नमस्कार साथियों आज के इस आर्टिकल में हम नाशिक जिला में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर के बारे में जानने वाले हैं। यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर एक छोटे से गड्ढे में सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा, विष्णु और महेश के लिंग को स्थापित किया गया है। इस मंदिर में पूजा करने और भगवान त्र्यंबकेश्वर के दर्शन करने लोग काफी दूर-दूर से आया करते हैं। इस त्र्यंबकेश्वर मंदिर के बारे में पूरी जानकारी को जानने के लिए आप हमारे द्वारा लिखे गए इस आर्टिकल को पूरा अंत तक जरूर पढ़ें। तो चलिए शुरू करते हैं –
त्र्यंबकेश्वर मंदिर के बारे में – About Trimbakeshwar Temple In Hindi
राज्य महाराष्ट्र में स्थित त्रंबकेश्वर मंदिर एक ऐसा मंदिर है जहां पर श्रद्धालुओं के अलावा पुरानी समय के वास्तुकला एवं नक्काशी प्रेमी भी आया करते हैं। क्योंकि इस मंदिर में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के लिंग के अलावा इस मंदिर की नक्काशी भी काफी खूबसूरत तरीके से की गई है। काले पत्थर से निर्मित यह त्रंबकेश्वर मंदिर श्रद्धालुओं के लिए काफी ज्यादा महत्व रखती है। आज के इस आर्टिकल में हम इस त्रंबकेश्वर मंदिर के पूरी जानकारी को विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे।
त्रयंबकेश्वर मंदिर की इतिहास – History Of Trimbakeshwar Temple In Hindi
त्र्यंबकेश्वर नामक यह मंदिर भारत देश के राज्य महाराष्ट्र के जिला नासिक में स्थित एक पौराणिक मंदिर है। यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित हिंदू धर्म से जुड़ी एक पौराणिक धार्मिक स्थल है। इतिहासकारों द्वारा बताया जाता है कि इस मंदिर को 18 वीं शताब्दी में ब्रह्मागिरी की पहाड़ियों में पेशवा नाना साहब द्वारा निर्मित किया गया था, जो एक मराठा शासक थे।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर की वास्तुकला – Architecture of Trimbakeshwar Temple in Hindi
18 वीं शताब्दी में निर्मित यह त्र्यंबकेश्वर मंदिर काले पत्थरों से बना हुआ है। इस मंदिर के परिसर में एक पवित्र कुंड भी देखने को मिल जाता है, जिसे गोदावरी नदी का स्रोत भी कहा जाता है। इस मंदिर के मुख्य विशेषता भगवान ब्रह्मा, रुद्र और विष्णु के प्रतीक के लिए काफी प्रमुख है। इस मंदिर के अंदर एक छोटे से गड्ढे में भगवान विष्णु, शिव और ब्रह्मा के लिंग को स्थापित किया गया है। इस मंदिर में पौराणिक समय के सुंदर नक्काशी काफी ज्यादा आकर्षक लगती है।
त्र्यम्बकेश्वर मंदिर में पूजा और दर्शन का समय – Darshan And Puja Timing Trimbakeshwar Temple In Hindi
भक्तों के दर्शन और मंदिर में पूजा पाठ करने के लिए यह मंदिर सुबह 5:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है। इस मंदिर में इन्हीं समय के बीच कई सारी गतिविधियां की जाती है। यानी कि सुबह 5:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे के बीच इस मंदिर में कई तरह की पूजा अर्चना और आरतियां की जाती है।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर के आसपास घूमने की जगहें – Nearest Places to visit Trimbakeshwar Temple In Hindi
- पांडवलेनी गुफा
- दूधसागर झरना
- मुक्तिधाम मंदिर
- कालाराम मंदिर
- माताम्बा मंदिर, आदि।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग जाने का अच्छा समय – Best Time To Visit Trimbakeshwar Jyotirlinga Nashik In Hindi
नासिक से त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में जाने के बारे में बात करें तो वैसे आप यहां पर पूरे साल में कभी भी अपनी सुविधा के अनुसार जब भी टाइम मिले जा सकते हैं। मौसम को देखते हुए अगर यहां पर जाने का अच्छा समय के बारे में बात करें, तो वह समय अक्टूबर से लेकर मार्च के बीच के समय को माना जाता है। इसी समय यहां पर श्रद्धालुओं की काफी ज्यादा भीड़ देखी जाती है। इसके अलावा अगर कम बजट में आप यहां पर आना चाहते हैं, तो वर्षा ऋतु का चुनाव आप कर सकते हैं। क्योंकि इस समय यहां पर बिकने वाली वस्तुएं कुछ सस्ते दामों में उपलब्ध होती है।
महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर कैसे पहुंचें ? – How To Reach Trimbakeshwar Temple Maharashtra In Hindi
महाराष्ट्र के इस त्रंबकेश्वर मंदिर को विजिट करने के बारे में बात करें, तो आप यहां पर अपनी सुविधा के अनुसार किसी माध्यम से बहुत ही आसानी से पहुंच सकते हैं। त्र्यंबकेश्वर मंदिर नासिक से सड़क मार्ग के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। नासिक से यहां के लिए नासिक का स्थानीय परिवहन की मदद से आप आसानी से पहुंच पाएंगे।
त्रंबकेश्वर मंदिर हवाई जहाज से जाने के बारे में बात करें तो आप अपने यहां से इसके नजदीकी मुख्य हवाई अड्डा नासिक पहुंचने के उपरांत यहां पर चलने वाला स्थानीय परिवहन के माध्यम से इस मंदिर को आसानी से विजिट कर पाएंगे। इसके अलावा इस मंदिर के नजदीक की रेलवे स्टेशन की बात करें, तो वह भी नासिक में देखा जा सकता है। इस तरह आप महाराष्ट्र के त्रिंबकेश्वर मंदिर को आसानी से विजिट कर सकते हैं।
राज्य महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्रंबकेश्वर मंदिर के बारे में लिखा गया हमारा यह यूनिक आर्टिका आपको पसंद आया हो, तो आप इसे अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों के साथ शेयर जरूर करिए ताकि उन्हें भी इस मंदिर के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके। अगर इस मंदिर के बारे में आपके पास कोई ऐसा अपडेट या सुझाव हो जो हमारे इस आर्टिकल में आपको पढ़ने को नहीं मिला हो, उसे आप नीचे कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।
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