मैसूर पैलेस के बारे में संपूर्ण जानकारी | Mysore Palace In Hindi

हेलो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम कर्नाटक में स्थित मैसूर पैलेस से जुड़ी तकरीबन सभी जानकारियों को जानने का प्रयास करेंगे। इस मैसूर पैलेस को आगरा में स्थित ताजमहल के बाद कर्नाटका में स्थित इस पैलेस को लोगों द्वारा काफी ज्यादा देखा जाता है।

कर्नाटक में स्थित इस पैलेस के बारे में बताया जाता है, कि मूल रूप से इसे बनने के उपरांत कई बार इसका पुनर्नर्माण भी करवाया गया है। चलिए हम आज के इस आर्टिकल में इस मैसूर पैलेस के बारे में जानते हैं, इसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा अंत तक जरूर पढ़ें। तो चलिए शुरू करते हैं –

मैसूर पैलेस के बारे में – About Mysore Palace In Hindi

कर्नाटका में स्थित इस मैसूर पैलेस को एक और नाम अंबा विलास पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। इस पैलेस के बारे में बताया जाता है, कि इसका कई बार पुनर्निर्माण भी हुआ है। यह पैलेस कर्नाटका में स्थित अन्य पर्यटन स्थलों की तुलना में लोगों द्वारा काफी ज्यादा पसंद किया जाता है। इस पैलेस को विजिट करने लोग भारत के अन्य कोणों के अलावा विदेशों से भी आया करते हैं। इस पैलेस से जुड़ी अन्य जानकारियां –

मैसूर पैलेस का इतिहास – History of Mysore Palace In Hindi

यहां पर मैसूर पैलेस का निर्माण सर्वप्रथम 14वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। जब पहली बार यहां पर पैलेस का निर्माण हुआ था, वह चंदन की लकड़ी से हुआ था। एक दुर्घटना के कारन यह लकड़ी का पैलेस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, तत्पश्चात 1897 के दौरान कृष्णराजा वाडियार चतुर्थ और उनकी मां यहां पर महल के रूप में दूसरा आकर्षक पैलेस बनाने के लिए वास्तुकार लॉर्ड हेनरी इरविन को सौंपा। यहां पर दूसरा मैसूर पैलेस 1912 ईस्वी के दौरान बनकर तैयार हो गया था। उस समय के दौरान इस पैलेस को तैयार करने में तकरीबन 42 लाख रुपए की लागत आई थी।

मैसूर पैलेस की संरचना – Architecture Of Mysore Palace In Hindi

इस पैलेस के ऊपरी भाग में स्थित गुंबद गुलाबी रंग के स्लेटी पत्थर से निर्मित है। इस महल के अंदर बने हुए एक बड़े से दुर्ग का गुंबद सोने की चादर से सजी हुई है। इस मैसूर पैलेस में राजाओं के रहने के लिए अलग कक्ष एवं आम आदमी को रहने के लिए अलग कक्ष बने हुए हैं। पैलेस पर पड़ने वाली सुबह की पहली किरण इसकी खूबसूरती में निखार ला देती है।

इस मैसूर पैलेस के एक हिस्से में कई पौराणिक गुड़ियों का संग्रह भी देखने को मिल जाता है। इस पूरे मैसूर पैलेस में वर्तमान समय में तकरीबन 97000 बल्ब लगे हुए हैं, जो अपनी रोशनी से इस पैलेस की खूबसूरती को निखार लाती है।

इस मैसूर पैलेस में कई अलग-अलग भाग बने हुए हैं, जो निम्न हैं-

दरबार हॉल – दरबार हॉल साइज में काफी ज्यादा बड़ा है। इस दरबार से इस पैलेस के मुख्य द्वार भी देखी जा सकती है। पहले के समय में राजा इसी दरबार हॉल का प्रयोग कर आम जनता से बात किया करते थे।

अंबा विलास – अंबा विलास इस मैसूर पैलेस के एक मुख्य भाग्य है। इस भाग्य में पत्थरों के ऊपर सोने की परत चढ़ाई गई है। यही कारण है कि इस पैलेस के यहां पर सबसे अधिक लोगों की जमाव देखी जाती है। यहां पर की गई पौराणिक अलग-अलग तरह की नक्काशी खूबसूरत तरह से किया गया है। अंबा विलास देखने में काफी ज्यादा आकर्षक लगती है।

