मुनस्यारी में घूमने की खूबसूरत जगहें | Tourist Places Munsyari Uttrakhand In Hindi.

आज मैं आपको मुनस्यारी में घूमने लायक खूबसूरत जगहों के बारे में बताने वाला हूं, ताकि आप मुनस्यारी जाने के बाद उन सभी जगहों को विजिट कर अच्छे से एंजॉय कर सकें। मुनस्यारी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक छोटा-सा और बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है, जिसकी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण, जंगलों के मनमोहक प्रस्तुति और ऊंचे पहाड़ों के चोटियों के खूबसूरत नजारों की वजह से इसे “मिनी कश्मीर” भी कहा जाता है। इस हिल स्टेशन के इसी खूबसूरती की वजह से इसे उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की सूची में भी शामिल किया गया है।

मुनस्यारी के दर्शनीय स्थल नन्दा देवी मंदिर – Munsyari Ke Darshniya Sthal Nanda Devi Temple Uttarakhand In Hindi.

नन्दा देवी का मंदिर मुनस्यारी का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो मुनस्यारी से करीब 2.5 किमी. की दूरी पर मदकोट सड़क मार्ग पर स्थित है। अगर आप मुनस्यारी से टैक्सी पकड़कर नन्दा देवी मंदिर जाते हैं, तो आपको ₹ 400-500 किराया देना पड़ सकता है। मंदिर के गेट से मंदिर की दूरी लगभग 100-150 मीटर है, जिसे आपको वॉक करके ही नन्दा देवी मंदिर में दर्शन करने जाना पड़ेगा। मंदिर की देखभाल करने के लिए ₹ 20 का प्रवेश शुल्क रखा गया है, जिसे जमा करने के बाद ही आप माता नन्दा देवी का दर्शन कर सकते हैं।

मंदिर परिसर को काफी अच्छे तरीके से बनाने के साथ-साथ साफ-सफाई का भी काफी अच्छे से ध्यान रखा गया है। इस मंदिर परिसर से आप पंचाचूली पीक और हिमालय पर्वत का एक बेहतरीन नजारा देख सकते हैं।

मुनस्यारी टूरिज्म में देखने लायक जगह आदिवासी विरासत संग्रहालय – Tribal Heritage Museum Munsyari In Hindi.

यह मुनस्यारी से 2.5-3 किमी. और नन्दा देवी मंदिर से 4 किमी. की दूरी पर सुरेंद्र सिंह पंगते सड़क मार्ग पर स्थित है, जिसका निर्माण शेर सिंह पंगते ने करवाया था। इस संग्रहालय (museum) में आप प्राचीन समय में उपयोग में लाए जाने वाले बहुत सारे वस्तुओं को देख सकते हैं। संग्रहालय (museum) में उपस्थित सभी वस्तुओं के बारे में एक ऑडियो क्लिप की मदद से एक-एक करके बताया जाता है कि वस्तु का नाम क्या है और पुराने समय में उसका इस्तेमाल किस काम के लिए किया जाता था।

इस संग्रहालय (museum) में आपको गर्म शॉल, गर्म टोपी, अलग-अलग तरीके के पत्रिकाएं (magazines) और किताबें बिकते हुए देखने को मिल जाएंगे, जिसे आप चाहें तो खरीद भी सकते हैं।

मुनस्यारी के आकर्षण का केंद्र जगह बिरथी वाटरफॉल – Birthi Waterfall Tourist Attraction Place Munsyari In Hindi.

बिरथी वाटरफॉल मुनस्यारी सड़क मार्ग पर मुनस्यारी की पहाड़ी वादियों में स्थित एक प्राकृतिक झरना है, जो मुनस्यारी से करीब 33 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहां जाने के बाद आप जंगलों से सुशोभित इस झरने के सुंदर दृश्य और शांति का लुत्फ उठा सकते हैं, जिसे देखने के लिए हर साल पर्यटक यहां आते हैं। यहां पर आपको खाने-पीने के अच्छे रेस्टोरेंट्स की सुविधा देखने को मिल जाएगी। अगर आप फोटोग्राफी और चित्रकारी का शौक रखते हैं, तो मुनस्यारी का यह जगह आपके लिए बेस्ट है।

मुनस्यारी का महेश्वरी कुंड – Maheshwari Kund Munsyari Uttrakhand In Hindi.

मुनस्यारी के मदकोट सड़क मार्ग पर स्थित यह कुंड मुनस्यारी से करीब 3.5 किमी. की दूरी पर स्थित है, जो मुनस्यारी के सबसे खूबसूरत स्थानों की सूची में शामिल है। यहां से आप पंचाचूली पीक के खूबसूरत ऊंची चोटियों के नजारे को देख सकते हैं। महेश्वरी कुंड के बारे में कहा जाता है कि यहां पर एक यक्ष रहते थे, जो गांव के सरपंच की लड़की से प्रेम करते थे। गांव वालों द्वारा उनकी शादी उस लड़की से ना होने की वजह से यक्ष ने क्रोधित होकर गांव में सुखा पड़ने का श्राप दे दिया था।

कई वर्षों तक गांव में सुखे का सामना करने के बाद गांव वालों के द्वारा माफी मांगने के पश्चात उन्होंने सूखे का अंत किया था।

मुनस्यारी जाने का सबसे अच्छा समय –

वैसे तो आप मुनस्यारी घूमने के लिए साल में कभी भी जा सकते हैं, लेकिन मुनस्यारी जाने का सबसे अच्छा समय गर्मी का है, क्योंकि गर्मी के मौसम में शहर के गर्मी को झेलना काफी मुश्किल होता है और मुनस्यारी उत्तराखंड का एक ऐसा जगह है, जहां पर आप गर्मी के मौसम में भी ठंड यानी सुहावने मौसम को महसूस कर सकते हैं। इसकी यही खासियत की वजह से मुनस्यारी को “मिनी कश्मीर” कहा जाता है।

मुनस्यारी में खाने-पीने और रहने की सुविधा –

मुनस्यारी में खाने-पीने के लिए अच्छे रेस्टोरेंट्स और रहने के लिए होटल्स वगैरह की काफी अच्छी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। मुनस्यारी में खाने-पीने और रहने की सुविधा आपको आसानी से मिल जाएगी।

मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर इस पोस्ट से संबंधित आपका कोई सवाल हो, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछना ना भूलें।

धन्यवाद।

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