श्री महावीर जी मंदिर को ‘टीले वाले बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर ना सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे भारत में जैन धर्म वाले लोगों के प्रमुख आस्था का केंद्र बन चुका है, जहां पर हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। आइए जानते हैं श्री महावीर जी मंदिर से संबंधित सभी चीजों के बारे में –
श्री महावीर मंदिर कहां स्थित है ?
यह मंदिर राजस्थान के करौली जिले में श्री महावीर जी नामक छोटे-से शहर में स्थित है, जो जैन धर्म वाले लोगों के मुख्य आकर्षण का केंद्र है।
श्री महावीर जी मंदिर का इतिहास – History of Sri Mahaveer Ji mandir.
श्री महावीर जी जैन मंदिर से एक प्राचीन कथा जुड़ी हुई है, जो करीब 400 साल पुराना है। माना जाता है कि एक गांव में एक व्यक्ति अपनी गाय को रोज सुबह घास चरने के लिए अपने घर से खोल देता था, जो सुबह घास चरने जाती थी और शाम को खुद ही अपने घर वापस लौट आती थी।
एक बार हुआ कुछ यूं कि गाय का मालिक जब अपने गाय का दूध निकालने गया,, तो उस गाय की थन से एक बूंद भी दूध नहीं निकला। गाय के मालिक उस दिन इस बात को नजर अंदाज कर दिया और अगले दिन भी गाय को घास चरने के लिए खोल दिया।
दूसरे दिन जब उस गाय के मालिक ने शाम को गाय से दूध निकालने गया, तो उस दिन भी गाय के थन से दूध निकला। गाय के मालिक ने सोंचा की कोई अन्य व्यक्ति उसकी गाय की दूध चोरी कर लेता होगा, इसलिए अगले दिन वह व्यक्ति गाय को खुद घास चराने के लिए लेकर जाने का सोंचा।
तीसरे दिन वह आदमी गाय को चरने के लिए खोल दिया और वह आदमी एक पेड़ के पीछे से छुप कर अपनी गाय को देखने लगा। कुछ देर बाद जब उस गाय के मालिक ने अपनी गाय को एक टीले के ऊपर अपना दूध गिराते हुए देखा तो वह आदमी इस बात को गांव वालों से बताया। जब गांव वालों की मदद से इस टीले की खुदाई की गई, तो उस टीले के अंदर से पाषाण काल की महावीर जी की एक मूर्ति मिली।
कुछ ही दिनों में यह खबर आसपास के गांव में फैल गई।आसपास के गांव के लोग भी इस मूर्ति को देखने के लिए यहां आ पहुंचे। कुछ महावीर धर्म के लोगों ने इस मूर्ति को अपने गांव में साथ ले जाने की सोची। जब वे लोग मूर्ति को यहां से उठाने लगे, तो बहुत सारे लोगों के कोशिश की बावजूद भी वह मूर्ति अपने स्थान से तनिक भी हिल न पाया। इस घटना से प्रभावित होकर बगल के बसवा गांव के निवासी श्री अमरचंद बिलाला जी ने इस स्थान पर एक अत्यंत विशाल मंदिर का निर्माण करवाया, जिसमें बहुत बारीकी से कलाकृतियां की गई है।
श्री महावीर जी मंदिर में मेले का आयोजन –
श्री महावीर जी मंदिर में प्रत्येक वर्ष महावीर जयंती के अवसर पर पांच दिवसीय मेले का आयोजन होता है, जो महावीर जयंती से 2 दिन पहले शुरू होता है और महावीर जयंती के दो दिन बाद खत्म हो जाता है।
महावीर जयंती के दिन महावीर जी स्वामी के प्रतिमा को एक रथ बैठा कर भक्तों के साथ भजन गान करते हुए मंदिर के बगल में बहती हुई गंभीर नदी के तट पर ले जाया जाता है और महावीर जी स्वामी का अभिषेक किया जाता है। अधिक मात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठी होने की वजह से महावीर जी के रथ के साथ-साथ सरकारी अधिकारी भी मौजूद रहते हैं, ताकि कोई अनहोनी ना हो सके।
श्री महावीर मंदिर के खुलने और बंद होने का समय –
यह मंदिर प्रतिदिन 24 घंटे तक खुला रहता है, लेकिन अगर आप दिन में ही मंदिर में दर्शन करने जाएंगे, तो आपके लिए अच्छा होगा।
श्री महावीर जी मंदिर कैसे पहुंचे ? How To Reach Sri Mahaveer Ji mandir in Hindi.
सबसे निकटतम हवाई जयपुर में है, जो महावीर मंदिर से करीब 146 किमी. की दूरी पर स्थित है। निकटतम रेलवे स्टेशन श्री महावीर जी रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। यह रेलवे स्टेशन काफी मशहूर है, इसलिए इस रेलवे स्टेशन पर लगभग सभी एक्सप्रेस ट्रेनें रुकती हैं। बस स्टैंड भी श्री महावीर जी मंदिर के पास स्थित है, जहां पर आप किसी भी मार्ग से पहुंच सकते हैं।
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धन्यवाद !
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