हेलो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद के बारे में जानने वाले हैं। जामा मस्जिद से जुड़े लगभग सभी सवाल जैसे – जामा मस्जिद का इतिहास, इसका निर्माण किसने करवाया, इसका निर्माण कब हुआ था, इस मस्जिद में जाने के लिए कोई प्रवेश शुल्क भी लगती है या नहीं एवं यहां घूमने जाने का अच्छा समय कब रहेगा आदि ऐसे ही कई और सवालों का भी जवाब हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे, तो चलिए शुरू करते हैं। परंतु शुरू करने से पहले आपसे एक विनती हैं कि जामा मस्जिद के बारे में पूरी जानकारी अर्जित करने के लिए आप हमारे इस ब्लॉग पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।
जामा मस्जिद के बारे में – Jama Masjid ke Bare me in Hindi
दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद को शाहजहां के द्वारा बनवाया गया था। इसे बनने में तकरीबन 6 साल का समय लगा था, जो कि 1950 में इसका निर्माण शुरू हुआ और 1956 में समाप्त हुआ था। यह मस्जिद बलुआ पत्थर एवं सफेद संगमरमर से बना हुआ एक शानदार नक्काशी वाला मस्जिद है। यह जामा मस्जिद दिल्ली का प्रमुख एवं प्रसिद्ध आकर्षण वाला पर्यटन स्थलों में से एक हैं।
जामा मस्जिद इतना बड़ा है कि एक साथ तकरीबन 2500 लोग नमाज पढ़ सकते हैं। यह मस्जिद साइज में काफी बड़ा है। इस मस्जिद में तकरीबन 260 खंभ लगे हुए हैं और इन खंभों पर बेहतरीन तरीके से पौराणिक नक्काशी की गई हैं, जो देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत लगता है।
जामा मस्जिद को लेकर शाहजहां के बारे में बताया जाता है कि उनका यह मस्जिद आखिरी निर्माण वाला स्मारक था। इसके बाद उन्होंने कोई भी स्मारक नहीं बनवाया है। दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद एवं लाल किला के बीच की दूरी बहुत ही कम है।
दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद को विजिट करने पर्यटक भारत देश के अलग-अलग कोणों के अलावा विदेशों से भी आया करते हैं। सुंदर तरीके से नक्काशा गया जामा मस्जिद को देखने के लिए अक्सर यहां पर पर्यटकों की काफी भीड़ देखी जाती है।
जामा मस्जिद का निर्माण किसने करवाया था ?
दिल्ली में स्थित इस जामा मस्जिद का निर्माण शाहजहां के द्वारा 1656 ईसवी के दौरान करवाया गया था।
जामा मस्जिद का वास्तविक नाम क्या है ?
‘मस्जिद-ए-जहां नुमा’ जामा मस्जिद का यही वास्तविक नाम है।
भारत की सबसे बड़ी मस्जिद कौन सी है?
भारत की सबसे बड़ी मस्जिद के बारे में बात करें तो वह दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद हैं, जिसे शाहजहां के द्वारा निर्मित करवाया गया था।
जामा मस्जिद कब बनी थी?
जामा मस्जिद का निर्माण 1650 ई. के दौरान शुरू हुआ और 1656 में पूर्ण रूप से तैयार हो गया था।
जामा मस्जिद में जाने का प्रवेश शुल्क – Entry Fee of Jama Masjid Delhi In Hindi
दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद में जाने के लिए आपको कोई भी प्रवेश शुल्क देने की जरूरत नहीं है आप ऐसे ही जाकर वहां पर घूम सकते हैं। लेकिन अगर आप फोटोग्राफी करना चाहते हैं तो आपको फोटोग्राफी के लिए ₹200 से ₹300 तक का चार्ज देना पड़ सकता है।
जामा मस्जिद घूमने जाने का अच्छा समय – Best Time To Visit Jama Masjid Delhi In Hindi
दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद अगर आप घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको बता दें कि इस जामा मस्जिद में काफी ज्यादा मात्रा में भीड़ यहां पर आयोजित होने वाले त्योहरों के दौरान देखा जाता है जैसे ईद और रमजान के महीने में। आपको बता दें कि आप यहां पर पूरे साल में कभी भी घूमने जा सकते हैं, लेकिन आपको जामा मस्जिद में नमाज़ के समय के दौरान घूमने के लिए एंट्री नहीं दी जाती है।
दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद से जुड़े फैक्ट –
- दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद का निर्माण शाहजहां के द्वारा 1956 में करवाया गया था।
- दिल्ली का जामा मस्जिद लाल बलुआ पत्थर एवं सफेद संगमरमर से निर्मित है।
- दिल्ली के जामा मस्जिद का निर्माण शाहजहा ने 1000000 रुपए की लागत राशि में करवाया था।
- इस मस्जिद के बारे में बताया जाता है कि यहां पर एक साथ लगभग 2500 लोग बैठ कर प्रार्थना कर सकते हैं।
- दिल्ली में स्थित इस जामा मस्जिद के बारे में बताया जाता है कि यह भारत का सबसे बड़ा मस्जिद हैं।
- दिल्ली के जामा मस्जिद से जुड़े शाहजहां के बारे में बताया जाता है कि इनका यह आखिरी आर्किटेक्चर काम था।
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धन्यवाद
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