तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ी संपूर्ण जानकारी | Tirupati Balaji Mandir in Hindi

हेलो दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ी जानकारी के बारे में बात करने वाले हैं। इस तिरुपति बालाजी मंदिर को पृथ्वी का बैकुंठ के नाम से भी जाना जाता है। इस तिरुपति बालाजी मंदिर को भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक और भारत के सबसे धनी मंदिर में से भी एक माना जाता है।

यहां पर हर साल पर्यटकों का करोड़ों की संख्या में आना जाना लगा रहता है। इस तिरुपति बालाजी मंदिर को विजिट करने लोग भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के अलावा विदेशों से भी काफी अधिक संख्या में आया करते हैं। चलिए हम इस तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ी हुई जानकारियों को विस्तार से step-by-step जानने का प्रयास करते हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ी जानकारी जानने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल में अंत तक बने रहे –

तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में – About Tirupati Balaji Mandir

तिरुपति बालाजी मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिला में स्थित केवल आंध्र प्रदेश का ही नहीं बल्कि पूरे भारत का एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है। इस तिरुपति बालाजी मंदिर को विजिट करने श्रद्धालु पूरे साल काफी अधिक संख्या में आया करते हैं।

इस तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ी कई पौराणिक कहानियों का जिक्र किया जाता है। यह तिरुपति बालाजी मंदिर मुख्य रूप से वेंकटेश्वर स्वामी यानी भगवान विष्णु के समर्पित एक हिंदू धार्मिक स्थल है। यहां पर हजारों की संख्या में प्रतिदिन लोग अपना बाल को दान करने के लिए भी आया करते हैं।

इस तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ी आगे की जानकारी आप हमारे इस आर्टिकल में अंत तक बने रहने के उपरांत पढ़ सकते हैं, तो चलिए हम अपने इस आर्टिकल में जानकारी की ओर आगे बढ़ते हैं-

तिरुपति बालाजी मंदिर की इतिहास – History of Tirupati Balaji Mandir in Hindi.

तिरुपति बालाजी मंदिर भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के अंतर्गत आने वाले चित्तूर जिला में स्थित है। यह मंदिर भारत के सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले तीर्थ स्थल के सूची में आता है। यह तिरुपति बालाजी मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थल है।

इस मंदिर का इतिहास के बारे में बात करें तो बताया जाता है कि तिरुपति बालाजी मंदिर का निर्माण 300 ईसवी में शुरू हुआ था। इस तिरुपति बालाजी मंदिर के निर्माण में पौराणिक समय के दौरान कई राजाओं और सम्राटों के द्वारा अहम भूमिका निभाई गई है। इस तिरुपति बालाजी मंदिर के निर्माण में मुख्य भूमिका 18 वीं शताब्दी के दौरान निभाने वाले का नाम जर्नल राघोजी भोसले को बताया जाता है।

इस तिरुपति बालाजी मंदिर को पृथ्वी का बैकुंठ के रूप में जाना जाता है। इस तिरुपति बालाजी को भगवान विष्णु का निवास स्थान के रूप में भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार बताया जाता है कि भगवान विष्णु भक्तों का आशीर्वाद देने के लिए यहीं पर पृथ्वी से प्रकट हुए थे।

कुछ ग्रंथों के अनुसार यह भी बताया जाता है कि यहीं पर भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण के साथ लंका से वापस लौटते समय विश्राम किए थे। इस तिरुपति मंदिर पर 19 वीं शताब्दी के दौरान अंग्रेजों ने भी कब्जा कर लिया था।

तिरुपति बालाजी मंदिर की वास्तुकला – Architecture Of Tirumala Venkateshwara Temple In Hindi.

