शोर मंदिर (महाबलीपुरम) का इतिहास और पूरी जानकारी | Shore Temple Mahabalipuram in Hindi

हेलो दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम तमिलनाडु राज्य में स्थित काफी पौराणिक हिंदू धार्मिक स्थल के बारे में जानने वाले हैं। इस हिंदू धार्मिक स्थल का नाम शोर मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की संरचना एवं वास्तुकला इस तरह से निर्मित है कि देखने जाने वाले देखते ही रह जाते हैं। यह मंदिर एवं इस मंदिर के आसपास का दृश्य इतना ज्यादा आकर्षक है कि लोगों का यहां जाने के उपरांत वापस आने का मन ही नहीं करता है।

वैसे हम इस आर्टिकल में इसी शोर मंदिर के बारे में ही जानकारी प्राप्त करने वाले हैं। अगर आप चाहते हैं कि इस मंदिर से जुड़ी पूरी जानकारी आपको प्राप्त हो तो आप हमारा यह आर्टिकल शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ें। तो चलिए अब हम अपने इस आर्टिकल में जानकारी की ओर बढ़ते हैं –

विषय - सूची

शोर मंदिर के बारे में – About Shore Temple Mahabalipuram in Hindi.

शोर मंदिर भारत के दक्षिणतम राज्य तमिलनाडु के महाबलीपुरम में स्थित एक हिंदू धार्मिक स्थल है। यह शोर मंदिर मुख्य रूप से भगवान विष्णु और भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर की संरचना पिरामिड के जैसा है यहां पर काफी अच्छी तरह से खूबसूरत नक्काशी करते हुए अलग-अलग जीव-जंतुओं की प्रतिमा बनाया गया है। यह मंदिर इतना पौराणिक हो गया है कि इसे संरक्षित करने के लिए यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची वाले स्थलों में भी शामिल कर लिया गया है। इस मंदिर से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल में अंत तक बने रहिए। चलिए हम अपने इस आर्टिकल में आगे की ओर बढ़ते हैं –

शोर मंदिर का इतिहास | History of Shore Temple Mahabalipuram in Hindi

भारत देश के दक्षिणतम राज्य तमिलनाडु के महाबलीपुरम में स्थित इस प्राचीन दर्शनीय स्थल के बारे में बात करें तो इसे सातवीं से आठव शताब्दी के दौरान बनाया गया था। इस मंदिर की वास्तुकला देखने से पता चलता है कि यह द्रविड़ वास्तु शैली पर निर्मित है। इस शोर मंदिर को वर्ष 1984 ईस्वी के दौरान यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल किया गया था। इस शोर मंदिर का निर्माण के बारे में बताया जाता है कि इसे पल्लव राजा नरसिंहवर्मन प्रथम के द्वारा निर्मित करवाया गया था

शोर मंदिर की वास्तुकला – Architecture of Shore Temple Mahabalipuram in Hindi

भारत के दक्षिणतम राज तमिलनाडु के महाबलीपुरम में स्थित शोर मंदिर की वास्तुकला यानी कि संरचना के बारे में बात करें तो, यह भारत के सबसे खूबसूरत वैसे मंदिरों में से एक है जो पत्थर से निर्मित है। यह शोर मंदिर पांच मंजिला रॉक कट संरचना वाला 60 फीट ऊंचा मंदिर है। इसकी संरचना पिरामिड के आकार जैसा है। महाबलीपुरम में स्थितियां शोर मंदिर मुख्य रूप से भगवान शिव और हरि विष्णु को समर्पित एक हिंदू धार्मिक स्थल है।

इस शोर मंदिर को 1984 ईस्वी में यूनेस्को विश्व धरोहर के स्थलों वाली सूची में भी शामिल कर लिया गया है। शोर मंदिर की संरचना अखंड है। इस मंदिर का कुछ भाग समुंद्र के पास में स्थित होने की वजह से नष्ट हो गया है।

