नमस्कार साथियों, आज के इस आर्टिकल में हम तमिलनाडु राज्य में स्थित रामेश्वरम मंदिर के बारे में तकरीबन सभी जानकारियों को विस्तार से जानने वाले हैं। तमिलनाडु राज्य में स्थित रामेश्वरम मंदिर को हिन्दू धर्म से जुड़ी चार धामों में से एक माना जाता है। इस रामेश्वरम मंदिर में स्थापित भगवान शिव के शिवलिंग के बारे में बताया जाता है, कि इसे स्वयं श्री राम के द्वारा स्थापित किया गया था।
इस रामेश्वरम मंदिर की चर्चा केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में होती हैं। यहां पर लोग विश्व के अलग-अलग देशों से भी विजिट करने आया करते हैं। तमिलनाडु राज्य में स्थित इस रामेश्वरम मंदिर से जुड़ी पूरी जानकारी को जानने के लिए आप हमारे द्वारा लिखे गए आर्टिकल इस आर्टिकल में अंत तक बने रहिए ताकि आपको इस रामेश्वरम मंदिर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके, तो चलिए शुरू करते हैं –
रामेश्वरम मंदिर के बारे में – About Rameshwaram Temple In Hindi
रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु राज्य में स्थित केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध एक हिंदू धर्म से जुड़ी पौराणिक धार्मिक स्थल है। यह रामेश्वरम मंदिर हिंदू धर्म से जुड़ी चार धामों में से एक धाम के रूप में जाना जाता है। रामेश्वरम मंदिर ही वह मंदिर है, जहां पर विश्व की सबसे लंबी गलियारा देखी जा सकती है। इस मंदिर की आकृति एवं इस मंदिर में कलाकृति इस तरह से की गई है कि देखने वाले देखते ही रह जाते हैं। मंदिर की दीवारों पर छोटी-छोटी बनी प्रतिमा एवं दीवारों में की गई सुंदर नक्काशी देख लोग अचंभित रह जाते हैं। इस मंदिर के बारे में पूरी जानकारी जाने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल में बने रहे।
रामेश्वरम मंदिर का इतिहास/कहानी – History Of Rameshwaram Temple In Hindi
रामनाथ स्वामी मंदिर के नाम से जाना जाने वाला रामेश्वरम मंदिर भारत देश के तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम शहर में स्थित एक हिंदू धर्म से जुड़ी पौराणिक धार्मिक स्थल है। इस रामेश्वरम मंदिर में स्थापित शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से घिरे हुए स्थलों पर स्थापित किया खूबसूरत पौराणिक मंदिर पूरे विश्व में काफी ज्यादा प्रसिद्ध हैं। क्योंकि इस मंदिर की गलियांरा विश्व की सबसे लंबी गलियारा के रूप में जाना जाता है।
तमिलनाडु राज्य में स्थित इस रामेश्वरम मंदिर से जुड़ी इतिहास और कहानियों के बारे में बात करें, तो बताया जाता है कि भगवान श्रीराम ने ब्राह्मण रूपी रावण को मारने के पश्चात लंका से वापस लौटते समय ब्राह्मण को मारने के दोष से छुटकारा पाने के लिए यहीं पर भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की थी।
कहा जाता है श्री राम लंका से लौटने के पश्चात भगवान शिव की आराधना एवं पूजा करना चाहते थे, लेकिन यह रामेश्वरम मंदिर जहां पर स्थित है वहां पर उस समय कोई भी मंदिर नहीं थी, जिसकी वजह से श्री राम ने हनुमान जी को भगवान शिव की मूर्ति लाने के लिए कैलाश पर्वत भेजें।
