आपको बता दें कि आज हम जिस किला के बारे में बात कर रहे हैं उसे भूतिया किस्सा की वजह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI के द्वारा लोगों और पर्यटकों को रात में किला के अंदर प्रवेश करना सख्त मना है। हम जिस किला के बारे में बात करने वाले हैं उसका नाम “भानगढ़ का किला” है।
यह किला आज एक खंडहर में तब्दील हो गया है। इस किले को भूत-प्रेत की रहने की अड्डा कहा जाता है। यहां पर जाने से भी लोग डरते हैं। इस किला से जुड़ी अनेकों अजीबो-गरीब कहानियां सुनने को मिलती है। तो चलिए विस्तार से जानते हैं इससे जुड़ी सभी प्रश्न एवं कहानियों को –
भानगढ़ किला के बारे में – About Bhangarh Fort in Hindi.
भानगढ़ किला जो कि राजस्थान के अलवर जिला में स्थित हैं। इस किला का निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था। इस किला के अंदर कई हिंदू देवी-देवता की मंदिर बने हुए हैं, जिनमें हनुमान मंदिर, गणेश मंदिर, गोपीनाथ मंदिर एवं शिव मंदिर प्रमुख हैं। किले के अंदर कुछ हवेलिया और महल भी बने हुए हैं।
बाहरी आक्रमणकारियों से सुरक्षा के लिए किले के चारों तरफ एक बहुत ऊंची दीवारें बनाई गई है। इस किले के अंदर जाने के लिए पांच प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। लेकिन आज किले के अधिकांश भाग खंडहर में बदल गया है। इस किले की सुरक्षा एवं रखरखाव भारत सरकार के प्रातः संरक्षण विभाग के द्वारा की जाती है।
भानगढ़ किला का इतिहास – History of Bhangarh Fort in Hindi
भानगढ़ किले को किसने बनवाया ? – Bhangarh kila ko Kisne Banwaya tha
17 वी शताब्दी में राजस्थान में बना यह भानगढ़ का किला प्राचीन काल का एक नमूना है। भानगढ़ किले के बारे में बताया जाता है, कि इसे आमेर के राजा भगवंत दास ने अपने छोटे बेटे माधो सिंह प्रथम के लिए 1583 ईस्वी में बनवाया था।
इतिहास
भानगढ़ के किले की इतिहास के बारे में लोगों का मत अलग-अलग है। इस किले को लेकर अजीबोगरीब विचित्र अलग-अलग कहानियां सुनने को मिलती हैं, जिनमें से हम सबसे ज्यादा प्रचलित कहानियों की बात करेंगे –
1. भानगढ़ किला के बारे में जो पहली कहानी है इसमें बताया जाता है कि यह किला एक तपस्वी कि श्राप की वजह से श्रापित एवं खंडहर हो गया।
कहा जाता है कि इस किला के निर्माण से पहले किला के जमीन के बगल में ही एक तपस्वी का कुटिया हुआ करता था। जब राजा माधो सिंह इस किले का निर्माण शुरू करवा रहे थे तब उस कुटिया में रहने वाले तपस्वी ने राजा से बोला, कि आप किला बनवा रहे हैं लेकिन मेरा एक शर्त है कि आपके इस किले की छाया मेरे इस कुटिया पर नहीं आनी चाहिए। अगर ऐसा होगा तो मैं आपको श्राप दे दूंगा। आपको यह मेरा शर्त मंजूर हो तो आप अपना किला बनवा सकते हैं।
तपस्वी के बात को राजा मानकर किला का निर्माण करवाने लगे, लेकिन राजा के महत्वाकांक्षी अधिकारियों ने किले को जरूरत से ज्यादा ऊंचा बना दिया। जिसके वजह से इस किले की छाया तपस्वी की कुटिया पर आने लगी। अपने कुटिया पर किले के आते छाया को देख तपस्वी बहुत गुस्सा हो गये एवं भानगढ़ के इस किले को उन्होंने श्राप दे दिया।
उस तपस्वी के श्राप के कारण भानगढ़ का किला धीरे-धीरे खंडहर में बदल गया। खंडार में बदलने के बाद यहां किसी के ना रहने से यह किला विरान हो गया। इस किला के विरान होने की वजह से लोग इस किला को नेगेटिव एनर्जी से जोड़ कर देखने लगे।
