जगन्नाथ मंदिर से जुड़े टॉप 8 रहस्य

जगन्नाथ मंदिर भारत देश के राज्य उड़ीसा के समुद्री तट के किनारे बसे पूरी में स्थित है। इस जगन्नाथ मंदिर को भारत के चार धामों में से एक माना जाता है। भारत में चार धाम की काफी ज्यादा महत्व है। यह जगन्नाथ मंदिर मुख्य रूप से भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। बंगाल की खाड़ी के पूर्वी छोर पर बसा यह पवित्र नगरी पूरी में स्थित है। इस जगन्नाथ पुरी मंदिर को पुराणों में धरती का वैकुण्ठ कहां गया है।

जगन्नाथ मंदिर से जुड़े अनसुलझे रहस्य

आज के इस आर्टिकल में हम भारत देश के उड़ीसा राज्य के बंगाल की खाड़ी के पूर्वी छोर पर बसा पवित्र नगरी पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी रहस्य के बारे में जानने वाले हैं। जगन्नाथ पुरी मंदिर से जुड़ी कई सारी रहस्य हैं जिसने वैज्ञानिकों को भी हैरान कर के रखा हुआ है। अगर आप भी इस जगन्नाथ मंदिर से जुड़े रहस्य को जानना चाहते हैं, तो आप हमारी इस आर्टिकल को पूरा अंत तक जरूर पढ़े। चलिए अब हम अपने इस आर्टिकल में जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी रहस्य की ओर बढ़ते हैं –

जगन्नाथ मंदिर में नही सुनाई देती समुंद्र के लहरों का आवाज

यह जगन्नाथ मंदिर समुद्र तट के काफी नजदीक में स्थित हैं। इस मंदिर से जैसे ही एक कदम बाहर निकालने पर समुद्र की काफी जोर से जोर से आवाज सुनाई देती है लेकिन वही इस मंदिर के अंदर की भाग में जाने पर समुद्र के थोड़ा सा भी आवाज सुनाई नहीं देता है। यह भी अपने आप में एक अनसुलझा रहस्य बना हुआ है।

जगन्नाथ मंदिर के रसोई और प्रसाद का रहस्य

जगन्नाथ मंदिर का रसोई विश्व का सबसे बड़ा रसोई में से एक माना जाता है। यहां पर भगवान के प्रसाद पकाने के लिए 7 बर्तन एक के ऊपर एक रखे जाते हैं। लेकिन सबसे आश्चर्य कर देने वाली बात यह है कि ईन 7 बर्तनों में सबसे ऊपर रखे बर्तन का प्रसाद सबसे पहले पकता है फिर ऊपर वाले के जस्ट नीचे वाला, फिर उसके नीचे वाला इसी तरह प्रसाद ऊपर से पकते हुए नीचे वाले बर्तन तक पहुंचता है।

जगन्नाथ मंदिर में जाने वाले भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया जाता है लेकिन सबसे खास बात इस मंदिर की यह है कि यहां पर भक्त वैसे तो हजारों की संख्या के साथ-साथ लाखों की संख्या में भी आया करते हैं लेकिन किसी भी दिन ऐसा नहीं हुआ जिस दिन यहां पर प्रसाद की कमी हुई हो चाहे भक्त कितना भी क्यों ना आ जाए। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में प्रसाद तभी खत्म होता है जब मंदिर के दरवाजे को बंद कर दिया जाता है। यह भी अपने आप में एक आज भी रहस्य बना हुआ है।

जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर लगे हवा के विपरीत लहराता ध्वज

जगन्नाथ मंदिर के ऊपरी शीर्ष पर लगे झंडे के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह झंडा हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है। हवा का रुख जिस भी दिशा में होता है झंडा ठीक उसके विपरीत दिशा में लहराता है। आमतौर पर दिन के समय में हवा समुंद्र से धरती की ओर चलती है और शाम को धरती से समुद्र की ओर लेकिन यहां पर आश्चर्यचकित कर देने वाली यह बता है कि यह प्रक्रिया इस जगन्नाथ मंदिर के पास ठीक उल्टी हो जाती है।

जगन्नाथ मंदिर के शिखर के छाया कभी नहीं बनती

उड़ीसा राज्य में स्थित जगन्नाथ मंदिर की ऊंचाई 214 फिट है। जैसा कि आपको मालूम ही है कि विश्व में जितनी भी सारी वस्तुएं स्थित हैं उनकी एक परछाई बनती है, लेकिन इस मंदिर में यह विज्ञान फेल हो जाता है। इस मंदिर के ऊपरी हिस्से के शिखर की छाया हमेशा अदृश्य ही रहती है शिखर की छाया कभी नहीं दिखती।

जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर लगा सुदर्शन चक्र का रहस्य

इस जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र लगा हुआ है जिसके बारे में बताया जाता है, कि उस चक्र को आप किसी भी दिशा में कहीं भी खड़ा हो कर देखेंगे तो आपको ऐसा प्रतीत होगा कि उस चक्र का मुंह आपकी तरफ ही हैं। यह भी अपने आप में एक आज भी रहस्य बना हुआ है।

जगन्नाथ मंदिर के ऊपरी हिस्से से कभी भी पक्षियाँ नहीं गुजराती –

आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि किसी भी ऊंची इमारत या मंदिर का शिखर पर कई सारे पक्षी बैठा करते या उसके ऊपर से उड़कर गुजारा करती है, लेकिन इस जगन्नाथ मंदिर के पास ऐसा कुछ नहीं होता। इस मंदिर के ऊपरी हिस्से से आज तक किसी पक्षी को उड़ते हुए या इस मंदिर के ऊपरी हिस्से पर बैठा हुआ नहीं देखा गया है।

विश्व की सबसे बड़ी रथ यात्रा –

इस जगन्नाथ मंदिर में आषाढ़ मास के दौरान रथयात्रा निकाली जाती है। इस रथयात्रा में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के अलावा लोग विश्व के अलग-अलग देशों से भी आया करते हैं। इस मंदिर की रथ यात्रा को विश्व की सबसे बड़ी रथ यात्रा के रूप में भी जाना जाता है।

जगन्नाथ मंदिर में स्थित मूर्तियों का रहस्य –

उड़ीसा राज्य में स्थित जगन्नाथ मंदिर में स्थापित श्री जगन्नाथ जी, बलदेव और देवी सुभद्रा तीनों की मूर्तियां को प्रत्येक 12 साल के अंतराल पर बदला जाता है। इसे बदलने की प्रक्रिया भी काफी रोचक है। बताया जाता है कि इन मूर्तियों को बदलने के लिए आसपास के साथ-साथ पूरे शहर में अंधेरा कर दिया जाता है, तब इस मंदिर में स्थापित मूर्तियों को यहां के पुजारी जाकर बदला करते हैं।

नमस्कार साथियों, जगन्नाथ मंदिर से जुड़े हर रहस्य के बारे में लिखा गया हमारा यह आर्टिकल यहीं पर समाप्त होता है। आपको हमारी यह आर्टिकल कैसा लगा आप अपना राय हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। एक बात और अगर आप हमें इस आर्टिकल से जुड़ी कोई अपडेट या सुझाव देना चाहते हैं, तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम उसे अपनी इस आर्टिकल को अपडेट करते समय आपके द्वारा दिए गए सुझाव या अपडेट को अपने आर्टिकल में स्थान दे सकते हैं।

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