गौमुख उत्तराखंड | Gaumukh Trek Uttrakhand In Hindi.

गौमुख उत्तराखंड राज्य में स्थित पूरे भारत में ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध है, जो गंगा नदी का उद्गम स्थल है, लेकिन गौमुख में गंगा नदी भागीरथी नाम से जानी जाती हैं। गौमुख को गौमुखी के नाम से भी जाना जाता है, जो समुद्र तल से करीब 4023 मीटर (13200 फूट) की ऊंचाई पर स्थित है। गौमुख का ट्रेक पूरे दुनिया भर में प्रसिद्ध है, जहां हर साल देश विदेश से ट्रेकिंग के शौकीन लोग आते रहते हैं।

गौमुख कहां स्थित है ?

गौमुख उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है, जो भागीरथी यानी गंगा नदी का उद्गम स्थल है।

गौमुख का नाम गौमुख या गौमुखी क्यों पड़ा ?

गौमुख के गंगोत्री ग्लेशियर का एक पॉइंट गाय के मुख के जैसा दिखाई देता है, जिसकी वजह से इस जगह का नाम गौमुखी पड़ गया और बाद में यह स्थान गौमुख के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

गौमुख की यात्रा कहां से शुरू होती है ?

गौमुख की यात्रा गंगोत्री धाम से शुरू होती है, जो गंगोत्री मंदिर से लगभग 18 किमी. की दूरी पर स्थित है और यहां से गौमुख सिर्फ ट्रेक करके ही पहुंचा जा सकता है।

गंगोत्री से गौमुख का रूट एवं उसकी दूरी –

Gangotri – Kankhu Check Post – Chirwasa – Bhojbasa – Gaumukh.

क्रम सं.गंगोत्री के बाद मिलने वाला स्थान- दूरी-
1.गंगोत्री – कंखू चेक-पोस्ट1.5 किमी.
2.गंगोत्री – चिड़वासा9 किमी.
3.गंगोत्री – भोजवासा14 किमी.
4.गंगोत्री – गौमुख18 किमी.
गंगोत्री से गौमुख जाने वाले रूट और उसके बीच की दूरी।

सबसे जरूरी बात…

गौमुख का ट्रेक करते समय चिड़वासा से 3 किमी. बाद और भोजवासा से 2 किमी. पहले एक बहुत खतरनाक पहाड़ देखने को मिलता है, जिसे गिला पहाड़ के नाम से जाना जाता है। इस पहाड़ से सालों भर लैंड स्लाइड होने की संभावना बनी रहती है, इसलिए अगर आप गौमुख की यात्रा कर रहे हैं, तो इस पहाड़ के आसपास रात या दिन में विश्राम करने की कोशिश ना करें, वरना यह आपके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है।

(इन्हें भी पढ़े : – किसी भी ट्रेक पर जाते समय क्या-क्या लेकर जानी चाहिए

> मुनस्यारी (मिनी कश्मीर) उत्तराखंड)

गंगोत्री से गौमुख की यात्रा करते समय खाने-पीने और रात को ठहरने की सुविधा कहां-कहां उपलब्ध कराई जाती है ?

1 . गंगोत्री – यहां पर खाने-पीने और रात को ठहरने की बहुत अच्छी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

2 . चिड़वासा – यहां पर बहुत कम लोगों के खाने-पीने और रात को ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है और कभी-कभी यहां पर खाने-पीने की सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो पाती है। इसलिए आप यहां पर रात को ठहरने की कोशिश ना ही करें, तो आपके लिए अच्छा रहेगा।

3 . भोजवासा – यहां पर खाने-पीने और रात को ठहरने के लिए जीएमवीएन (GMVN) के होटल की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही यहां पर राम बाबा और लाल बाबा नामक दो आश्रम भी है, जहां पर खाने-पीने और रात को ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

गौमुख में खाने-पीने और रहने की सुविधा उपलब्ध नहीं है, इसीलिए अगर आपको लगता है कि गौमुख पहुंचने में देर हो जाएगी, तो आप भोजवासा में ही खाना खाने के बाद रात में ठहर सकते हैं और अगर आपको लगता है कि आप गौमुख जाकर वापस भोजवासा आ जाएंगे, तो आप गौमुख जा सकते हैं।