शोर मंदिर की प्राचीन कथा – Story of Shore Temple Mahabalipuram in Hindi

इस शोर मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथाओं का जिक्र किया जाता है जिसमें बताया जाता है कि राक्षस हिरण्यकश्यप और उसके पुत्र प्रहलाद का संबंध इस मंदिर से है। हिरण्यकश्यप के अत्याचार और प्रहलाद के भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान श्री हरि विष्णु नरसिंह अवतार धारण करके इसी स्थान पर हिरण्यकश्यप का वध किया था। बताया जाता है कि प्रह्लाद के पिता के मृत्यु के पश्चात जब वह राजा बना तब इसके पुत्र राजा बलि ने महाबलीपुरम किस दर्शनीय स्थल की स्थापना करवाया था।

शोर मंदिर से जुड़ी रोचक बातें – Shore Temple Mahabalipuram in Hindi

तमिलनाडु राज्य में स्थित शोर मंदिर से जुड़ी रोचक बातों के बारे में बात करें, तो यह मंदिर कई खंडों में विभाजित है। प्रत्येक खंड में अलग-अलग देवी-देवताओं का स्थान है। यह शोर मंदिर काफी सुंदर संरचना और चित्रकारी वाला है। यह इतना ज्यादा आकर्षित है कि लोग इसे देखते ही रह जाते हैं। इस मंदिर परिसर में शेरों के कई सारी चित्र देखने को मिलते हैं, जो इस स्वर्ण मंदिर को और भी खास बनाती है। शोर मंदिर कई खंडों में विभाजित हो गया है जिसके अलग-अलग खंडों में अलग-अलग देवी-देवताओं का स्थान है

शोर मंदिर में मनाए जाने वाले उत्सव – Festival of Shore Temple Mahabalipuram in Hindi

महाबलीपुरम में स्थित इस शोर मंदिर में जनवरी से फरवरी माह के दौरान एक नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस समय यहां पर काफी अधिक संख्या में लोग तमिलनाडु के अलग-अलग क्षेत्रों के अलावा भारत के अलग-अलग क्षेत्रों से भी आया करते हैं।

तमिलनाडु राज्य के महाबलीपुरम में स्थित इस शोर मंदिर में मनाए जाने वाले उत्सव त्यौहर के बारे में बात करें, तो यहां पर त्यौहार या उत्सव जनवरी से फरवरी माह के बीच एक नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाता है जोकि महाबलीपुरम में पर्यटकों को अपनी ओर अधिक संख्या में आकर्षित करने के लिए काफी होता है।

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शोर मंदिर खुलने और बंद होने का समय – Opening and Closeing Time of Shore Temple Mahabalipuram in Hindi

शोर मंदिर का खुलने और बंद होने का समय के बारे में बात करें तो यह मंदिर प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे खुलता है एवं शाम में 6:00 बजे ही बंद हो जाता है। इसी बीच इस मंदिर में सारी गतिविधियां की जाती है। अगर आप भी इस शोर मंदिर को विजिट करने जाने के बारे में सोच रहे हैं तो इसी समय के बीच आप इस शोर मंदिर को विजिट करें।

शोर मंदिर का प्रवेश शुल्क – Entry Fee of Shore Temple Mahabalipuram in Hindi

शोर मंदिर को विजिट करने के लिए यहां पर प्रवेश शुल्क देना पड़ता है। अगर आप एक भारतीय हैं तो आपको प्रवेश शुल्क के रूप में ₹40 का टिकट लेना होगा वही अगर आप एक विदेशी है तो आपको प्रवेश शुल्क के लिए ₹600 देने होंगे। एक बात और इस शोर मंदिर में प्रवेश करने के लिए छोटे बच्चे का निशुल्क प्रवेश हैं।उनसे कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है।

शोर मंदिर विजिट करने के लिए टिप्स Tips for Visiting Shore Temple Mahabalipuram in Hindi