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2. भानगढ़ के किले के बारे में जो दूसरी कहानी है इसमें बताया जाता है, कि यह किला एक तांत्रिक के श्राप की वजह से पूरी तरह बर्बाद होकर खंडहर में बदल गया और भूतिया बन गया।
बताया जाता है कि इस किले के सर्वनाश का कारण एक राजकुमारी थी। स्थानीय लोगों द्वारा कहा जाता है, कि भानगढ़ के इस किले में एक बहुत ही सुंदर राजकुमारी रहती थी, जिनका नाम रत्नावती था।
एक बार एक तांत्रिक ने जब इस खूबसूरत राजकुमारी को देखा तो इनकी खूबसूरती को देखते ही प्यार करने लगा, लेकिन तांत्रिक को पता था की राजकुमारी उसे कभी प्यार नहीं करेगी। इसलिए तांत्रिक ने राजकुमारी को तंत्र-मंत्र से अपने बस में करने के लिए एक जादुई पेय जल पिलाने का प्रयास किया। लेकिन तांत्रिक की यह चालाकी राजकुमारी को मालूम पड़ गई। तभी राजकुमारी ने उसी समय तांत्रिक को गिरफ्तार करवा कर उसे तुरंत मृत्यु दंड दे दिया।
लेकिन वह तांत्रिक मरने से पहले ही इस भानगढ़ किले को श्राप दे दिया कि अब इस किले में कोई भी नहीं रह पाएगा। उसके बाद यहां पर ऐसे-ऐसे हमले एवं घटनाएं हुई कि किले की रौनक ही छीन गई और यह किला खंडार में बदल गया। ऐसा माना जाता है कि उस तांत्रिक की आत्मा आज भी इस भानगढ़ के किले के अंदर वास करती है।
भानगढ़ किले में रात में जाना क्यों माना है ?
भानगढ़ का किला घूमने का प्लान आप भी बना रहे हैं तो आपको यह जान लेना चाहिए, कि किसी भी इंसान के लिए भानगढ़ के किले में सूर्योदय से पहले एवं सूर्यास्त के बाद प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
जब आप भानगढ़ के किले के पास जाएंगे तो आपको भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा लगाए गए एक बोर्ड दिखेगा। जिसमें यहां पर आने वाले पर्यटकों को अंधेरे के समय इस किले के अंदर न जाने की चेतावनी लिखी हुई है।
लोगों द्वारा भानगढ़ के किला के बारे में बताया जाता है कि रात के समय इस किले में भूत एवं आत्मा घूमती हैं। और उन्हीं लोगों का यहां पर रात के समय में राज चलता है। भानगढ़ के इस किला में रात के समय कई अजीबोगरीब आवाजें भी सुनाई देती है।
यहां तक कि कुछ लोगों का यह भी कहना है, कि एक बार की बात है रात के समय इस भानगढ़ के किले में कुछ लोग गए तो थे परंतु उसमें से काफी कम लोग ही बाहर वापस लौट पाये बाकियों का कुछ भी पता नहीं चल पाया।
भानगढ़ किला देखने जाने का अच्छा समय – Best Time To Visit Bhangarh Fort in Rajsthan in Hindi.
आप भानगढ़ किला देखने साल के किसी भी समय में जा सकते हैं लेकिन आपको तो मालूम ही है, कि अप्रैल से जुलाई तक राजस्थान में कितनी तेज गर्मी पड़ती है। इसलिए इस समय लोग किला देखने बहुत कम जाते हैं
आपको बता दे कि भानगढ़ के किला को देखने जाने का अच्छा समय सितंबर से लेकर मार्च तक को माना जाता है। ऐसा इसलिए कि बारिश के मौसम के बाद भानगढ़ का किला और भी ज्यादा सुंदर एवं आकर्षक हो जाता है। और इस समय यहां पर गर्मी भी कम पड़ती है। तो अगर आप भी यहां पर का प्लान बना रहे है, तो इसी समय के बीच यहां पर घूमने जाने के लिए आपके लिए उचित रहेगा।
भानगढ़ किला में प्रवेश करने का समय – Bhangarh Fort Entry Timing in Hindi.