हनुमान जी का कैलाश पर्वत पर शिवलिंग लाने के लिए निकले हुए काफी समय हो जाने के पश्चात जब को नहीं आए तब माता सीता और श्रीराम ने वहां पर स्थित रेत की मदद से स्वयं शिवलिंग का निर्माण किये। फिर पुनः उसी शिवलिंग की पूजा भी उनके द्वारा की गई। तत्पश्चात हनुमान जी भी कैलाश से शिवलिंग लेकर पहुंच गए। तब हनुमान जी द्वारा लाए गए शिवलिंग को भी वहां पर स्थापित कर दिया गया।
यहां पर बने मंदिर के बारे में बताया जाता है कि इस मंदिर को बनाने में कई लोगों का योगदान रहा है। इस मंदिर को पूर्ण रुप से बन कर तैयार होने में बताया जाता है कि तकरीबन 350 सालों का समय लगा था। वर्तमान समय में यह रामेश्वरम मंदिर हिन्दू के चार धामों में से एक धाम के रूप में जाना जाता है।
रामेश्वरम मंदिर की वास्तुकला – Architecture Of Rameswaram Temple In Hindi
तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित यह रामेश्वरम मंदिर पौराणिक समय में निर्मित खूबसूरत वास्तुकला एवं सुंदर नक्काशी वाला हिंदू धर्म से जुड़ी एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इस मंदिर की खूबसूरती एवं कलाकृति देखने में काफी ज्यादा अचंभित करने वाली लगती है।
इस मंदिर के दीवारों पर अलग-अलग कलाकृतियों को काफी सुंदर तरीके से नक्काशा गया है। यहां पर जाने के उपरांत आप इस मंदिर के दीवारों पर बने अलग-अलग देवी-देवताओं के प्रतिमाओं के अलावा और भी बहुत सारी खूबसूरत नक्काशी वाला प्रतिमा को देख सकते हैं।
इस मंदिर की बड़ी गलियारा की लंबाई 3850 फिट है, जो कि दुनिया का सबसे लंबा गलियारा के रूप में जाना जाता है। इस रामेश्वरम मंदिर के अंदर मुख्य दो लिंग देखा जा सकता है, जिममें एकलिंग भगवान श्री राम एवं सीता के द्वारा स्थापित किया गया था जिसे रामलिंगम के नाम से जाना जाता है। दूसरा हनुमान जी के द्वारा कैलाश से लाए गए शिवलिंग को देखा जा सकता है, जिसे विश्वलिंगम के नाम से जाना जाता है।
रामेश्वरम मंदिर परिसर के अंदर 24 कुआं का निर्माण भी किया गया है। इस मंदिर से जुड़ी एक किवदंती के अनुसार इस मंदिर को बनाने के लिए पत्थरों को श्रीलंका से लाया गया था।
रामेश्वरम मंदिर की प्रमुख त्योहार – Festivals of Rameshwaram Temple In Hindi
तमिलनाडु राज्य में स्थित रामेश्वरम मंदिर में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में बात करें, तो यहां पर कई त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा प्रमुख महाशिवरात्रि को माना जाता है। इस समय यहां पर लोग काफी दूर-दूर से और अधिक संख्या में यहां पर आया करते हैं। यह महाशिवरात्रि पर्व यहां पर 10 दिनों तक चलने वाला पर्व है।
अरुल्मिगु रामानाथास्वमी मंदिर का खुलने एवं बंद होने का समय – Opening and Closing Time Of Rameswaram Temple In Hindi
तमिलनाडु राज्य में स्थित यह रामेश्वरम मंदिर सुबह 4:30 बजे खुलता एवं दोपहर 1:00 बजे बंद हो जाता है। फिर पुनः दोपहर 3:00 बजे खुलता एवं रात 9:00 बजे बंद हो जाता है। इसी समय के बीच इस रामेश्वरम मंदिर में सभी प्रकार की गतिविधियां की जाती है।
रामानाथास्वमी मंदिर में पूजा का समय – Pooja Timing Of Rameswaram Temple In Hindi
रामेश्वरम मंदिर में कई अलग अलग गतिविधियां एवं पूजा अर्चना की जाती है, जिनमें से मुख्य निम्न है –
