एल्टीट्यूड सिकनेस क्या है और इससे कैसे बचें | Altitude Mountain Sickness (AMS) In Hindi.

आप अगर लद्दाख या किसी अन्य स्थान पर घूमने जा रहे हैं और वह स्थान अच्छा खासा ऊंचाई पर हो, जहां पर ऑक्सीजन की मात्रा कम हो, तो आप नीचे बताएं गए सभी बातों का ध्यान में जरूर रखें, नही तों आप भी एल्टीट्यूड सिकनेस का शिकार हो सकते हैं। आइए अब जानते हैं कि एल्टीट्यूड सिकनेस क्या है और इससे कैसे बचें?

एल्टीट्यूड सिकनेस क्या है ? What is Altitude Mountain Sickness (AMS)?

AMS – Altitude Mountain Sickness

आपको भी मालूम होगा कि अधिक ऊंचाई वाले जगहों पर ऑक्सीजन की कमी होती है, जिसकी वजह से वहां पर लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है। यानी कि आसान शब्दों में कहा जाए तो जिस जगह पर लोगों को साँस लेने में कठिनाई होती है, तो साँस लेने की की उस बीमारी को ही एल्टीट्यूड सिकनेस कहा जाता है। यानी जिन लोगों को साँस लेने में परेशानी होती है, उस व्यक्ति को एल्टीट्यूड सिकनेस का शिकार माना जाता है।

लद्दाख के बहुत सारे जगहों की ऊंचाई लगभग 18,000 फीट के आसपास है और वहां जाने वाले अधिकतर पर्यटकों को थोड़ी-बहुत ऑक्सीजन की कमी फील होती है। अगर आप भी अधिक ऊंचाई वाले जगहों पर जाने का प्लान कर रहे हैं, तो उसके लिए आपको तैयार रहना होगा।

अधिकतर लोगों को साँस लेने की समस्या जिस्पा से लेह जाने में होता है, mainly सर्चू (sarchu) और पांग (pang) में।

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अगर आप लद्दाख ट्रिप पर बाइक या कार से भी जा रहे हैं, तो आप कम से कम एक दिन लेह में ज़रूर रुकें, ताकि आपका शरीर उस माहौल में अच्छी तरह से ढल जाए। अगर आप लद्दाख ट्रिप पर by flight जा रहे हैं, तो आपको लेह में 1 से 2 दिन तक अवश्य रुकना चाहिए, क्योंकि लद्दाख ट्रिप पर फ्लाइट से जाने से आप अचानक से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चले जाएंगे, जहां पर ऑक्सीजन लेवल काफी कम रहता है और ऐसे में आपको एल्टीट्यूड सिकनेस भी हो सकता है।

लद्दाख ट्रिप के लिए अगर आपके पास थोड़ा बहुत ज्यादा समय है, तो आप लेह में 2 दिन जरूर रुकें और अगर आपके पास समय कम है, तो भी आपको कम से कम एक दिन के लिए लेह में रूकना ही चाहिए। आप लेह में जिस दिन stay करेंगे, उस दिन आप लेह के आसपास के जगहों को विजिट भी कर लीजिए, ताकि इसके लिए आपको दोबारा समय भी ना देना पड़े।

आपको कैसे पता चलेगा कि आपको एटीट्यूड सिकनेस हो रहा है या नहीं? यानि कि एल्टीट्यूड सिकनेस के लक्षण क्या-क्या है?

एल्टीट्यूड सिकनेस के लक्षण के बारे में नीचे बताया गया है। अगर आपको साँस लेने के साथ-साथ नीचे बताए गए किसी भी एक लक्षण का सामना करना पड़ रहा है, तो समझ लें कि आपको एल्टीट्यूड सिकनेस हो गया है और आपको साँस लेने में कठिनाई हो रही है। आइए जानते हैं एल्टीट्यूड सिकनेस के लक्षण के बारे में-

  1. सिर दर्द हो सकता है।
  2. चक्कर आ सकता है।
  3. उल्टी (vomiting) हो सकती है।
  4. बात करने का बिल्कुल भी मन नहीं करेगा।

यानि कह सकते हैं कि आप उस दिन कुछ ऐसा फील करेंगे, जो कि उस दिन से पहले आपने कभी भी फील नहीं किया होगा।

एल्टीट्यूड सिकनेस से कैसे बचें?

