आज के इस आर्टिकल में मैंने “kedarnath jane ka sahi samay” के बारे में विस्तृत जानकारी दिया है अगर आप केदारनाथ मंदिर जाने का प्लान कर रहे हैं तो आप इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आपको मालूम चल सके कि kedarnath jane ka best time, किस समय में केदारनाथ की यात्रा करने पर भीड़ कम होती है और किस समय केदारनाथ की यात्रा करने से केदारनाथ मंदिर के पास बर्फ देखने को मिल सकता है?
केदारनाथ मंदिर के खुलने और बंद होने का समय 2022 – Kedarnath Temple Opening And Closing Timings 2022.
2022 में केदारनाथ मंदिर का कपाट 6 मई को खुलने वाला है और 24 या 26 अक्टूबर को केदारनाथ मंदिर का कपाट बंद कर दिया जाएगा। अक्टूबर में केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद पुनः 6 महीने बाद मई में केदारनाथ मंदिर का कपाट खुलता है। यानी कि केदारनाथ मंदिर का कपाट सिर्फ 6 महीने मई से अक्टूबर तक खुला रहता है और बाकी के 6 महीने नवंबर से अप्रैल तक केदारनाथ मंदिर का कपाट बंद रहता है।
मई और जून में केदारनाथ की यात्रा करने के फायदे और नुकसान –
मई और जून में केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने का फायदा यह है कि इस समय केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने पर बारिश न के बराबर पड़ती है और ठंड भी काफी कम पड़ती है। इसके अलावा मई और जून में केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने का फायदा यह भी है कि इसी बीच गर्मियों की छुट्टियां भी मिलती है। अगर आप चाहें तो गर्मी की छुट्टी मिलने पर आप अपने पूरी फैमिली के साथ केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने जा सकते हैं।
मई और जून में केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने का नुकसान यह है कि इस समय केदारनाथ मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ सबसे ज्यादा होती है, जिसकी वजह से मई और जून में फैमिली के साथ केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने में आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है। इसके अलावा मई और जून में केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने का यह भी नुकसान है की अगर आपने पहले से ही होटल वगैरह की बुकिंग नहीं करवाई है, तो मई और जून में केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने पर होटल वगैरह को लेकर आपको काफी परेशानी हो सकती है।
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मई और जून के महीने में केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं की होटल को लेकर काफी ज्यादा शिकायत सुनने को मिलती है, क्योंकि केदारनाथ मंदिर के पास जीएमवीएन के अलावा कुछ ही लोग ऐसे हैं, जो प्राइवेट होटल और टेंट वगैरह की सुविधा उपलब्ध कराते हैं, लेकिन जीएमवीएन द्वारा उपलब्ध कराई गई सभी होटल की बुकिंग पहले ही हो जाती है और एवं और जून में केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ काफी ज्यादा हो जाने की वजह से प्राइवेट होटल्स और टेंट भी श्रद्धालुओं के लिए कम पड़ जाते हैं।
मई और जून में केदारनाथ धाम की यात्रा करने का नुकसान यह भी है कि मई और जून में केदारनाथ धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक हो जाने की वजह से केदारनाथ मंदिर में दर्शन करने में काफी लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता है। कभी-कभी केदारनाथ मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की 2-2 किमी. लंबी लाइन हो जाती है, जिससे दर्शन के लिए काफी समय तक लाइन में खड़ा होना पड़ जाता है और 2-3 घंटे बाद दर्शन करने को मिल पाता है।
नोट:- मई जून में केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने पर होटल की वजह से इस यात्रा पर होने वाले नुकसान का सीधा समाधान यही है कि आप पहले से ही जीएमवीएन के होटल की बुकिंग करा लें, ताकि मई और जून में होटल को लेकर होने वाली परेशानी से आप छुटकारा पा सकें।