तिरुपति बालाजी मंदिर की वास्तुकला के बारे में बात करें तो यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला में बना हुआ है। बालाजी मंदिर के गर्भगृह को आनंद नीलयम कहा जाता है। तिरुपति बालाजी मंदिर मुख्य रूप से भगवान विष्णु को समर्पित हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।

तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान विष्णु के जो प्रतिमा देखी जा सकती है उसके बारे में बताया जाता है कि इसे किसी ने बनाया नहीं है बल्कि यह प्रतिमा खुद जमीन से प्रकट हुई है। इस प्रतिमा के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि यह प्रतिमा कलयुग के अंत तक यहीं पर ऐसे ही बनी रहने वाली हैं। आनंदा नीलियम में भगवान वेंकटेश्वर की 7 फीट ऊंची प्रतिमा को देखा जा सकता है जिसका मुंह पूर्व दिशा की तरफ बना हुआ है।

इस मंदिर के गर्भ गृह के ऊपर का गोपुरम को पूरी तरह से सोने की प्लेट से ढका गया है। मंदिर के तीनों द्वार पर स्वर्ण कलश लगे हुए हैं। मंदिर के गर्भगृह की ओर जाने के लिए बाहर से प्रमुख तीन प्रवेश द्वार बने हुए हैं।

मुख्य द्वार को पडिकावाली कहा जाता है। इस बालाजी मंदिर के ऊपरी शीर्ष पर 7 सोने की कलश स्थापित किए गए हैं, जिन्हें वेंडी वकीली के नाम से जाना जाता है

तिरुपति बालाजी में बाल दान करने की परंपरा – Why Do People Donate Hair At Tirupati Balaji.

जब आप तिरुपति बालाजी मंदिर को विजिट करेंगे तो आप यहां पर देखेंगे कि काफी लोग अपना बाल दान करते हैं। यहां पर बाल को दान करने की परंपरा काफी पुरानी मानी जाती है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि यहां पर बाल को दान करने से भगवान वेंकटेश्वर कुबेर से लिया गया कर्ज को चुका देना माना जाता है।

तिरुपति बालाजी में बाल को भेंट करने की परंपरा को मोक्कू के नाम से जाना जाता है। यहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग अपना बांध बाल दान किया करते हैं। यहां पर बाल को दान करने के लिए भी कुछ नियम है जैसे कि अगर आप यहां पर अपना बाल दान करना चाहते हैं, तो आपको मंदिर के अथॉरिटी से ब्लेड खुद लानी होगी। बाल दान करने के पश्चात स्नान करने के उपरांत कपड़े बदल कर ही आप मंदिर में तिरुपति बालाजी का दर्शन कर सकते हैं।

तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य – interesting facts about Tirupati Balaji in Hindi.

  • तिरुपति को आंध्र प्रदेश की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में जाना जाता है।
  • तिरुपति भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है।
  • तिरुपति का शाब्दिक अर्थ तमिल भाषा में साम्मानिय पति होता है।
  • तिरुपति बालाजी मंदिर को पृथ्वी का बैकुंठम के नाम से जाना जाता है।
  • तिरुपति बालाजी मंदिर का सबसे बड़ा वार्षिक उत्सव ब्रह्मोत्सवम हैं।
  • तिरुपति बालाजी मंदिर में वेंकटेश्वरस्वामी यानी भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित किया गया है।

तिरुपति बालाजी का दर्शन समय – Darshan Timings Of Tirupati Balaji In Hindi.

तिरुपति बालाजी मंदिर पूरे दिन 24 घंटे खुला रहता है। यहां पर दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को कम से कम 2 घंटे से लेकर 18 घंटे तक लाइन में खड़ा रहना पड़ सकता है।

तिरुपति बालाजी मंदिर में बुजुर्ग नागरिकों को दर्शन करने के लिए दोपहर 3:00 बजे का समय निकाला गया है। आप अपना आईडी प्रूफ के साथ इस समय काफी आसानी से तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन कर सकते हैं।

तिरुपति बालाजी मंदिर में शुक्रवार को भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने के लिए विशेष समाधान हैं। इस दिन आप भगवान की पूरी मूर्ति को देख सकते हैं। इस दिन भगवान के दर्शन तीन बार होते हैं।