नाम | समय |
---|---|
पल्लियाराय दीप अराथाना | 5:00 AM |
स्पैडिगलिंग दीप अराथना | 5:10 AM |
कलासंथी पूजा | 10:00 AM |
उचिकाला पूजा | 12:00 PM |
सायरात्चा पूजा | 6:00 PM |
पल्लियाराय पूजा | 8:45 PM |
रामेश्वरम मंदिर से जुड़ी रोचक तथ्य – Interesting Facts About Rameswaram Temple In Hindi
तमिलनाडु राज्य में स्थित रामेश्वरम मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक तथ्य भी है, जिन्हें आपको भी जान लेना चाहिए जो निम्न में है –
- विश्व का सबसे लंबा गलियारा तमिलनाडु के रामेश्वरम मंदिर में ही देखा जा सकता है।
- रामेश्वरम मंदिर को बनाने के लिए पत्थरों को नाव के द्वारा श्रीलंका से लाया गया था।
- किवदंती के अनुसार रामेश्वर का मंदिर परिसर में स्थित कुओं को भगवान श्री राम के द्वारा स्थापित किया गया था।
- रामेश्वरम मंदिर में स्थापित शिवलिंग को बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
- तमिलनाडु राज्य में स्थित रामेश्वरम मंदिर को हिंदू धर्म के चार धामों में से एक माना जाता है।
- इस मंदिर में स्थित मुख्य तीर्थ को अग्नि तीर्थ के नाम से जाना जाता है।
- रामेश्वरम से जुड़ी एक ऐसी मान्यता का जिक्र किया जाता है, जिसमें बताया जाता है कि अगर कोई व्यक्ति यहां पर स्थापित लिंग पर पूरे श्राद्ध से गंगाजल चढ़ाता है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
अरुल्मिगु रामानाथास्वमी मंदिर के आसपास घूमने की जगहें – Places To Visit Near Rameshwaram Temple In Hindi
- अग्निथीर्थम
- अदम्स ब्रिज
- पामबन ब्रिज
- इंदिरा गाँधी सेतु
- अरियामन बीच आदि।
रामेश्वरम मंदिर कैसे पहुंचें ? – How To Travel Rameshwaram Temple In Hindi
तमिलनाडु राज्य में स्थित तमिलनाडु का प्रमुख हिंदू मंदिर रामेश्वरम मंदिर कैसे पहुंचे के बारे में बात करें, तो आप यहां पर अपने यहां से किसी भी माध्यम से सरलता पूर्वक पहुंच सकते हैं। क्योंकि यह तमिलनाडु राज्य में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर हैं, जहां लोग भारत के अलग-अलग क्षेत्रों से आया करते हैं। तमिलनाडु के इस रामेश्वरम मंदिर के निकटतम हवाई अड्डा की बात करें, तो वह मदुरै एयरपोर्ट है।
अगर इस रामेश्वरम मंदिर के निकटतम मुख्य रेलवे स्टेशन की बात करें, तो वह रामेश्वरम रेलवे स्टेशन है। इसके अलावा रामेश्वरम शहर चेन्नई, कन्याकुमारी, मदुरै आदि नजदीकी मुख्य शहरों से सड़क मार्ग के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आपको इन शहरों से डायरेक्ट बस की सुविधा भी रामेश्वरम के लिए मिल जाएंगे। इस तरह आप रामेश्वरम मंदिर अपने यहां से आसानी से पहुंच सकते हैं।
तमिलनाडु राज्य में स्थित रामेश्वरम शहर के प्रमुख रामेश्वरम मंदिर जो कि एक हिंदू प्रमुख धार्मिक स्थल है के बारे में लिखा गया हमारा यह आर्टिकल आपको अगर पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों के साथ शेयर जरूर करें ताकि उन्हें भी इस रामेश्वरम मंदिर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके। एक बात और अगर इस आर्टिकल से जुड़ी आप हमें कोई सुझाव या अपडेट देना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं।
धन्यवाद