दोस्तों ही मैंने इस आर्टिकल में जुलाई और अगस्त में भूलकर भी न जाएं केदारनाथ लिखा है, लेकिन जुलाई और अगस्त में आपको सिर्फ केदारनाथ ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड के किसी भी पंच केदार और ज्योतिर्लिंग की यात्रा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि उत्तराखंड के सभी पंच केदार और ज्योतिर्लिंग का संबंध पहाड़ों से है और शायद आप भी जानते होंगे कि जुलाई और अगस्त का समय लगभग पूरे देश में मॉनसून का समय होता है, जिसकी वजह से पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के साथ-साथ लैंडस्लाइड की समस्या का भी सामना करना पड़ता है।
दोस्तों लैंडस्लाइड कितना खतरनाक होता है, ये आपको शायद नहीं पता होगा, लेकिन अगर आप केदारनाथ मंदिर से जुड़े न्यूज से अपडेट रहते हैं, तो आपको बहुत अच्छे से मालूम होगा कि भारी बारिश और लैंडस्लाइड होने की वजह से केदारनाथ मंदिर जाने वाले रास्ते भी टूट जाते हैं, जिसकी वजह से कई बार सैकड़ों श्रद्धालुओं को अपनी जान तक भी गंवानी पड़ गई। दोस्तों ये हादसे ज्यादातर मॉनसून के दौरान ही होते हैं, जब भारी बारिश की वजह से पहाड़ गिले हो जाते हैं, जिसकी वजह से लैंडस्लाइड की समस्या हमारे सामने आती है और कई श्रद्धालुओं की जान लेकर भी चली जाती है।
आखिर क्यों नहीं जाना चाहिए जुलाई और अगस्त में केदारनाथ एवं अन्य मंदिरों में दर्शन करने –
जुलाई और अगस्त का समय मॉनसून का सीजन होने की वजह से भारी बारिश होती है, जिसकी वजह से केदारनाथ सहित पंच केदार एवं चार धाम की यात्रा पर होने वाले विभिन्न परेशानियों के बारे में नीचे बताया गया है, जिसके बारे में आप नीचे जान सकते हैं।
1 – भारी बारिश की वजह से लैंडस्लाइड कभी भी हो सकता है और लैंडस्लाइड की चपेट में आने की वज़ह से श्रद्धालुओं की मौत तक भी हो जाती है।
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2 – लैंडस्लाइड होने की वजह से केदारनाथ सहित अन्य मंदिरों तक जाने वाले रास्ते भी टूट जाते हैं, जिसकी वजह से यात्रा को पूरी तरह से रोक दिया जाता है, जब तक कि उस रास्ते का निर्माण न हो जाए।
3 – भारी बारिश की वजह से ट्रेकिंग करने के दौरान पैर फिसलने की वजह से भी हर साल एक-दो श्रद्धालुओं की मौत हो जाती है।
4 – भारी बारिश की वजह से झरनों की संख्या भी काफी ज्यादा बढ़ जाती है, जिसकी वजह से आपको पहाड़ों से गिरने वाले पानी में भी कभी-कभी ट्रेकिंग करना पड़ सकता है, खासकर जब आप इस समय केदारनाथ की यात्रा पर जा रहे हैं।
5 – भारी बारिश एवं लैंडस्लाइड की वजह से खाने-पीने एवं ठहरने की सुविधाएं भी कम कर दी जाती है।
6 – भारी बारिश एवं लैंडस्लाइड की वजह से पंच केदार एवं चार धाम जाने वाली गाड़ियों की संख्या में भी कमी हो जाती है।
7 – भारी बारिश एवं लैंडस्लाइड होने के दौरान आपको होटल में भी ठहरना पड़ सकता है और अगर ऐसा होता है, तो आपको अपने बजट में बढ़ोत्तरी भी देखने को मिल जाएगी।
8 – भारी बारिश एवं लैंडस्लाइड की वजह से रास्ते टूट जाने से आप रास्तों के बीच में भी फँस सकते हैं और ऐसा होने से आपको भोजन तक भी नसीब नहीं होगा, जब तक कि रेस्क्यू टीम द्वारा आपको रेस्क्यू करके सही जगह पर पहुंचा न दे।
9 – सबसे बड़ी बात की अगर आप सोंच रहे हैं कि जब मौसम अच्छा होगा, तब आप केदारनाथ एवं अन्य मंदिरों में दर्शन करने जाएंगे, तो आपको इस बात से भी रूबरू करा दें कि पहाड़ों पर बारिश एवं लैंडस्लाइड होने की कोई निश्चित समय नहीं होता है। भारी बारिश एवं लैंडस्लाइड भी यमराज की तरह ही होते हैं। कब ये दोनों घटनाएं घटित हो जाए और जान माल की क्षति पहुंचा दे, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
उम्मीद है कि जुलाई और अगस्त में भूलकर भी न जाएं केदारनाथ का यह आर्टिकल आपको पसंद आई होगी। जुलाई और अगस्त में केदारनाथ सहित उत्तराखंड के अन्य पंच केदार एवं चार धाम की यात्रा पर जाने का प्लान करने वाले लोगों के पास इस आर्टिकल को शेयर जरूर करें, ताकि उनके साथ कोई भी घटना ना हो सके।
धन्यवाद।
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