रुद्रनाथ मंदिर की पूजा पंचकेदार के चतुर्थ केदार के रूप में की जाती है, जिसमें भगवान शिव के एकानन यानी मुख की पूजा होती है। इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ की मूर्ति का गर्दन थोड़ा टेढ़ा है, जिसके बारे में पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान शिव की यह प्रतिमा स्वयंभू यानी खुद से प्रकट हुई है, जिसे दुर्लभ पाषाण की मूर्ति बताया जाता है। रुद्रनाथ मंदिर समुद्र तल से 3600 मीटर (11811 फूट) की ऊंचाई पर स्थित है, जहां जाने के लिए एक तरफ से लगभग 22-24 किमी. की ट्रेक करनी पड़ती है और यह चढ़ाई गोपेश्वर शहर से 3 किमी. की दूरी पर स्थित सगर गांव से शुरू होती है।
रुद्रनाथ मंदिर कहां स्थित है ?
पंच केदार में से चतुर्थ केदार के रूप में पूजे जाने वाला यह मंदिर उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित भगवान शिव को समर्पित है, जिसमें भगवान शिव के एकानन यानी मुख की पूजा होती है।
रुद्रनाथ मंदिर के आस पास की मूर्तियां –
यहां पर आपको रुद्रनाथ के मुख्य मंदिर में स्थापित भगवान शिव की मूर्ति के अलावा इस मंदिर के बाहर बाईं ओर पांचों पांडवों (युधिस्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव), उनकी माता कुन्ती, पत्नी द्रौपदी, वन देवता और वन देवियों (इन्हें हिमालय की पारियां भी कहा जाता है) के साथ-साथ कई छोटी-छोटी मूर्तियां भी स्थापित हैं। मुख्य मंदिर के दाईं ओर यक्ष देवता का मंदिर स्थापित है, जिन्हें स्थानीय लोग जाख देवता के नाम से जानते हैं।
रुद्रनाथ मंदिर का कपाट कब खुलता और बंद होता है ?
इस मंदिर का कपाट भी केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर के साथ ही खोला जाता है, जो मई के अक्षय तृतीया के दिन खुलता है और नवंबर के महीने में दीपावली के दो दिन बाद भाई दूज को बंद हो जाता है।
रुद्रनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान शिव की पूजा कहां की जाती है ?
शीतकाल के समय केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर की तरह ही रुद्रनाथ मंदिर के कपाट बंद होने पर भगवान शिव के गद्दी को गोपेश्वर शहर, जहां से रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई होती है, के गोपीनाथ मंदिर में लाया जाता है और वहीं पर 6 महीने तक भगवान शिव की पूजा होती है।
सगर गांव से रुद्रनाथ मंदिर की दूरी कितनी है ?
सगर गांव गोपेश्वर मुख्य शहर से करीब 3 किमी. की दूरी पर स्थित है, जहां से रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई शुरू होती है। सगर गांव से रुद्रनाथ मंदिर की दूरी लगभग 22-24 किमी. है और सगर गांव से रुद्रनाथ मंदिर पहुंचने के लिए पहाड़ों पर ट्रेक करके जाना पड़ता है।
रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई कैसे करें ?
अधिकतर लोग रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई पैदल ट्रेक करके ही पूरा करते हैं, लेकिन वहां पर घोड़े और खच्चर की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसकी मदद से आप रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई को पूरा कर सकते हैं।
रुद्रनाथ मंदिर कैसे पहुंचे ?
यहां तक आने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन, बस, टैक्सी, कार या बाइक वगैरह की सुविधा ले सकते हैं और आसानी से पहुंच सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि अगर आप फ्लाइट, ट्रेन या बस से रुद्रनाथ मंदिर जाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको उत्तराखंड में कहां आना पड़ेगा और उसके बाद आप रूद्रनाथ मंदिर कैसे पहुंच सकते हैं।
हवाई जहाज से रुद्रनाथ मंदिर कैसे पहुंचे ?
निकटतम हवाई अड्डा जौली ग्रांट है, जो सगर गांव, जहां से रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई शुरू होती है, से 230 किमी. की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद सबसे पहले आपको बस या टैक्सी की सुविधा लेकर ऋषिकेश जाना पड़ेगा, क्योंकि वहां से सीधा सगर गांव के लिए बस और टैक्सी वगैरह की सुविधा उपलब्ध होती है।
ट्रेन से रुद्रनाथ मंदिर कैसे पहुंचे ?
नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में है, जो सगर गांव से करीब 213 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहां से सगर गांव जाने के लिए आपको बस और टैक्सी वगैरह की सुविधा आसानी से मिल जाएगी।
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बस से रुद्रनाथ मंदिर कैसे पहुंचे ?
बस से रुद्रनाथ मंदिर जाने के लिए सबसे पहले आपको ऋषिकेश जाना पड़ेगा। ऋषिकेश आने के लिए आपको दिल्ली जैसे बड़े शहरों से सीधा बस मिल जाएगी। ऋषिकेश आने के बाद वहां से आपको सगर गांव जाने के लिए दूसरी बस या टैक्सी पकड़नी पड़ेगी, जो ऋषिकेश से करीब 210 किमी. की दूरी पर स्थित है।
अगर आप रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा अपनी बाइक या कार से करते हैं, तो आप बस और टैक्सी वाले रूट को फॉलो करके सगर गांव पहुंच सकते हैं और वहीं पर अपनी बाइक या कार पार्क करके रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई को शुरू कर सकते हैं।
रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई करते समय खाने-पीने और रहने की सुविधा कहां-कहां उपलब्ध होती है ?
रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई सगर गांव (sagar village) से शुरू होती है, जो सगर गांव से करीब 22-24 किमी. की पूरी तरह से थका देने वाली चढ़ाई होती है। तो आइए जानते हैं कि रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई करते समय खाने-पीने और रात में ठहरने की सुविधा कहां-कहां उपलब्ध होती है।
1 . चंद्रकोटी – सगर गांव से चंद्रकोटी की दूरी करीब 2 किमी. है, जो रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई का पहला रेस्ट पॉइंट हैै। यहां पर खाने-पीने और रात में ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
2 . पुंग बुग्याल – पहाड़ों पर उगने वाले घास के मैदान को बुग्याल कहा जाता है। इस जगह का नाम पुंग है, लेकिन यहां पर एक बहुत बड़े घास के मैदान (बुग्याल) होने की वजह से इस जगह का नाम पुंग बुग्याल पड़ गया। यह सगर गांव से लगभग 4 किमी. और चंद्रकोटी से 2 किमी. की दूरी पर स्थित है, जो रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई का दूसरा रेस्ट पॉइंट है। पुंग बुग्याल में खाने-पीने और रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
3 . मौली खड़क – यह रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा का तीसरा रेस्ट पॉइंट है, जिसकी दूरी सगर गांव से करीब 8-10 किमी. और पुंग बुग्याल से 4-6 किमी. है। यहां पर भी आपको खाने-पीने और रात में ठहरने की सुविधा मिल जाएगी।
4 . ल्यूटी बुग्याल – यह रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा का चौथा रेस्ट पॉइंट है, जो सगर गांव से करीब 12 किमी. और मौली खड़क से 2 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहां पर खाने-पीने और रात में ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
5 . पनार बुग्याल – यह सगर गांव से करीब 14 किमी. और ल्यूटि बुग्याल से 2 किमी. की दूरी पर स्थित है, जो रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई का पांचवा रेस्ट पॉइंट है। यहां पर खाने-पीने और रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा करने वाले तीर्थयात्री सबसे ज्यादा ल्यूटी और पनार बुग्याल ही रात में ठहरते हैं, लेकिन इसका कोई खास वजह नहीं है। शायद इसका मुख्य कारण यह है कि ल्यूटी और पनार बुग्याल रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा का लगभग-लगभग मध्य रेस्ट पॉइंट है।
6 . पित्रधार – यह रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा का सबसे ऊंचा पॉइंट है, जो समुद्रतल से करीब 4000 मीटर (13123 फूट) की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई नाम मात्र का ही है, क्योंकि यहां से रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा करने के लिए ढलान (नीचेे) की ओर जाना पड़ता है। यह सगर गांव से लगभग 18 किमी. और पनार बुग्याल से 4 किमी. की दूरी पर स्थित है, जहां पर खाने-पीने और रात में ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
7 . पंच गंगा – इस जगह का नाम पंच गंगा नाम पड़ने का कारण यह है कि यहां पर प्राचीन समय में बर्फ पिघलने के बाद बर्फ की 5 धाराएं आकर मिलती थी। सगर गांव से पंच गंगा की दूरी करीब 20 किमी. और पित्रधार से 2 किमी. है। यहां पर खाने-पीने और रात में ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
8 . रुद्रनाथ – यह रुद्रनाथ मंदिर का सबसे अंतिम रेस्ट पॉइंट है, जहां से रुद्रनाथ मंदिर की दूरी मात्र 200-300 मीटर है। इस जगह की दूरी सगर गांव से करीब 22-23 किमी. और पंच गंगा से 2-3 किमी. है। मंदिर के दर्शन करने के बाद भी आप यहां पर रात में ठहर सकते हैं।
मैंने आपको नीचे सारणी में रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई करते समय खाने-पीने और रात को ठहरने के जगह के बारे में बताया है, जिसे आप रुद्रनाथ मंदिर जाने से पहले स्क्रीन शॉट ले सकते हैं, ताकि आपको पता चल सके कि आपको चढ़ाई करते समय कितने किलोमीटर की दूरी पर खाने-पीने और रात को ठहरने की सुविधा मिलेगी।
क्रम सं. | खाने-पीने और रहने की सुविधा – | सगर गांव से दूरी – |
1. | चंद्रकोटी | 2 किमी. |
2. | पुंग बुग्याल | 4 किमी. |
3. | मौली खड़क | 8-10 किमी. |
4. | ल्यूटी बुग्याल | 12 किमी. |
5. | पनार बुग्याल | 14 किमी. |
6. | पित्रधार | 18 किमी. |
7. | पंच गंगा | 20 किमी. |
8. | रुद्रनाथ | 22-23 किमी. |
दोस्तों मैंने जो आपको ऊपर में खाने-पीने और रात को ठहरने वाले स्थान के बारे में बताया है, समय के अनुसार उनमें से एक या दो खाने-पीने और रात को ठहरने वाले स्थान की कमी हो सकती है, इसलिए आप रुद्रनाथ मंदिर की चढ़ाई करते समय अगले खाने-पीने और रहने वाले स्थान के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें, वरना आप जहां पर रात को ठहरने का प्लान कर रहे हैं, उस जगह पर खाने-पीने और रात को ठहरने की सुविधा उपलब्ध ना होने पर आपको रात में भी चढ़ाई करना पड़ सकता है।
मेरे द्वारा बताए गए एक जगह से दूसरे जगह की दूरी में थोड़ा बहुत अंतर भी हो सकता है, क्योंकि वहां पर एक भी शाइन बोर्ड नहीं लगा हुआ है, जहां पर एक जगह से दूसरे जगह की दूरी दर्शाया गया हो।
मैं आशा करता हूं कि मेरे द्वारा “रुद्रनाथ मंदिर” के बारे में दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। अगर इस पोस्ट से संबंधित आपका कोई सवाल हो, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। मैं आपको जवाब देने की कोशिश जरूर करूंगा।
धन्यवाद !
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