रही बात भीड़ की तो इसमें आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं, लेकिन अगर आप केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए काफी बड़ी लाइन में खड़ा होने से बचना चाहते हैं और कम समय में ही केदारनाथ मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, तो आप सुबह 3-4 बजे ही केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए लाइन में खड़े हो जाएं, ताकि मंदिर के खुलने के तुरंत बाद आप केदारनाथ मंदिर में स्थापित भगवान शिव के दर्शन कर सकें। आप जितना देर लाइन में खड़े होने में करेंगे उतना देर आपको दर्शन करने में लग जाएंगे।
और एक बात। सुबह 6 बजे के बाद केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए हेलिकाप्टर से भी आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होने लगती है, इसलिए आपके लिए अच्छा यही होगा कि आप सुबह 3-4 बजे ही लाइन में खड़े होकर केदारनाथ मंदिर के दर्शन कर लें और ब्रेकफास्ट वगैरह करने के बाद जल्द ही अपने अगले सफर की शुरुआत कर दें।
जुलाई और अगस्त में केदारनाथ की यात्रा करने के फायदे और नुकसान –
जुलाई और अगस्त का समय पूरे भारत में मॉनसून का महीना होता है, इसलिए इस समय आपको केदारनाथ की यात्रा पर जाने से बचना चाहिए, क्योंकि केदारनाथ मंदिर पहाड़ पर स्थित है और केदारनाथ मंदिर जाने के लिए पहाड़ों पर लगभग 16 से 18 किलोमीटर का ट्रैक करना पड़ता है, जो मॉनसून के समय में काफी खतरनाक साबित हो सकता है। यही कारण है कि जुलाई और अगस्त में काफी मात्रा में बारिश होने की वजह से केदारनाथ की यात्रा करने वाले पर्यटक को और श्रद्धालुओं की संख्या शून्य के बराबर वह जाती है।
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दोस्तों आप भी यह बात बहुत अच्छी तरीके से जानते होंगे कि पहाड़ों पर मॉनसून के समय काफी ज्यादा लैंडस्लाइड होता है और पूरा उत्तराखंड पहाड़ों से ही भरा पड़ा है, जिसकी वजह से उत्तराखंड में मॉनसून के दौरान लैंडस्लाइड का खतरा काफी बढ़ जाता है। मॉनसून के दौरान बारिश होने की वजह से केदारनाथ मंदिर यानी सोनप्रयाग जाने वाली बस वगैरह की संख्या भी काफी कम हो जाती है। अब आप समझ गए होंगे कि जुलाई और अगस्त में केदारनाथ की यात्रा क्यों नहीं करनी चाहिए।
अब रही बात जुलाई और अगस्त में केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने के फायदे और नुकसान की तो जुलाई और अगस्त में केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने के नुकसान के अलावा फायदे कुछ भी नहीं है। इस समय केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने के नुकसान के बारे में मैंने ऊपर ही चर्चा कर दिया है।
सितंबर और अक्टूबर में केदारनाथ की यात्रा करने के फायदे और नुकसान –
सितंबर और अक्टूबर में केदारनाथ की यात्रा करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस समय केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रहती है, जिसकी वजह से केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने पर भीड़ काफी कम हो जाती है। सितंबर और अक्टूबर में केदारनाथ की यात्रा करने का दूसरा फायदा यह है कि कि इस समय भीड़ कम होने की वजह से होटल्स वगैरह काफी आसानी से और थोड़े सस्ते भी मिल जाते हैं।
सितंबर और अक्टूबर में केदारनाथ धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम होने की वजह से यह समय फैमिली के साथ केदारनाथ धाम की यात्रा करने के लिए काफी अच्छा होता है, क्योंकि भीड़ कम होने से आपकी फैमिली कम समय में आराम से दर्शन कर सकते हैं। भीड़ कम होने के कारण इस समय में आप कभी भी लाइन में खड़े होकर आधे घंटे के भीतर केदारनाथ मंदिर में दर्शन कर सकते हैं।