कल्याण मंडप – कल्याण मंडप मैसूर पैलेस का इसे भी एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में जाना जाता है। कल्याण मंडप को मैरिज हॉल के रूप में भी जाना जाता है। यहां पर की गई खूबसूरत नक्काशी और पत्थरों के बने पिलर में जड़े सोने की परत की खूबसूरती में और निखार ला देती है।

डॉल्स पवेलियन या गोम्बे थोटी – यह मैसूर पैलेस की एक ऐसी क्षेत्र हैं, जहां पर पौराणिक समय के कई सारी गुड़ियों का संग्रह देखने को मिलता है। यहां पर कुछ गुड़िया ऐसे भी हैं, जिन पर सोने की परत चढ़ाकर उनकी महत्व को और बढ़ा दिया गया है।

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मैसूर पैलेस खुलने और बंद होने का समय – Mysore Palace Opening And Closing Time In Hindi

इस मैसूर पैलेस में पर्यटकों को घूमने जाने के लिए समय को निश्चित किया गया है। यह मैसूर पैलेस सुबह 10:00 बजे खुलता एवं शाम 5:30 बजे बंद हो जाता है, इसी बीच यहां पर पर्यटक घूमने जा सकते हैं।

मैसूर पैलेस घूमने जाने का अच्छा समय – Best Time To Visit Mysore Palace In Hindi

मैसूर पैलेस घूमने जाने के बारे में आप विचार कर रहे हैं, तो आप यहां पर दशहरे के दौरान जाएं। क्योंकि यहां पर दशहरा काफी धूमधाम से मनाया जाता है। यहां पर जाने का अच्छा समय अक्टूबर से लेकर मार्च के बीच के समय को माना जाता है। इसके अलावा मैसूर पैलेस की खूबसूरती को देखना चाहते हैं, तो आप यहां पर शाम के वक्त आयें आपको यह पैलेस किसी और रूप में ही दिखेगा।

मैसूर पैलेस का प्रवेश शुल्क – Entry Fee of Mysore Palace In Hindi

मैसूर पैलेस में घूमने जाने के लिए आपको प्रवेश शुल्क के रूप में कुछ चार्ज देने पड़ सकते हैं, जो कि इस प्रकार हैं। अगर आप एक भारतीय हैं, तो आपको प्रवेश शुल्क के रूप में ₹70 और अगर आप एक विदेशी है, तो आपको प्रवेश शुल्क के रूप में ₹200 देने होंगे। इन सबके अलावा इस मैसूर पैलेस में 10 साल से 18 साल के बीच के बच्चे के लिए ₹30 प्रवेश शुल्क के रूप में चार्ज लिया जाता है। 10 साल से कम उम्र के बच्चों का प्रवेश निशुल्क है।

मैसूर महल का वास्तुकार कौन था – Who was the Architect of Mysore Palace in Hindi?

मैसूर महल को ब्रिटिश हेनरी इर्विन (Henry Irwin) ने बनाया था।

मैसूर पैलेस का पता – Address of Mysore Palace In Hindi

Sayyaji Rao Rd, Agrahara, Chamrajpura, Mysuru, Karnataka 570001

मैसूर पैलेस कैसे पहुंचे ? – How To Reach Mysore In Hindi

मैसूर पैलेस घूमने जाने के बारे में बात करें, तो आप यहां पर बेंगलुरु के स्थानीय परिवहन के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते हैं।

अगर आप यहां पर मैसूर के अलावा अन्य मुख्य शहरों से आना चाहते हैं, तो भी आप आसानी से आ सकते हैं। क्योंकि बेंगलुरु हवाई जहाज एवं रेलवे मार्ग के माध्यम से भारत के अलग-अलग मुख्य शहर से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। बेंगलुरु के हवाई अड्डा या रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के उपरांत आप यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन के मदद से आप मैसूर पैलेस आसानी से पहुंच सकते हैं।

बेंगलुरु के मैसूर पैलेस के बारे में लिखे गए हमारे इस आर्टिकल को आप अपने दोस्त एवं फैमिली के साथ भी शेयर जरूर करें। अगर इस पोस्ट से रिलेटेड आप हमें राय या सुझाव देना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।

धन्यवाद

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