो आपको बता दें कि इस नरसिंह मंदिर जोशीमठ के नजदीकी एयरपोर्ट जौलीग्रांट है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आपको यहाँ से यहां के स्थानीय परिवहन की सुविधा नरसिंह मंदिर के लिए लेना पड़ेगा।
ट्रेन से नरसिंह मंदिर जोशीमठ कैसे पहुंचे ? – How to Reach Narsingh Mandir Josimath by Train in Hindi
नरसिंह मंदिर जोशीमठ अगर आप ट्रेन के माध्यम से जाना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि इस मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में स्थित है। आप ऋषिकेश पहुंचने के बाद वहां के रेलवे स्टेशन से बस या टैक्सी की सुविधा लेकर नरसिंह मंदिर जोशीमठ आसानी से पहुंच सकते हैं।
नरसिंह मंदिर जोशीमठ सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे ? – How to Reach Narsingh Mandir Josimath by Bus in Hindi
नरसिंह मंदिर जोशीमठ अगर आप सड़क मार्ग के द्वारा खुद के वाहन से जाना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि यह मंदिर चमोली जिला में स्थित हैं। और चमोली जिला भारत के अलग-अलग शहरों के नेशनल हाईवे से जुड़ा हुआ है, तो आप चमोली पहुंचकर वहां से नरसिंह मंदिर आराम से जा पाएंगे।
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित नरसिंह मंदिर के बारे में हमारे द्वारा लिखा गया यह पोस्ट कैसा लगा ? अगर अच्छा लगा हो तो आप इसे शेयर कर हमारा मनोबल बढ़ाएं।
धन्यवाद
इन्हें भी पढ़े : –