नैना देवी मंदिर बिलासपुर, कैसे जाएं, कथा, त्यौहार | Naina Devi Temple Bilaspur In Hindi

हेलो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम हिमाचल प्रदेश में स्थित नैना देवी मंदिर के बारे में पूरी जानकारी को विस्तार से जानने वाले हैं। आखिर यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक क्यों माना जाता है ? इस मंदिर का नाम नैना देवी क्यों पड़ा ? यहां पर कैसे पहुंचा जाए ? इन सभी सवालों का जवाब हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे तो चलिए शुरू करते है –

नैना देवी मंदिर के बारे में – About Naina Devi Temple Bilaspur In Hindi

हमारे भारत देश के पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में स्थित हैं यह नैना देवी का मंदिर। मां नैना देवी का मंदिर हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। यह भव्य मंदिर शिवालिक पर्वत श्रेणी की पहाड़ी पर स्थित है। इस नैना देवी के मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मां नैना देवी का यह मंदिर शिवालिक पर्वत श्रेणी पर समुद्र तल से लगभग 1100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पुराने ग्रंथों के अनुसार कहा जाता है कि इस मंदिर स्थान के पास ही माता सती का नेत्र गिरा था।

नैना देवी मंदिर से जुड़ा पौराणिक सती कथा –

हमें मालूम ही है कि पूरे भारतवर्ष में कुल 51 शक्तिपीठ हैं जिनमें से माता नैना देवी का यह मंदिर भी एक हैं। इन सभी 51 शक्तिपीठों की उत्पत्ति की कथा भी एक है।

पौराणिक धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शंकर के ससुर यानी की माता सती के पिता जिनका नाम दक्ष था। उन्होंने एक बार एक यज्ञ का आयोजन किया इस यज्ञ के आयोजन के दौरान राजा दक्ष ने भगवान शंकर और माता सती को आमंत्रित नहीं किया। कारण राजा दक्ष भगवान शंकर को अपने तुल्य नहीं समझते थे। ये बात जान माता सती को बुरा लगा और वह बिना आमंत्रण ही यज्ञ में पहुंच गई।

वही यज्ञ स्थल के पास ही भगवान शिव को काफी अपमानित किया गया, माता सती अपने पति का अपमान सहन न कर सकी और वह हवन कुंड में कूद गई। तत्पश्चात भगवान शिव ने हवन कुंड से माता सती के शरीर को निकालकर तांडव करने लगे, जिस कारण से पूरे ब्रह्मांड में हलचल मच गई।

इस संकट से पूरे ब्रह्मांड को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को 51 भागों में बांट दिया जिसके पश्चात माता सती के जो अंग जहां गिरे वह स्थान एक शक्तिपीठ के रूप में जाना जाने लगा। इसी कथा से जुड़ी मां नैना देवी का यह मंदिर है जहां पर भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र चलाने के बाद माता सती के शरीर का भाग नयन गिरा था।

नैना देवी मंदिर का प्रमुख त्यौहार –

माता नैना देवी के इस मंदिर के पास वैसे तो पूरे वर्ष श्रद्धालु काफी मात्रा में आया करते हैं, परंतु यहां पर तब काफी ज्यादा मात्रा में भीड़ हो जाती है जब यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है। इस माता नैना देवी मंदिर के पास वर्ष के दोनों नवरात्रि के दौरान विशाल मेले का आयोजन होता है, जहां पर केवल हिमाचल के ही लोग नहीं बल्कि पूरे भारत से लोग मेले के दौरान पूजन करने आते हैं। यह वहां का प्रमुख त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

क्या नैना देवी मंदिर के पास पर्यटक भी जाते हैं ?