आपको इस बात को ध्यान में रखना होगा कि गौमुख और भोजवासा के बीच की दूरी करीब 4 किमी. है, इसलिए अगर आपको लगता है कि आप गौमुख जाने के बाद वापस भोजवासा आ सकते हैं, तो आप उसी दिन गौमुख जा सकते हैं, लेकिन अगर आपको लगता है कि गौमुख जाने के बाद वापस भोजवासा आने में अंधेरा हो जाएगा, तो आप भोजवासा में ही रात को ठहर सकते हैं और अगले दिन सुबह जल्दी गौमुख जा सकते हैं।

गौमुख जाने के लिए परमिट कहां से बनता है ?

गंगोत्री से गौमुख के बीच खाने-पीने और रात को ठहरने की अधिक मात्रा में सुविधा उपलब्ध ना होने की वजह से गौमुख जाने के लिए प्रतिदिन 150 परमिट ही जारी किया जाता है और एक परमिट का ₹ 150 लिया जाता है। गौमुख जाने के लिए आप चारधाम के वेबसाइट से परमिट ऑनलाइन जारी कर सकते हैं। ऑनलाइन के अलावा भी तीन जगहों पर गौमुख का परमिट ऑफलाइन बनता है। उत्तरकाशी में दो जगह कलेक्टर ऑफिस और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ऑफिस में गौमुख का परमिट बनाया जाता है एवं गंगोत्री के टेररिज्म डिपार्टमेंट ऑफिस तीसरा जगह है, जहां पर गौमुख का परमिट बनाया जाता है।

गौमुख जाने के लिए प्रतिदिन 150 ही परमिट जारी किया जाता है। उत्तरकाशी में दोनों ऑफिस को मिलाकर 120 परमिट जारी होता है और बचा हुआ 20 परमिट ही गंगोत्री के टेररिज्म डिपार्टमेंट ऑफिस में जारी किया जाता है, लेकिन अगर 150 परमिट उत्तरकाशी में ही जारी हो जाएगा, तो फिर गंगोत्री के टेररिज्म डिपार्टमेंट ऑफिस में एक भी परमिट जारी नहीं हो सकेगा, इसलिए आप चारधाम के वेबसाइट से ही परमिट ऑनलाइन जारी कर लें, ताकि वरना आपका परमिट ऑफलाइन बनेगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है। परमिट ऑनलाइन आवेदन करने से आपको भीड़ का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।

गौमुख ट्रेक पर जाते समय ध्यान देने योग्य बातें –

1 . इस ट्रेक को पूरा करने से पहले आपको फिजिकली और मेंटली प्रिपेयर होना बहुत आवश्यक है।

2 . इस ट्रेक को पूरा करने के लिए आपके पास ट्रेकिंग या स्पोर्ट्स शूज जरूर होना चाहिए।

3 . स्टिक लेकर ही ट्रेक करें।

4 . रेन कोट ले जाना ना भूलें।

5 . कुछ जरूरी मेडिसिन साथ रखना ना भूलें।

6 . सीजन के अनुसार गर्म कपड़े और दस्ताने भी साथ में लेकर जाएं।

7 . खाने के लिए कुछ चॉकलेट और एक पानी का बोतल जरूर लेकर चलें।

8 . टॉर्च और लाइटर साथ रखना ना भूलें।

9 . ट्रेक करते समय अपने साथ अधिक सामान लेकर न चलें।

10 . ट्रेक करते समय पानी के ऊपर बने लकड़ी के पुल को सावधानीपूर्वक पार करें।

11 . गीला पहाड़ के आसपास दिन या रात में ठहरने की कोशिश ना करें, क्योंकि लैंड स्लाइड का दिन और रात से कोई मतलब नहीं होता है।

12 . सुबह जल्दी ट्रेक स्टार्ट करने की कोशिश करें।

13 . जहां भी रात में ठहरना चाहते हैं, वहां पर सूर्यास्त होने से पहले पहुंचने की कोशिश करें।

मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर इस पोस्ट से संबंधित आपका कोई सवाल हो, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछना ना भूलें। मैं आपको जवाब देने की कोशिश जरूर करूंगा।

धन्यवाद !

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