नारायणी माता मंदिर | Narayani Mata Temple Alwar Rajasthan In Hindi.

नारायणी माता मंदिर राजस्थान के अलवर जिले में स्थित सेन समाज की कुलदेवी हैं, जो न केवल सेन समाज बल्कि अन्य धर्मावलंबियों के लिए भी आस्था का केंद्र बनी हुई हैं। नारायणी माता के इतिहास से जुड़ी कहानी आज भी एक रहस्यमयी बनी हुई है। तो आइए जानते हैं नारायणी माता के इतिहास के बारे में –

नारायणी माता मंदिर कहां स्थित है ?

नारायणी माता मंदिर राजस्थान के अलवर जिले में स्थित अरावली पर्वत के मध्य में है, जो भानगढ़ फोर्ट से करीब 12 किमी. की दूरी पर स्थित है।

नारायणी माता मंदिर का इतिहास – History of Narayani Mata Temple Alwar Rajasthan In Hindi.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि यह कहानी उस समय की है जब सेन समाज की कुलदेवी कही जाने वाली नारायणी माता का विवाह हुआ था। उस समय आवाजाही के लिए बैल गाड़ी वगैरह की सुविधा होने की वजह से विदाई होने के बाद माता नारायणी देवी अपने पति के साथ पैदल ही ससुराल जा रही थीं।

गर्मी के दिन होने की वजह से वे दोनों एक वट वृक्ष के नीचे विश्राम करने लगे। विश्राम के दौरान उनके पति को एक काले सांप ने डस लिया, जिसकी वजह से उनके पति की मृत्यु हो गई। पति को मरते देख माता नारायणी देवी वहीं पर बिलख-बिलख कर रोने लगी, लेकिन जंगल काफी सुनसान था और दोपहर का समय होने की वजह से कोई भी व्यक्ति उनके पास नहीं पहुंच सका। वट वृक्ष का पेड़ आज भी मंदिर के परिसर में मौजूद है।

शाम होने पर कुछ ग्वाले अपनी गायों को लेकर वहां से गुजर रहे थे, तभी अचानक उन्हें माता नारायणी देवी की आवाज सुनाई दी। उस आवाज को सुनकर ग्वाले वहां आ पहुंचे। माता ने ग्वालों को देखकर अपने पति की मरने की पूरी कहानी बताई और उनसे चीता के लिए लकड़ी लाने को कहा। ग्वालों ने मिलकर कुछ ही समय में वहीं बगल के पेड़ से लकड़ियां तोड़कर चिता तैयार कर दिया। सती प्रथा होने की वजह से नारायणी माता चीता पर बैठ गई।

लोगों का मानना है कि चीता में अचानक आग लग गई और कुछ ही देर बाद चीता से आवाज आई कि आपने चीता तैयार करने में मेरी मदद की है, इसलिए अगर आपकी कोई इच्छा हो, तो आप हमें बता सकते हैं। तभी एक ग्वाले ने कहा कि हे माते ! इस स्थान पर पानी नहीं होने पर खेती करने और जानवरों को पानी पिलाने में काफी दिक्कत होती है और इस समय अकाल पड़ने की वजह से हमारे गांव के कुछ जानवरों की लगातार मृत्यु भी होती चली आ रही है, इसलिए आप हमारी पानी की समस्या को दूर करने में हमारी मदद करें।

चीता के अंदर से आवाज आती है कि अगर तुम में से कोई भी व्यक्ति इस प्रज्वलित चीते से एक लकड़ी उठाकर जहां तक बिना पीछे देखे दौड़ कर चला जाएगा वहां तक पानी की सुविधा हो जाएगी और ऐसा करने से तुम्हारी पानी की समस्या भी खत्म हो जाएगी, लेकिन अगर वह व्यक्ति जहां भी पीछे की तरफ देख लेगा, वहीं पर पानी की धारा रुक जाएगी।

इतना सुनते के बाद एक ग्वाले ने चीते से एक लकड़ी उठाकर उसी दिशा में दौड़ने लगा, जिस दिशा में उनको पानी की सबसे ज्यादा जरूरत थी। उनके यहां पानी की इतनी जरूरत है कि वह ग्वाला करीब दो कोश दूर तक दौड़ते हुए चला गया और वहां पर जाने के बाद रुक गया। मान्यता के अनुसार पानी की धारा भी वह पर रुक गई और आज के समय में भी यह पानी गांव वालों के खेती करने के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है। यह पानी एक समान रूप से निरंतर बहता रहता है, जो ना कभी कम और ना कभी ज्यादा होता है।

नारायणी माता मंदिर के खुलने और बंद होने का समय –

यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए हर रोज सुबह 08:00 बजे खुलता है और रात 08:00 बजे बंद हो जाता है। इन दोनों समय के बीच नारायणी माता का दर्शन और पूजा-अर्चना कभी भी किया जा सकता है।

मंदिर के परिसर में नारायणी माता को चढ़ाने के लिए प्रसाद भी उपलब्ध होता है, जहां से आप प्रसाद खरीद कर नारायणी माता को चढ़ा सकते हैं।

नारायणी माता मंदिर में स्नान करने और पार्किंग की व्यवस्था –

नारायणी माता मंदिर में पुरुषों और महिलाओं को स्नान करने के लिए दो अलग-अलग कुंड बनाया गया है, जो एक-दूसरे से कुछ दूरी पर है। मंदिर में दर्शन करने के लिए भी पुरुषों और महिलाओं के लिए दो अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाए गए हैं।

नारायणी माता मंदिर के परिसर में पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसमें वाहनों को पार्क करने के लिए पैसा नहीं लिया जाता है।

नारायणी माता मंदिर कैसे पहुंचे ? – How to Reach Narayani Mata Temple Alwar Rajasthan In Hindi.

नजदीकी हवाई अड्डा है, जो यहां से लगभग 89 किमी. की दूरी पर स्थित है।

नजदीकी रेलवे स्टेशन दौसा है, जो मंदिर से करीब 37 किमी. की दूरी पर स्थित है।

नजदीकी बस स्टैंड भानगढ़ है, जिसकी दूरी मंदिर से करीब 12 किमी. है। इन तीनों स्थानों से मंदिर तक जाने के लिए बस और टैक्सी वगैरह की सुविधा उपलब्ध होती है।

मैं आशा करता हूं कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर इस पोस्ट से संबंधित आपका कोई सवाल हो, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बताना ना भूलें।

धन्यवाद !

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