भानगढ़ के किले के अंदर जाने एवं वापस आने का भी समय निश्चित की गई है। भानगढ़ के इस किले में आप सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक जाकर आ सकते हैं। शाम को 6:00 बजे तक पर्यटकों को बाहर आना ही होता है और शाम के 6:00 बजे के बाद से इस किले में किसी का भी जाना पूर्ण रूप से वर्जित होता है।
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भानगढ़ किले में जाने के लिए प्रवेश शुल्क – Bhangarh Fort Entry Fee in Hindi
अगर आप भानगढ़ किले के अंदर जाना चाहते हैं और अगर आप भारतीय हैं तो आपको ₹25 प्रवेश शुल्क देना पड़ेगा। लेकिन वही अगर आप एक विदेशी पर्यटक है, तो प्रवेश शुल्क के रूप में आपको ₹200 देने होंगे। और आप अगर अपने साथ इस किले के अंदर कैमरा ले जाना चाहते हैं तो आप कही के भी हो चाहे भारतीय या विदेशी आपको ₹200 अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
भानगढ़ किला कैसे पहुंचे ? – How To Reach Bhangarh Fort in Rajsthan in Hindi ?
अगर आप भी भानगढ़ किला kकी ट्रिप का प्लान कर रहे है, तो आपको बता दें आप यहां पर अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी माध्यम यानी कि सड़क मार्ग, वायु मार्ग या रलवे मार्ग द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। इन सबके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गई है।
भानगढ़ किला हवाई जहाज से कैसे पहुंचे ? – How to Reach Bhangarh Fort in Rajsthan by Flight In Hindi ?
भानगढ़ किले के आस पास तो कोई हवाई अड्डा नहीं है, लेकिन भानगढ़ किले के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा की बात की जाए तो वह जयपुर में हैं। जो इस किले से 89 किलोमीटर दूर है। आप वहां से बस, टैक्सी या कैब के द्वारा आसानी से भानगढ़ किले तक पहुंच सकते हैं।
भानगढ़ किला ट्रेन से कैसे पहुंचे ? – How to Reach Bhangarh Fort in Rajsthan by Train In Hindi ?
अगर आप भानगढ़ किला ट्रेन से जाना चाहते हैं तो आप दौसा रेलवे स्टेशन जो कि भानगढ़ किले का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। दौसा स्टेशन से भानगढ़ की दूरी मात्र 22 किलोमीटर है।
आप जयपुर रेलवे स्टेशन जो की भानगढ़ किले से 85 किलोमीटर की दूरी पर है वहां से भी आप आसानी से बस, टैक्सी या कैब से भानगढ़ पहुंच सकते है ।
भानगढ़ किला सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे ? – How to Reach Bhangarh Fort in Rajsthan by Road In Hindi ?
आप सड़क मार्ग से दिल्ली से भानगढ़ आना चाहते हैं, तो आप आसानी से इस किले तक जयपुर, दौसा, अलवर होते हुए राजस्थान के इस किले तक पहुंच सकते हैं।
पूछें जाने वाला प्रश्न –
प्रश्न – भानगढ़ का किला किस राज्य में स्थित है ?
उत्तर – 17 वी शताब्दी में निर्मित यह भानगढ़ का किला भारत देश के राजस्थान राज्य में स्थित है।
प्रश्न – भानगढ़ का किला कौन से जिले में है?
उत्तर – पौराणिक समय में निर्मित यह भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिला में स्थित है।
प्रश्न – भानगढ़ का किला कब बना था ?
उत्तर – भानगढ़ का किला की निर्माण समय 17 वीं शताब्दी की बताई जाती है।
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धन्यवाद
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