एटीट्यूड से बचने के लिए आपको इन सभी बातों को ध्यान में रखना होगा-

  1. पानी ज्यादा पीना चाहिए।

लद्दाख ट्रीप की शुरूआत करते ही आपको पहले की तुलना में कम से कम 1 लीटर ज्यादा पानी पीना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं, तो लद्दाख जैसे ऊँचे स्थानों पर आपकी सांस जल्दी-जल्दी नहीं फूलेगी और आपके शरीर में ऑक्सीजन की कमी भी नहीं होगी।

2. अदरक और लहसुन खाना चाहिए |

लद्दाख में प्रवेश करने के साथ-साथ आपको अदरक और लहसुन खाने की आदत डाल लेनी चाहिए, क्योंकि अदरक और लहसुन खाने से सांस लेने में आसानी होती है।

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3. बाइक या कार ड्राइव करते समय ब्रेकफास्ट और लंच ज्यादा मात्रा में नहीं करना चाहिए।

अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपको उल्टी और चक्कर आने की संभावना बढ़ जाती है, जो कि एल्टीट्यूड सिकनेस का एक लक्षण है।

4. कर्पूर सूंघना चाहिए ।

कर्पूर सूंघने से सांस लेने में आसानी होती है। यदि आप लद्दाख बाइक से जा रहे हैं और मास्क पहनें हैं, तो आप मास्क में नाक की जगह पर कर्पूर रगड़ लें, ताकि कर्पूर सूंघने के लिए आपको बार-बार अपनी बाइक न रोकना पड़े।

अगर आपको साँस लेने में तकलीफ हो रही है, तो आप कर्पूर सूंघने वाला नुस्खा जरूर अपनाएं।

5. रात में ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ना रुके।

अधिकतम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सांस लेने में दिक्कत होती है और आपको भी अच्छे से मालूम होगा कि दिन की अपेक्षा रात में ऑक्सीजन की मात्रा भी कम हो जाती है, जिसके वजह से रात में सोते समय ऑक्सीजन लेने में कठिनाई होती है। अगर आप ऊंचे स्थानों पर ट्रैवल करने जा रहे हैं, तो आप ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रात में रुकने की कोशिश ना करें, वरना यह गलती आपको बहुत बड़ी मुसीबत में डाल है।

6. रात को सोते समय 2-3 तकिया सिर के निचे लेकर सोना चाहिए।

रात को सोते समय जहां तक हो सके आप अपने शरीर को लगभग 120-150 डीग्री की स्थिति में लाकर सोने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपका सिर थोड़ा-सा ऊपर की तरफ रहता है, जिसकी वजह से आपके शरीर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी।

एल्टीट्यूड सिकनेस से बचने के लिए कौन-कौन सी मेडिसिन लेनी चाहिए?

  1. Homeyopathy medicine coca24 ले सकते हैं।

यह एक होम्योपैथी मेडिसिन है। इसको खाने से शरीर में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी और यह मेडिसिन सांस लेने में काफी मदद करती है।

2. Diamox ले सकते हैं।

यदि coca24 से ठीक न हो, तो ही आप diamox का इस्तेमाल करें, क्योंकि बहुत सारे लोग इस मेडिसिन का सेवन करने से मना करते हैं, इसलिए ऊंचे क्षेत्रों में ट्रैवल करने जाने से पहले आप एक बार डॉक्टर से सलाह ले लें कि आप इस मेडिसिन का सेवन कर सकते हैं या नहीं।

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3. Oxy 99 (portable oxygen cylinder) ले सकते हैं।

यह एक oxygen bottle है, जो ऊँचे स्थानों पर ऑक्सीजन की कम मात्रा होने पर भी साँस लेने में काफी मदद करती है। मैं जब लद्दाख गया था, तब मैं इस oxygen bottle को ही लेकर गया था, लेकिन वहां पर मेरे साथ ऑक्सीजन को लेकर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, इसलिए मुझे इसकी जरूरत नहीं पड़ी थी। फिर भी मैं इसके भरोसे ही वहां पर गया था।

अगर आप लद्दाख जा रहे हैं और आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, तो आप अदरक और लहसुन खाएं। अगर एल्टीट्यूड सिकनेस हो रहा हो, तो पहले coca24 का सेवन करें और साँस लेने में काफी ज्यादा तकलीफ हो जाने पर आप oxy 99 या फिर बाद में diamox भी ले सकते हैं।

ऑक्सीजन मीटर क्या है और इसका क्या लाभ है?

यह एक ऐसा मशीन है, जिसकी वजह से आप अपने शरीर का ऑक्सीजन लेवल जान सकते हैं। सबसे जरूरी चीज ये है कि अगर आप लद्दाख ट्रिप पर जा रहे हैं, तो आप अपने साथ एक ऑक्सीजन मीटर लेकर अवश्य जाएं। ऑक्सीजन मीटर में आप अपने ऊंगली को लगाकर अपने शरीर का ऑक्सीजन लेवल जान सकते हैं।

यदि आपका ऑक्सीजन लेवल 60 से कम हो, तो आप oxy 99 या फिर diamox का सेवन करें। यदि 60 के आसपास (60-65) हो, तो आप अदरक और लहसुन खाएं एवं coca24 के एक मेडिसिन का सेवन करें और अगर 70 से ज्यादा हो, तो आपको डरने की कोई बात नहीं है, क्योंकि 70 के आसपास ऑक्सीजन का लेवल रहने से आपको साँस लेने में तकलीफ नहीं होगी।

नोटः- इन सभी चीजों के बावजूद भी अगर आपको लद्दाख में कोई परेशानी हो, तो आप अगली बार लद्दाख ट्रीप पर जाने से पहले किसी डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

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धन्यवाद।

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