उत्तराखंड के टॉप 10 धार्मिक स्थल | Top 10 Religious Place In Uttrakhand In Hindi.

आज मैं आपको उत्तराखंड के टॉप 10 धार्मिक स्थल के बारे में जानकारी देने वाला हूं, जिसे उत्तराखंड के टॉप 10 धार्मिक स्थलों की सूची में शामिल किया गया है। अगर आपको धार्मिक स्थलों को विजिट करना पसंद है, तो उत्तराखंड जाने के बाद आपको इन सभी धार्मिक स्थलों को विजिट जरूर करना चाहिए। चलिए अब जानते हैं उत्तराखंड के टॉप 10 धार्मिक स्थल के बारे में –

देवों की नगरी हरिद्वार में स्थित – हर की पौड़ी घाट – Har Ki Pauri Ghat Haridwar In Hindi.

देवों की नगरी कहा जाने वाला हरिद्वार में स्थित हर की पौड़ी घाट हरिद्वार का मुख्य आकर्षण का केंद्र है, जहां पर सूर्यास्त के समय होने वाली गंगा माता की आरती सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी काफी प्रसिद्ध है। इस आरती में शामिल होने हर साल करोड़ों तीर्थयात्री हरिद्वार में आते हैं और गंगा नदी में स्नान करते हैं, क्योंकि कहा जाता है कि हर की पौड़ी घाट पर गंगा नदी में स्नान करने वाले तीर्थयात्री को सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

उत्तराखंड का प्रथम केदार और चारधाम का प्रमुख मंदिर – केदारनाथ मंदिर – Kedarnath Temple In Hindi.

उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ मंदिर तीन पहाड़ों (केदारनाथ, खर्चकुंड और भरतकुंड) से घिरे होने के साथ-साथ पांच नदियों (क्षीरगंगा, मंदाकिनी, सरस्वती, स्वर्णगौरी, और मधुगंगा) का संगम भी है। यहां पर भगवान शिव के आकृति पिण्ड की पूजा की जाती है। उत्तराखंड के पंचकेदार और चार धामों में से केदारनाथ मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ होती है। केदारनाथ मंदिर जाने के लिए गौरीकुंड से करीब 16-18 किमी. का ट्रेकिंग करके जाना पड़ता है, जिसे पैदल के अलावा घोड़े, खच्चर या पालकी के द्वारा भी कम्प्लीट किया जा सकता है।

इन्हें भी पढ़ें:- हेलीकॉप्टर से केदारनाथ की यात्रा कैसे करें।

मद्महेश्वर मंदिर – Madmaheshwar Temple In Hindi.

उत्तराखंड में मद्महेश्वर मंदिर के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर पंचकेदार के द्वितीय केदार के रूप में प्रसिद्ध है। मद्महेश्वर मंदिर में भगवान शिव के नाभी की पूजा की जाती है। पंचकेदार की यात्रा करते समय तीर्थयात्री इस मंदिर में स्थापित भगवान शिव का दर्शन करना नहीं भूलते हैं। मद्महेश्वर मंदिर का ट्रेक लगभग 16 किमी. का होता है, जिसे पैदल, घोड़े या खच्चर द्वारा पूरा करना होता है।

उत्तराखंड का तृतीय केदार – तुंगनाथ मंदिर – Tungnath Temple In Hindi.

तुंगनाथ मंदिर को उत्तराखंड के तृतीय केदार के रूप में जाना जाता है, जहां पर भगवान शिव के हृदय और भुजाओं की पूजा की जाती है। यह मंदिर चोपता (मिनी स्वीटजरलैंड) से करीब 3.5 किमी. की दूरी पर स्थित है। चोपता (मिनी स्वीटजरलैंड) से तुंगनाथ मंदिर जाने के लिए आप पैदल ट्रेक की जगह घोड़े या खच्चर की सुविधा भी ले सकते हैं।

इन्हें भी पढ़ें:- कम खर्च में तुंगनाथ मंदिर की यात्रा कैसे करें।

उत्तराखंड का चतुर्थ केदार – रुद्रनाथ मंदिर – Rudranath Temple In Hindi.

