दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे | Darjeeling Himalayan Railway in Hindi

नमस्कार साथियों आज हम पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के बारे में जानने वाले हैं। यहां चलने वाली ट्रेन बड़ों के साथ-साथ बच्चों के बीच भी काफी फेमस है। इसी रूट पर ही भारत के सबसे ऊंचे रेलवे स्टेशन स्थित है। यहाँ चलने वाली ट्रेन में यात्रा करने के दौरान पहाड़ी एवं जंगली इलाका एक अलग ही अनुभव महसूस कराता हैं। अगर आप भी दार्जिलिंग के टूर का प्लान कर रहे हैं, तो इसे अपने प्लान में शामिल करना न भूले। तो चलिए इसके बारे में पूरी जानकारी विवरण के साथ जानते हैं –

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के बारे में – About Darjeeling Himalayan Railway in Hindi

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे अंग्रेजी सरकार ने 1879 ई.से 1881 ई. के बीच बनवाया था। उस समय यह रेलवे दार्जिलिंग छुट्टी मनाने का एक अच्छा साधन हुआ करता था।

इस रेलवे लाइन की लंबाई 88 किलोमीटर है जो कि पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच की एक छोटी रेलवे प्रणाली हैं। इस ट्रैक की जलपाईगुड़ी एवं दार्जिलिंग तक की ऊंचाई 100 से 2200 मीटर हो जाती हैं।

इस रेलवे मार्ग पर पड़ने वाले स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी टाउन, सिलीगुड़ी जंक्शन, सुकना, गयाबाड़ी, कुर्सियांग, घुम और दार्जिलिंग मुख्य है। यह मार्ग जिग-जैग के रूप में है।

पहले के समय में यहां पर केवल स्ट्रीम इंजन चलते थे, लेकिन अभी के समय में यहां पर डीजल लोकोमोटिव इंजन भी चलते हैं। इस रेल्वे मार्ग को यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज साइट के रूप में 2 दिसंबर 1999 को घोषित कर दिया गया था।

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे क्यों फेमस है ?दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे का फेमस होने का कारण इस पर चलने वाले टॉय ट्रेन एवं इस रूट से यात्रा करने के दौरान दिखने वाला खूबसूरत नेचर और पहाड़ी है। इसी रूट पर भारत का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन स्थित हैं जिसका नाम घूम (ghum) है। कहीं न कहीं यह स्टेशन भी इस रेलवे को और फेमस बनाती है।

इस रेल्वे मार्ग पर चलने वाले टॉय ट्रेन भारत के प्रकृति का एक अलग ही रूप का दर्शन कराती है। इस रूट पर चलने वाली ट्रेने जंगल, पहाड़, पूल एवं मार्केट से क्षण भर में जंगल तो क्षण भर में जंगल के बाहर निकल कर एक अलग ही अनुभव कराती है।

इस पर चलने वाली ट्रेन बड़ों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी काफी मन पसंद है। इस पर चलने वाली ट्रेन में बोगी को दो क्लास में बांटा गया है फर्स्ट एवं सेकंड क्लास। फर्स्ट क्लास का किराया काफी ज्यादा होता है। अगर आप यहां जाना चाहते हैं एवं इस ट्रेन में यात्रा कर नेचर की खूबसूरती को इंजॉय करना चाहते हैं, तो आप इस ट्रेन के टिकट को ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं।

इस पर चलने वाली ट्रेन को इस पूरे न्यू जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग तक जाने में 6 से 8 घंटे का समय लगता है। वैसे तो यहां पर कई ट्रेनें चलती हैं और लगभग सभी ट्रेन का टाइम टेबल बदलते रहता है। एक ऐसी ट्रेन है जो प्रतिदिन 8:30 बजे न्यू जलपाईगुड़ी से खुलती हैं एवं शाम 4:00 बजे पहुंचती हैं।

दार्जिलिंग में घूमने लायक पर्यटक स्थल – Tourist place in Darjeeling in Hindi

भूटिया बस्‍ती मठ, टाइगर हिल, पीस पैगोडा, घूम, बतसिया लूप, उद्यान आदि..

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के आसपास के पर्यटन स्थल – Places To Visit Near Darjeeling Himalayan Railway In Hindi

1.) बतासिया लूप दार्जिलिंग – Batasia Loop Darjeeling In Hindi

बतासिया लूप दार्जिलिंग के हरा भरा एक प्राकृत रेल्वे मार्ग है ।यह बतासिया लूप घूम में स्थित है घूम की दूरी दार्जिलिंग से लगभग 5 km है।

2.) हिमालय पर्वतारोहण संस्थान दार्जिलिंग – Himalayan Mountaineering Institute In Hindi

हिमालय पर्वतारोहण संस्थान की 4 नवंबर 1954 ई. को किया गया था। इस संस्थान को दुनिया के सबसे अच्छे पर्वतारोही संस्थानो की श्रेणी में रखा गया है।

3.) टाइगर हिल दार्जिलिंग – Tiger Hill Darjeeling In Hindi

यह टाइगर हिल दार्जिलिंग से 13 km की दूरी पर 2590 m की ऊचाई पर स्थित है। यहां पर पर्यटकों की काफी भीड़ यहा से दिखने वाले सूर्यास्त के लिए होता है।

4.) नाइटेंगल पार्क

5.) रॉक गार्डन

6.) रॉक गार्डन

7.) जूलॉजिकल पार्क दार्जिलिंग

“दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे लाइन” के बारे में हमारे द्वारा बताई गई यह जानकारी अच्छा लगा हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें ।

धन्यवाद !

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2 COMMENTS

  1. बहुत ही अच्छी जानकारी आपके द्वारा दी गई है |
    धन्यवाद

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