हनुमान धाम हनुमान जी को समर्पित विश्व का पहला धाम है, जो उत्तराखंड के रामनगर में स्थित है। हनुमान जी का यह धाम उत्तराखंड के प्रसिद्ध धर्म स्थलों की सूची में शामिल है, जहां पर सालों भर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा सकती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि स्वयं हनुमान जी विजय नामक एक व्यक्ति के सपने में आए थे और उन्होंने ही उस व्यक्ति को इस स्थान पर हनुमान मंदिर बनाने के लिए प्रेरित किया था, जिसके बाद उस आदमी ने इस बात का प्रसार किया, जिसकी वजह से यह हनुमान धाम बन पाया, जो विश्व का प्रथम हनुमान धाम है।
विश्व का प्रथम और सबसे बड़ा हनुमान धाम कहां स्थित है ?
विश्व का पहला हनुमान धाम भारत के उत्तराखंड राज्य के रामनगर में स्थित है, जो विश्व का सबसे बड़ा हनुमान धाम भी है।
हनुमान धाम में हनुमान जी के कुल कितने स्वरूप को स्थापित किया गया है ?
शायद आप जानते ही होंगे कि हनुमान जी के कुल 21 स्वरूप हैं, जिसमें 9 स्वरूप और 12 लीलाएं शामिल हैं। आज तक जितने भी हनुमान जी के स्वरूप की चर्चा शास्त्रों में की गई है, वे सारे हनुमान जी के स्वरूप को यहां पर स्थापित किया गया है, जिसे आप यहां आने के बाद देख सकते हैं और यहां पर उपस्थित पंडित गण से उन सभी स्वरूपों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
हनुमान धाम में किन-किन देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं ?
यहां पर हनुमान धाम के सभी स्वरूपों के साथ-साथ भगवान श्री राम सहित माता सीता, मां दुर्गा और भगवान शिव सहित उनके पूरे परिवार की भी मूर्तियां स्थापित किया गया है, जिसमें मां पार्वती, भगवान शिव, भगवान गणेश और कार्तिक सहित नंदी महाराज भी शामिल हैं।
श्री हनुमान धाम में दर्शन एवं आरती की समय सारणी –
ग्रीष्मकालीन (1 अप्रैल से 30 सितम्बर तक) –
गर्मियों और सर्दियों के दिनों में हनुमान धाम सुबह 6 बजे खुलता है और रात्रि 9 बजे बंद हो जाता है, जिसमें दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक का समय शयन विश्राम करने के लिए होता है।
पूजन का समय –
हनुमान धाम में मंगला आरती एवं पुष्पांजलि सुबह 7 बजे, भोग तथा भोग आरती दोपहर 12 बजे, हनुमान चालीसा पाठ, सायंकालीन आरती एवं पुष्पांजलि शाम 7:30, बजे और शयन आरती रात्रि 9 बजे होता है। यह नियम गर्मियों सर्दियों के दिनों में प्रतिदिन लागू होता है।
शीतकालीन (1 अक्टूबर से 31 मार्च तक)-
सर्दियों में हनुमान धाम सुबह 5 बजे खुलता है और रात्रि 8 बजे बंद हो जाता है और सर्दियों में भी शयन विश्राम करने का समय दोपहर 1-2 बजे तक का ही होता है।
पूजन का समय –
हनुमान धाम में मंगला आरती एवं पुष्पांजलि सुबह 8 बजे, भोग तथा भोग आरती दोपहर 12 बजे, हनुमान चालीसा पाठ, सायंकालीन आरती एवं पुष्पांजलि शाम 6:30, बजे और शयन आरती रात्रि 8 बजे होता है। और सर्दियों के दिनों में प्रतिदिन यही नियम लागू होता है।
हनुमान धाम साल में कब जा सकते हैं ?
हनुमान धाम आप साल में कभी भी जा सकते हैं। यह धाम उत्तराखंड के मशहूर धर्म स्थलों में से एक है, जिसमें सालों भर भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिल जाती है।
हनुमान धाम कैसे जाएं ?
हनुमान धाम जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन, बस, टैक्सी, कार या बाइक की सुविधा ले सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि अगर आप फ्लाइट, ट्रेन और बस से हनुमान धाम जाते हैं, तो आपको उत्तराखंड में कहां जाना चाहिए, जो हनुमान धाम जाने के लिए सबसे नजदीक हो और वहां से आप हनुमान कैसे पहुंच सकते हैं।
हवाई जहाज से हनुमान धाम कैसे पहुंचे ?
हनुमान धाम का निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जो यहां से करीब 77 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस एयरपोर्ट से हनुमान धाम जाने के लिए आपको बस और टैक्सी वगैरह की सुविधा आसानी से मिल जाएगी।
ट्रेन से हनुमान धाम कैसे पहुंचे ?
हनुमान धाम का नजदीकी रेलवे स्टेशन रामनगर में स्थित है, जो यहां से करीब 9 किमी. की दूरी पर स्थित है। रामनगर रेलवे स्टेशन आने के लिए आपको दिल्ली, हरियाणा, लखनऊ, ग्वालियर और जयपुर जैसे बड़े शहरों से ट्रेन की सुविधा आसानी से मिल जाएगी।
बस से हनुमान धाम कैसे पहुंचे ?
हनुमान धाम का नजदीकी बस स्टैंड रामनगर में स्थित है, जिसका कनेक्शन दिल्ली, लखनऊ, चंडीगढ़ और अमृतसर जैसे बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।
अगर आप बाइक, कार या टैक्सी से हनुमान धाम आना चाहते हैं, तो आप बिना किसी परेशानी से हनुमान धाम पहुंच सकते हैं।
अगर आप बाइक, कार या टैक्सी से हनुमान धाम आना चाहते हैं, तो आप बिना किसी परेशानी से हनुमान धाम पहुंच सकते हैं।
उम्मीद है कि मेरे द्वारा “हनुमान धाम” के बारे में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर इस पोस्ट से संबंधित आपका कोई सवाल हो, तो आप हमें कमेंट जरूर करें, ताकि मैं आपके सवालों का जवाब दे सकूं।
धन्यवाद !
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