नमस्कार साथियों आज हम कालका-शिमला रेलवे लाईन के बारे में बात करने वाले हैं। इसे बनाने के दौरान कई मुसीबतों का सामना करना भी प़डा था। यहां तक कि इस मार्ग पर स्थित एक सुरंग के बनाने के दौरान एक इंजीनियर ने आत्महत्या भी कर ली थी। इस मार्ग पर कई ट्रेने भी चलती है जो बच्चों के बीच काफी मशहूर है। यहा चलने वाली टॉय ट्रेन एवं इस मार्ग पर उपस्थित जंगल, पहाड़, सुरंग, और पुल सफर के दौरान एक अलग ही एहसास कराती है। तो चलिए हम इन सभी जानकारियों को विस्तार के साथ समझते हैं –
कालका शिमला रेल्वे लाईन के बारे में – About Kalka Shimla Railway Line in Hindi
कालका शिमला रेलवे लाइन जिसे KSR या नैरोगेज लाइन के नाम से भी जाना जाता है। यह रेलवे अंबाला डिवीजन के उत्तरी रेलवे के अंतर्गत आता है। इस रेलवे लाइन के पटरी की चौड़ाई 2 फीट 6 इंच है।
इस रेलवे लाइन को ब्रिटिश शासन ने शिमला को कालका से जोड़ने के लिए बनवाया था। इसे बनाने की जिम्मेदारी दिल्ली अंबाला कंपनी को दिया गया था। 9 नवंबर 1903 ई. को इस मार्ग का संचालन शुरू हो गया था।
इस कालका–शिमला रेलवे लाइन की लंबाई 96 किलोमीटर है, जिसे ट्रेन 6 से 7 घंटे में पूरी सफर को तय कर पाती है। इसमे करीब 18 स्टेशन, 103 रेलवे सुरंग जिनमें सबसे लंबी सुरंग बड़ोग सुरंग भी शामिल है। जिसे सुरंग नंबर 33 के नाम से भी जाना जाता है। इसकी लंबाई 1143. 61 मीटर एवं इसे पार करने में ट्रेन को 2:30 मिनट का समय लगता है। 869 छोटे बड़े पुल एवं पूरी लाइन में 919 घुमाव भी शामिल है। तीखे मोड़ पर ट्रेन 48 डिग्री के कोण पर भी घूमती है।
इस रेलवे मार्ग पर 1921 ई. के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी यात्रा किया था। इस रेल्वे मार्ग पर कई फिल्मों के गाने के साथ साथ कई फ़िल्मों के सीन भी सूट किए जा चुके हैं। जैसे दोस्त फिल्म का सॉन्ग, ऑल इज वेल, रमैया वस्तावैया आदि फिल्मों की सीन।
इस कालका शिमला रेलवे मार्ग को वर्ल्ड हेरिटेज में यूनेस्को ने जुलाई 2008 में शामिल किया था।
क्या इस कालका शिमला मार्ग पर खतरा भी है ?
यह कालका शिमला रेलवे मार्ग 118 साल पुराना होने के कारण इस मार्ग पर उपस्थित कई पुल जंजार हो गए हैं, जिसके कारण रेलवे के द्वारा भी खतरा का बोर्ड लगाया गया है। तो कहीं ना कहीं हम बोल सकते हैं, कि इस रूट पर खतरा हो भी सकता है।
कालका शिमला रेलवे मार्ग पर स्थित बड़ोंग सुरंग –
कालका से 41 किलोमीटर की दूरी पर बड़ोंग रेलवे स्टेशन के ही पास बड़ोंग सुरंग है, जिसे सुरंग नंबर 33 के नाम से भी नाम से जाना जाता है। यह सुरंग दुनिया के सबसे लंबी सीधी सुरंग है। इसकी लंबाई 1143.61 मीटर है।
इस सुरंग के काम पूरा होने से पहले ही इसे बनाने वाले इंजीनियर ने आत्महत्या कर लिया था। क्योंकि जब इसका निर्माण शुरू हुआ था तो सुरंग के दोनों तरफ से खुदाई का काम चालू करवाया गया, यह सोचकर की दोनों सिरों बीच में आकर आपस में मिल जाएंगे। पर ऐसा ना होने के कारण एवं लागत से अधिक खर्च लगने के कारण अंग्रेजी सरकार ने उस इंजीनियर पर जुर्माना लगा दिया। इसी कारण से वह कर्नल बड़ोग नाम के इंजीनियर ने आत्महत्या कर ली। बाद में सुरंग के निर्माण के कार्य बाबा भलकू के सहयोग से पूरा किया गया। लेकिन इस सुरंग का नाम उसी कर्नल बड़ों के नाम पर ही रखा गया जिस ने आत्महत्या की थी।
इस रेल रूट पर यात्रा करना सुरंगों, पुलों, पहाड़ी एवं तीखे मोड़ों से होकर गुजरने वाली ट्रेन का सफर करना अपने आप में एक अलग ही उत्सुकता एवं आनंद दिलाता है। इस कालका शिमला रेलवे रूट पर ट्रेन में यात्रा करने लोग दूर-दूर से आते है और यहां के जंगली पहाड़ी हिल स्टेशनों एवं नेचर की खूबसूरती को देख कुछ ज्यादा ही खुशी जाहिर करते हैं।
शिमला कालका रेलवे मार्ग पर यात्रा करने का अच्छा समय – Best Time To Visit Kalka Shimla Railway Line in Hindi
आपको बता दें कि यहां घूमने आप साल के किसी भी महीने में जा सकते हैं। लेकिन सबसे उचित समय अक्टूबर से मार्च के बीच के समय माना जाता है, क्योंकि इस समय यहां का तापमान 2 से 10 डिग्री के बीच होता है।
वैसे आप अप्रैल से जून के बीच भी जा सकते हैं, लेकिन आप जुलाई से सितंबर के महीने के बीच आप कभी न जाए।क्योंकि उस समय हिमस्खलन एवं भूस्खलन का घटना अक्सर कभी न कभी देखने को मिलता है।
कालका शिमला रेलवे मार्ग पर पड़ने वाले स्टेशनकालका शिमला रेलवे मार्ग पर पड़ने वाले स्टेशन निम्न है –
कालका, टकसाल, गुम्मन, कोटी, शनवारा, धर्मपुरा, कुमार हट्टी, बड़ोग, सोलन, सलोगडा, कंडाघाट, कनोह, कैथलीघाट, शोधी, तारा देवी, टोटू, समर हिल और शिमला
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