सितंबर और अक्टूबर में केदारनाथ धाम की यात्रा करने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इस समय ठंड थोड़ी बढ़ जाती है, इसलिए इस समय केदारनाथ धाम की यात्रा करने पर ठंड से बचने के लिए ठंड की सभी चीजें पहननी पड़ती है।
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नोट:- जैसा कि मैंने ऊपर में सितंबर और अक्टूबर में केदारनाथ धाम के दर्शन करने का नुकसान अधिक ठंड बताया है। दोस्तों अगर आप सितंबर में केदारनाथ मंदिर की यात्रा पर जाते हैं, तो आपको अक्टूबर की तुलना में कम ठंड महसूस होगा। रही बात ठंड से बचने की तो सितंबर और अक्टूबर में केदारनाथ धाम की यात्रा करने पर ठंड से बचने के लिए आप अपनी सभी तैयारी जैसे मोटे जैकेट, गर्म टोपी, गलव्स वगैरह पहन लें, ताकि इस यात्रा पर आपको ठंड न लग सके।
अंतिम अक्टूबर में केदारनाथ मंदिर के पास स्नो फॉल होने की संभावना भी होती है, इसलिए अगर आप केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने के दौरान स्नो फॉल को भी एंजॉय करना चाहते हैं, तो केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के समय को ध्यान में रखते हुए आप अंतिम अक्टूबर में केदारनाथ मंदिर की यात्रा पर जा सकते हैं।
केदारनाथ कौन से महीने में जाना चाहिए ? – kedarnath kab jana chahiye.
अगर आप बारिश और ठंड से बचना चाहते हैं, तो आप मई और जून में केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने जा सकते हैं, क्योंकि इस समय केदारनाथ मंदिर जाने पर बारिश के साथ-साथ ठंड भी कम पड़ती है, लेकिन मई और जून में केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने पर आपको काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिलेगी।
अगर आप फैमिली के साथ केदारनाथ धाम की दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो आपके लिए केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय सितंबर का महीना है, क्योंकि इस समय बारिश भी काफी कम पड़ती है और भीड़ भी काफी कम रहती है। सितंबर के समय फैमिली के साथ केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने जाने पर आप उनके गर्म कपड़े वगैरह का ख्याल जरूर रखें। भले ही सितंबर के समय ठंड काफी ज्यादा नहीं पड़ती है, लेकिन आपको भी अच्छे से मालूम होगा कि वृद्ध लोगों को युवा लोगों से अधिक ठंड महसूस होती है।
अगर आप स्नो फॉल एंजॉय करने के साथ-साथ केदारनाथ मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको अंतिम अक्टूबर यानी केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के समय केदारनाथ मंदिर की यात्रा करनी चाहिए।
केदारनाथ की यात्रा कब करनी चाहिए? और केदारनाथ कौन से महीने में जाना चाहिए? से जुड़े सवालों के जवाब पाने के लिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
धन्यवाद।
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Sir October ke kish date me kedarnath ka kapat bandh hua hai .ya October ke 1 se 20 Tarik me kedarnath Jana sahi hai
Kedarnath ka kapat 26 October ko band hoga. Date ke according Kedarnath jane ka apka plan bilkul sahi h, lekin is samay apko apne sbhi garm kapde lekar jana hoga.
Sir 15 July ko kedarnath ja skta hu ya nhi wahan ka manasoon kaisa rhega plz reply
Santosh bhai aap july aur august me kedarnath mat jaiye. July aur august me bahut jyada barish aur landslide hota hai. Aap September me ya fir mid September ke baad kedarnath jane ka plan karen. September me kedarnath yatra me apko koi problem nhi hogi. September me sardi ke kapde lekar jana hoga, kyoki September me sardi jyada hoti hai as compared to may to August. Thank you.
Kya September end m chote bache 9.10sal
bacho ko le jana theek rahega
Kya ham Oct k last me ja sakte hai Oct 24 to Oct 29 k bich
Main September ki 1 tarikh ko jaunga Jana sahi hai use time dikkat to nahin hogi koi