  • शोर मंदिर में जाने के लिए आपको प्रवेश शुल्क भी लगता है।
  • इस शोर मंदिर में 15 साल से छोटी उम्र के बच्चों के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगता है।
  • इस शोर मंदिर को आप गर्मी के मौसम के दौरान विजिट करने से बचें
  • इस शोर मंदिर को अगर आप गर्मी के मौसम के दौरान विजिट करना चाहते हैं, तो आप यहां पर सुबह या शाम में जा सकते हैं।
  • इस शोर मंदिर को विजिट करते समय आप अपने साथ एक अच्छा कैमरा या एक अच्छा कैमरा वाला फोन अवश्य ले जाए ताकि आप यहां के तस्वीर यादगार के रूप में कैद कर सकते हैं।

शोर मंदिर घूमने जाने का अच्छा समय – Best Time to Visit Shore Temple Mahabalipuram in Hindi

शोर मंदिर को विजिट करने के बारे में बात करें, तो यहां पर वैसे तो कोई भी व्यक्ति पूरे साल में कभी भी जा सकता है लेकिन यहां पर गर्मी के मौसम के दौरान तापमान काफी अधिक बढ़ जाता है जिसकी वजह से लोग यहां पर जाने से कतराते हैं क्योंकि जब लोग गर्मी के मौसम के दौरान जाते हैं तो उन्हें कई सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसलिए लोग यहां पर अधिकतर सर्दी के मौसम के दौरान यानी कि अक्टूबर से मार्च के बीच जाना पसंद करते हैं और यही समय को भी इस शोर मंदिर विजिट करने का अनुकूल समय भी माना जाता है।

शोर मंदिर कैसे पहुंचे – How to Reach Shore Temple Mahabalipuram in Hindi

शोर मंदिर पहुंचने के बारे में बात करें तो यहां पर कोई भी किसी भी माध्यम से जैसे – वायु मार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग के सहायता से काफी सरलता पूर्वक इस शोर मंदिर में पहुंच सकता है।

अगर हम इस शोर मंदिर के नजदीक की मुख्य रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा की बात करें तो चेन्नई में देखा जा सकता है। चेन्नई के लिए भारत के तकरीबन हर क्षेत्र से डायरेक्ट फ्लाइट की सुविधा आपको मिल जाएगी। चेन्नई पहुंचने के उपरांत चेन्नई में चलने वाले स्थानीय परिवार से जैसे – टैक्सी, ओला आदि की सहायता से आप इस शोर मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं

सुर मंदिर से जुड़े पूछे जाने वाले प्रश्न – FAQ

प्रश्न – शोर मंदिर कहां स्थित है

उत्तर – शोर मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के महाबलीपुरम में स्थित है।

प्रश्न – शोर मंदिर किस राज्य में है

उत्तर – शोर मंदिर भारत के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में स्थित है।

प्रश्न – शोर मंदिर के प्रमुख देवता कौन हैं ?

उत्तर – शोर मंदिर में मुख्य रूप से भगवान विष्णु और भोलेनाथ की पूजा की जाती है।

प्रश्न – शोर मंदिर का निर्माण किसने करवाया था

उत्तर – शोर मंदिर का निर्माण पल्लव राजा नरसिंहवर्मन प्रथम के द्वारा करवाया गया था।

प्रश्न – शोर मंदिर का निर्माण कब हुआ था

उत्तर – शोर मंदिर का निर्माण 700 से 728 ईसवी के दौरान किया गया था।

प्रश्न – शोर मंदिर को कब यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया था ?

उत्तर – शोर मंदिर को मुख्य रूप से 1984 ईस्वी के दौरान यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया था।

नमस्कार साथियों, तमिलनाडु राज्य में स्थित शोर मंदिर के बारे में हमारा यह आर्टिकल यहीं पर समाप्त होता है। हमारे इस आर्टिकल से जुड़ी अगर आप हमें कोई अपडेट या सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम उसे अपने आर्टिकल को अपडेट करते समय अपने आर्टिकल में आपके द्वारा दिए गए सुझाव या अपडेट को स्थान दे सके। एक बात और अगर आपको हमारी यह आर्टिकल पसंद आती है तो आप इसे अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों के साथ भी शेयर जरूर करें।

धन्यवाद

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