हेलो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट में आपका स्वागत है। आज हम उत्तराखंड के टिहरी जिला में स्थित बूढ़ा केदार मंदिर जो कि बाल गंगा एवं धर्म गंगा नदियों के संगम के पास स्थित है, के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं। इस मंदिर को कई लोग महाभारत से जोड़कर देखते हैं। इस मंदिर से जुड़ी भी कहानी महाभारत की ओर ही इशारा करती है। इस मंदिर को लोग पांचवा केदार के नाम से भी जानते हैं। तो चलिए हम इस बूढ़ा केदार मंदिर के बारे में विस्तार के साथ जानने का प्रयास करते हैं।
बूढ़ा केदार मंदिर के बारे में – About Budha Kedar Temple Uttrakhand In Hindi
बूढ़ा केदार मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिला में टिहरी शहर से लगभग 60 किलोमीटर की की दूरी पर समुद्र तल से तकरीबन 4400 फुट की ऊंचाई के साथ स्थित हिंदुओं का एक पवित्र धार्मिक स्थल है।
यह पवित्र बूढ़ा केदार मंदिर भगवान शिव को समर्पित हिंदू धर्म से जुड़ी एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस मंदिर का महत्व भी उत्तराखंड के चार धामों जैसा है, इसे लोग पाँचवा केदार के लिए भी जानते हैं। यह पवित्र मंदिर बूढ़ा केदार बाल गंगा और धर्म गंगा नदियों के संगम के पास स्थित हैं। विशेष महत्व वाला इस बूढ़ा केदार मंदिर में स्थापित शिवलिंग एक स्वयं निर्मित शिवलिंग हैं। बताया जाता है कि यह शिवलिंग अंदर से कितना बड़ा है किसी को नहीं मालूम।
बूढ़ा केदार मंदिर का पौराणिक कथा –
इस बूढ़ा केदार मंदिर से जुड़ी एक पुरानी कहानी का जिक्र किया जाता है, जिसमें बताया जाता है कि भगवान श्री कृष्ण के कहने पर पांडवों ने भगवान शिव की आराधना की थी। तभी भगवान शिव पांडवों के सामने वृद्ध ब्राह्मण के रूप में दर्शन दिए और उनके समाधान का निवारण करने के पश्चात वहीं लिंग में परिवर्तित हो गए।
बूढ़ा केदार मंदिर का नाम बूढ़ा केदार क्यों पड़ा ?
बूढ़ा केदार मंदिर के नाम को लेकर कुछ लोगों के मन में ये सवाल आता है कि अखिर इस मंदिर का नाम बुढ़ा केदार क्यों पडा ? तो आपको मालूम होगा कि बुढ़ा का मतलब वृद्ध होता है जिस रूप में भगवान शिव पांडवों को दर्शन दिए थे, वह एक वृद्ध ब्राह्मण का रूप था। इसी तरह वृद्ध के रूप में पांडवों को दर्शन देने के कारण वृद्ध केदारेश्वर या केदारनाथ का नाम पड़ गया।
बूढ़ा केदार मंदिर कैसे पहुंचे ? – How to Reach Budha Kedar Temple Uttrakhand In Hindi
बूढ़ा केदार मंदिर जाने का प्लान अगर आप बना रहे हैं, तो आपको यह भी जान लेना चाहिए कि यहां पर कैसे पहुंचा जाए। आपको बता दें कि बूढ़ा केदार मंदिर टिहरी से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उत्तराखंड का टिहरी जिला सड़क मार्ग के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहां पर आप खुद की कार बाइक या बस के माध्यम से भी आसपास के प्रमुख शहरों से आसानी से पहुंच सकते हैं और बूढ़ा केदार मंदिर को विजिट कर सकते हैं।
उत्तराखंड के बाल गंगा और धर्म गंगा नदियों के संगम के पास स्थित बुढ़ा केदार मंदिर के बारे में हमारे द्वारा लिखा गया यह ब्लॉग पोस्ट आपको कैसा लगा ? अगर अच्छा लगा हो तो आप इसे शेयर जरूर करें और इस पोस्ट से जुडी आप अपना राय हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
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