हिमाचल प्रदेश में स्थित यह माता नैना देवी का मंदिर वैसे तो एक धार्मिक स्थल है। पूरे भारत से यहां श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं। और अगर रही पर्यटक के बात, तो यहां पर पर्यटक भी काफी ज्यादा मात्रा मे आया करते हैं। क्योंकि यहां आते समय दिखने वाला दृश्य एवं मंदिर के पास से देखने वाला दृश्य इतना खूबसूरत और खास होता है कि इसका कोई जवाब ही नहीं। मंदिर के पास से पहाड़ी पर दिखने वाले बादल ऐसे लगते हैं, जैसे कि वहां का मनमोहक दृश्य देखते ही रह जाएं।

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नैना देवी मंदिर के पास मिलने वाली सुविधा –

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में स्थित इस मंदिर के पास जाने से लेकर पूजा अर्चना घूमने फिरने के साथ-साथ खाने-पीने की भी व्यवस्था एवन कैटेगरी की है।

अगर यहां जाने की बात करें तो आप यहां खुद की गाड़ी से भी आसानी से जा सकते हैं। क्योंकि इस मंदिर का सड़क नेशनल हाईवे 21 से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इस मंदिर के पास खुद की गाड़ी पार्क करने की भी व्यवस्था है। और अगर पूजा अर्चना के बारे में बात करें तो आपको यहां पर उपस्थित चुनरी एवं मिठाइयों से सजी दुकानें पूजा-अर्चना के लिए सारी समान उपलब्ध करा देती है। जिसके कारण आपकी पूजा में किसी भी सामान की कमी नहीं देखने को मिलेगी।

पूजा अर्चना करने के बाद अगर यहां पर खाने पीने के व्यवस्था के बारे में बात की जाए तो यहां पर लंगर भी चलता है, जहां पर खाने पीने में किसी को कोई दिक्कत नहीं होती है।

अब अगर इस माता नैना देवी मंदिर के पास पहुंचने एवं घूमने-फिरने की बात करें तो यहां पर रोपवे की भी सुविधा उपलब्ध है, जहां आप नीचे से मंदिर के पास एवं मंदिर से नीचे रोपवे से आसानी से आ जा सकते हैं। यहां पर उपस्थित रोपवे या मंदिर के पास से देखने वाला पहाड़ी एवं आसपास का दृश्य काफी मनमोहक एवं आकर्षक होता है।

माता नैना देवी मंदिर कैसे पहुंचे ? – How to Reach Naina Devi Temple Bilaspur In Hindi

माता नैना देवी मंदिर अगर आप भी जाने का सोच रहे हैं और आप यह जानना चाहते हैं कि यहां पर कैसे जाएं, तो आपको बता दें कि आप अपनी सुविधा के अनुसार यहां पर वायु, रेल या सड़क किसी भी मार्ग से जा सकते हैं।

हवाई जहाज से नैना देवी मंदिर कैसे पहुंचे ? – How to Reach Naina Devi Temple Bilaspur by Flight In Hindi

अगर आप नैना देवी मंदिर देश के किसी भी कोने से आना चाहते हैं और आप सोच रहे हैं कि मैं हवाई जहाज से यहां पर जाऊं, तो आपको बता दें कि यहां आने के लिए आपको अपने यहां से चंडीगढ़ के हवाई अड्डे तक पहुंचना होगा। फिर वहां से आपको बस या टैक्सी करके माता नैना देवी मंदिर के पास जा सकते हैं।

ट्रेन से नैना देवी मंदिर कैसे पहुंचे ? – How to Reach Naina Devi Temple Bilaspur by Flight In Hindi

अगर आप भी नैना देवी मंदिर जाना चाहते हैं और सोच रहे हैं कि ट्रेन की सुविधा लेकर जाएं तो आपको बता दें कि आप अपने यहां से चंडीगढ़ या पालमपुर रेलवे स्टेशन तक ट्रेन से आ सकते हैं। उसके बाद आपको वहां के रेलवे स्टेशन से बस या टैक्सी लेकर माता नैना देवी मंदिर के पास पहुंचना होगा।

सड़क मार्ग से नैना देवी मंदिर कैसे पहुंचे ? – How to Reach Naina Devi Temple Bilaspur by Flight In Hindi

सड़क मार्ग से नैना देवी मंदिर अगर आप जाने का सोच रहे हैं, तो आपको बता दें कि आप दिल्ली से करनाल चंडीगढ़ होते हुए यहां पर आसानी से खुद की कार, बस या टैक्सी लेकर आ सकते हैं।

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में स्थित नैना देवी मंदिर के बारे में लिखा गया हमारा यह ब्लॉग पोस्ट आप लोगों को कैसा लगा ? हमारे इस पोस्ट से आप लोगों को किस तरह से मदद पहुंचे आप अपना राय हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।..

धन्यवाद…

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