उत्तराखंड के चतुर्थ केदार के रूप में प्रसिद्ध इस मंदिर में भगवान शिव के एकानन यानी मुख की पूजा होती है। रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा शिवलिंग की नहीं, बल्कि उनकी पूजा प्रतिमा के रूप में की जाती है और उस प्रतिमा को स्वयंभू यानी खुद से प्रकट हुई प्रतिमा मानी जाती है। रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई करीब 22-24 किमी. है, जिसे आप पैदल, घोड़े या खच्चर की सुविधा लेकर पूरा कर सकते हैं।

उत्तराखंड का पांचवा केदार – कल्पेश्वर मंदिर – Kalpeshwar Temple In Hindi.

इस मंदिर को उत्तराखंड के अंतिम यानी पांचवे केदार के रूप में जाना जाता है, जहां पर भगवान शिव के जटा की पूजा की जाती है। कल्पेश्वर मंदिर जाने के लिए थोड़ा-सा भी ट्रेक नहीं करना पड़ता है, क्योंकि इस मंदिर से मात्र 300 मीटर पहले तक गाड़ी चली जाती है, इसलिए इस मंदिर को पंचकेदार का सबसे आसानी से दर्शन होने वाला मंदिर माना जाता है।

बद्रीनाथ मंदिर – Badrinath Temple In Hindi.

बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड के सबसे आकर्षित तीर्थयात्रा में से एक है। बद्रीनाथ मंदिर में बद्रीनारायण की पूजा की जाती है, जिन्हें भगवान विष्णु का एक रूप माना जाता है। बद्रीनाथ मंदिर में जाने के लिए भी ट्रेक नहीं करना पड़ता है, क्योंकि इस मंदिर के बिल्कुल निकट तक कोई भी गाड़ी बिना किसी परेशानी के पहुंच जाती है।

इन्हें भी जानें:- बद्रीनाथ धाम जाने का सबसे अच्छा समय।

नोट:- बद्रीनाथ धाम भारत के चार धाम (बड़ी चार धाम) के साथ-साथ उत्तराखंड के चार धामों (छोटी चार धाम) में भी शामिल है।

गंगोत्री मंदिर – Gangotri Temple In Hindi.

यह मंदिर गंगा माता को समर्पित है। मंदिर की ऊंचाई लगभग 20 फीट है, जिसके अंदर गंगा माता की प्रतिमा स्थापित की गई है। गंगोत्री मंदिर जाने के लिए ट्रेक नहीं करना पड़ता है क्योंकि बाइक, कार, टेक्सी, जीप और बस वगैरह सभी इस मंदिर के एकदम नजदीक तक चली जाती है। गंगोत्री मंदिर से ही गौमुख का ट्रेक स्टार्ट होता है। अगर आप चाहें तो गंगा माता के दर्शन करने के बाद गौमुख का ट्रेक भी स्टार्ट कर सकते हैं, जो गंगोत्री मंदिर से करीब 18 किमी. का ट्रेक होता है।

इन्हें भी जानें:- कम खर्च में गौमुख की यात्रा कैसे करें।

यमुनोत्री मंदिर – Yamunotri Temple In Hindi.

यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड के चार धामों का एक हिस्सा है, जहां पर मंदिर में स्थापित यमुना माता की प्रतिमा की पूजा की जाती है। यमुनोत्री मंदिर जाने के लिए लगभग 6 किमी. का ट्रेक करना पड़ता है, जो इस मंदिर के सबसे नजदीकी सड़क मार्ग जानकी चट्टी, जहां तक गाड़ी पहुंच जाती है, से शुरू होता है।

धनौल्टी में स्थित माता सुरकंडा देवी मंदिर – Surkanda Devi Temple In Hindi.

धनौल्टी में स्थित माता सुरकंडा देवी मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। जब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को 51 भागों में बांट दिया था, तो यहां पर माता सती के सिर गिरे थे और तभी से इन्हें सुरकंडा देवी के नाम से जाना जाता है। चंबा-मसूरी सड़क मार्ग पर स्थित यह मंदिर नजदीकी कस्बे कद्दूखाल से करीब 2.5 किमी. की दूरी पर स्थित है और इस 2.5 किमी. की दूरी को ट्रेक करके कंप्लीट करना पड़ता है।

मैं आशा करता हूं कि यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। अगर इस पोस्ट से संबंधित आपका कोई सवाल हो, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। मैं आपको जवाब देने की कोशिश जरूर करूंगा।

धन्यवाद।

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