तिरुपति बालाजी में ठहरने की व्यवस्था –

तिरुपति बालाजी में ठहरने की व्यवस्था के बारे में बात करें तो आप यहां पर मुफ्त में मिलने वाले कमरे या पैसे देकर मिलने वाले कमरे कहीं भी आप आसानी से रह सकते हैं। अगर आप मुफ्त में मिलने वाले कमरे मे नहीं रहना चाहते हैं या वह उपलब्ध नहीं होता है तो आप पैसे देकर इसके आसपस बहुत सारे कमरे मिल जाएंगे जहां पर आप अपने परिवार के साथ काफी आराम से ठहर सकते हैं।

तिरुपति के प्रमुख घूमने की जगहें –

तिरुपति बालाजी की यात्रा के दौरान अगर आप तिरुपति में घूमना चाहते हैं तो इसके आसपास के नजदीकी कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल की सूची नीचे दी गई हैं, आप इन्हें विजिट कर सकते हैं। यकीनन आपको नीचे दी गई पर्यटन स्थल अवश्य पसंद आएंगे।

  • तिरुपति तालाकोना झरना
  • श्री वारी संग्रहालय
  • तिरुमला तिरुपति देवस्थानम गार्डन
  • हिरण पार्क
  • प्लेस पुष्करणी तीर्थ
  • कानिपकम विनायक मंदिर
  • श्री गोविंदा राज स्वामी मंदिर
  • चंद्रगिरी
  • श्री कालहस्त, आदि।

तिरुपति बालाजी जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Tirupati Balaji Mandir in Hindi.

तिरुपति बालाजी जाने का अच्छा एवं अनुकूल समय के बारे में जानकारी देने से पहले मैं आपको बता दूं कि आप यहां पर अपनी सुविधा के अनुसार आपको जब भी समय मिले पूरे साल में कभी भी जा सकते हैं। वैसे आपको बता दें कि यहां पर पूरे साल भर पर्यटकों और श्रद्धालु की काफी ज्यादा भीड़ देखी जाती है।

तिरुपति बालाजी की यात्रा करने का अच्छा एवं अनुकूल समय के बारे में बात करें तो सितंबर से लेकर मार्च महीने के बीच के समय को माना जाता है। क्योंकि इस समय यहां पर जाने का समय अनुकूल होता है। सर्दी के मौसम के दौरान यहां पर पर्यटकों और श्रद्धालुओं को मौसम की मार झेलने नहीं पडते जिसकी वजह से इस समय यहां पर श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक संख्या में देखी जाती है। वैसे यहां पर घूमने जाने का अच्छा समय यहां पर मनाए जाने वाले उत्सव और त्योहारों के समय को भी माना जाता है।

तिरुपति बालाजी कैसे पहुँचे ? – How to Reach Tirupati in Hindi

तिरुपति बालाजी मंदिर जाने के बारे में बात करें तो यहां पर कोई भी व्यक्ति अपने यहां से काफी आसानी से पहुंच सकता है। तिरुपति बालाजी कोई व्यक्ति अपने यहां से कैसे आसानी से पहुंच सकता है इसके बारे में हमारा एक पूरा आर्टिकल ही लिखा हुआ है, जिसे आप पढ़ने के उपरांत विस्तार से जान पाएंगे कि तिरुपति बालाजी मंदिर कैसे जाया जा सकता है। तिरुपति बालाजी मंदिर कोई व्यक्ति कैसे जा सकता है इसका लिंक नीचे दिया गया है – तिरुपति बालाजी कैसे पहुंचे ?

तिरुपति बालाजी से जुड़ी हमारा यह आर्टिकल आपको कैसा लगा आप अपना राय हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। एक बात और अगर आप हमे इस आर्टिकल से जुड़ी कोई अपडेट या सुझाव देना चाहते हैं, तो आप बेशक हमें नीचे कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।

धन्यवाद

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1 COMMENT

  1. आप की जानकारी से में सहमत हूं
    परन्तु में एक बात कहना चाहता हु कि हम किसी भी मंदिर में जाते हैं तो वहां पर लोग झूट बोलते है

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