हवामहल को विजिट करने से पहले जान ले इससे जुड़ी रोचक बातें –

हवा महल राजस्थान के राजधानी जयपुर के गुलाबी शहर में स्थित आकर्षक वास्तुकाला वाला महल है। राजस्थान के सबसे प्राचीन इमारतों में से एक मानी जाती है इसे विजिट करने पर्यटक काफी अधिक संख्या में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के अलावा विदेशों से भी आया करते हैं। यह 5 मजिला इमारत देखने में मधुमक्खी के छत्ते से मिलता-जुलता दिखता है।

लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित यह महल सिटी पैलेस के पास में ही बना हुआ है। अगर आप भी इस हवामहल से जुड़ी हुई कुछ आश्चर्यजनक और रोचक बातें जानना चाहते हैं, तो आप हमारी इस आर्टिकल में अंत तक बने रहे ताकि आपको इस हवामहल से जुड़ी कुछ दिलचस्प रोचक बातें पता चल सके। तो चलिए हम अपनी शक्ल में आगे जानकारी की ओर बढ़ते हैं –

हवा महल के रोचक दिलचस्प बातें –

हवा महल के नाम के पीछे का राज –

हवामहल से जुड़ी इस रोचक तथ्य के बारे में इतिहास से उल्लेख मिलता है कि इस महल का नाम इसकी पांचवी मंजिल के नाम पर रखा गया है। क्योंकि पांचवी मंजिल को हवा मंदिर के नाम से जाना जाता है, इसके अलावा इस हवा महल में तीन छोटे बड़े मंदिर भी मौजूद है।

इस हवामहल में कुल 953 छोटे-बड़े खिड़कियां और झरोखे बने हुए हैं। इन खिड़कियों को बनाने का उद्देश्य ताजी हवा गर्मियों के दिनों में पाना और रानीयो एवं राजकुमारियों को बाहर का दृश्य दिखाना ही मुख्य उद्देश्य था। हवा महल का अर्थ हवा का महल है।

हवामहल का गर्मियों के मौसम में भी ठंडा रहने का राज –

इस हवामहल को इस तरह से बनाया गया है कि भले ही राजस्थान में कितनी भी अधिक गर्मी पड़े फिर भी यह महल गर्मी के मौसम में भी आम इमारत की तुलना में उतना गर्म नहीं होता है। इसके पीछे का कारण इसकी वास्तुकला बताई जाती है। इस महल में कुल 953 छोटे-बड़े खिड़किया बनी हुई है, जिससे होकर ठंडी हवाएं अंदर आती है और इस महल को हमेशा ठंडा रखती है।

यह हवा महल बिना किसी नीव की बनी हुई एक खूबसूरत इमारत है –

राजस्थान के जयपुर शहर में स्थित इस हवा महल से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह है कि यह इमारत विश्व की ऐसी इमारतों में शामिल है जो कि पांच मंजिला ऊंचा इमारत होने के बावजूद बिना किसी ठोस नीव के ही खड़ी है। यह हवामहल देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत तो दिखता ही है, इसके पीछे बनाने का राज भी काफी खूबसूरत एवं आश्चर्यचकित कर देने वाला है।

हवा महल की आकार –

राजस्थान के खूबसूरत हवामहल को लोग इसकी बनावट और आकृति के कारण काफी अधिक संख्या में विजिट किया करते हैं। इस हवा महल की आकृति को लेकर लोगों का ऐसा मत है कि यह हवामहल कृष्ण के मुकुट से मिलता है।

ऐसा लोगों का इसलिए कहना है क्योंकि इसे बनाने वाले महाराजा सवाई प्रतापसिंह भगवान कृष्ण का बहुत बड़ा भक्त हुआ करते थे, जिसकी वजह से लोग इस हवा महल के बारे में उनकी मुकुट से तुलना करते हुए बात किया करते हैं।

हवा महल का प्रवेश द्वार –

राजस्थान का जयपुर में स्थित इस खूबसूरत हवा महल की आकृति इस तरह से है कि इस हवा महल में अंतर प्रवेश करने के लिए आपको सामने से प्रवेश द्वार नहीं दिखाई देंगे। आपको इस हवामहल में अंदर जाने के लिए सिटी पैलेस की तरफ से अंदर जाना होग क्योंकि इस हवामहल में सामने से कोई भी दरवाजा नहीं बना हुआ है।

हवामहल में बनी अनेकों खिड़कियां –

हवामहल अपनी खूबसूरत वास्तुकला और नक्काशी के लिए काफी प्रसिद्ध है। इस हवामहल को इस तरह से बनाया गया है कि इसे सामने से देखने पर मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखता है। इस आकर्षक महल में कुल 953 खिड़कियां बनी हुई है, जोकि देखने में काफी ज्यादा आकर्षक एवं मनमोहक दिखता है। इन्हीं खिड़कियों की वजह से यह हवामहल गर्मियों में भी अन्य इमारत की तुलना में काफी ठंडक महसूस कराता है।

हवा महल की सीढ़ियाँ –

जयपुर में स्थित एक खूबसूरत 5 मंजिला इमारत में किसी भी मंजिल में कोई भी सीढ़ी नहीं बनी हुई है। हवामहल में सभी मंजिल तक जाने के लिए आपको ढलान किए रास्ते का इस्तेमाल करते हुए भी जाना होगा। क्योंकि इस पाँच मंजिला इमारत में किसी भी मंजिल तक जाने के लिए ढलान रास्ते ही बने हुए हैं सीढ़ियां नहीं बनाई गई है।

नमस्कार दोस्तों, हवामहल से जुड़ी रोचक बातों के बारे में हमारा यह आर्टिकल यहीं पर समाप्त होता है। आपको हमारी यह जानकारी कैसी लगी आप अपना राय हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। एक बात और अगर आपको हमारे इस आर्टिकल से जुड़े कोई आप हमें राय या सुझाव देना चाहते हैं, तो बेशक हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।

धन्यवाद

इन्हें भी पढ़े : –

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RANDOM POSTS