लोटस टेंपल दिल्ली | कमल मंदिर दिल्ली | Lotus temple Delhi in Hindi

हेलो दोस्तों आज की इस ब्लॉग पोस्ट में हम भारत देश की राजधानी दिल्ली में स्थित लोटस टेंपल के बारे में लगभग संपूर्ण जानकारी को विस्तार से समझने वाले हैं। जैसे कि लोटस टेंपल का निर्माण किसने एवं कब करवाया, इसका नाम लोटस टेंपल ही क्यों पड़ा, यहां पर जाने का अच्छा समय आदि ऐसे ही और कई प्रश्नों का हम इस पोस्ट के माध्यम से उत्तर ढूंढने का कोशिश करेंगे, तो चलिए शुरू करते हैं। परंतु शुरू करने से पहले आपसे आग्रह है कि आप हमारे इस ब्लॉग पोस्ट को पूरा अंत तक जरूर पढ़ें।

विषय - सूची

लोटस टेंपल के बारे में – About Lotus temple Delhi in Hindi

लोटस टेंपल जो कि राजधानी दिल्ली में स्थित हैं इसका निर्माण बहाए धर्म के संस्थापक बहाई उल्लहा संत के द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर के वास्तुकार डिजाइन फरीबोराज साहब द्वारा तैयार किया गया था। इस लोटस टेंपल को लोग बीसवीं शताब्दी का ताजमहल के रूप में भी जानते हैं। दिल्ली में स्थित यह लोटस टेंपल अपने वास्तुकला के लिए कई सम्मानित पुरस्कार भी प्राप्त कर लिया है।

इस लोटस टेंपल में किसी भी धर्म के कोई भी देवी-देवताओं की प्रतिमा को स्थापित नहीं किया गया है। वैसे इस टेंपल को बहाई धर्म से जोड़कर देखा जाता है। इस टेंपल को देखने लोग भारत के अलग-अलग कोनों के अलावा विदेशों से भी काफी ज्यादा मात्रा में आया करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार बताया जाता है, कि यहां पर प्रतिदिन औसतन 10000 पर्यटक विजिट करने आया करते हैं।

दिल्ली के दक्षिण में नेहरू प्लेस के पूर्व में स्थित लोटस टेंपल को 1986 ईस्वी के दौरान बनाया गया था। यह मंदिर काफी बड़े क्षेत्रों में फैला हुआ हरा-भरा घास के मैदानों के बीच में स्थित देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत दिखने वाला एक पौराणिक वास्तुकार का यूनिक नमूना पेश करता हुआ पर्यटकों द्वारा पसंद किया जाने वाला एक फेमस टूरिस्ट प्लेस है।

लोटस टेम्पल कहा स्थित है ?

लोटस टेंपल भारत की राजधानी दिल्ली के दक्षिण में नेहरू प्लेस के पूर्व में स्थित है।

लोटस टेम्पल का निर्माण किसने करवाया था ?

यह लोटस टेंपल जो कि दिल्ली में स्थित है, इसका निर्माण बहाई धर्म के संस्थापक बहाई उल्लहा संत ने करवाया था।

लोटस टेम्पल कब बना था ?

दिल्ली में स्थित इस लोटस टेंपल का निर्माण 24 दिसंबर 1986 ईस्वी में पूरा हुआ था।

लोटस टेंपल का दूसरा नाम क्या है ?

दिल्ली में स्थित इस लोटस टेंपल को एक दूसरा नाम बहाई मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

लोटस टेंपल को लोटस टेंपल एवं कमल मंदिर के नाम से क्यों जाना जाता है ?

दिल्ली में स्थित इस लोटस टेंपल या कमल मंदिर का नाम इसके संरचना यानि की आकृति के आधार पर पड़ा है। इस मंदिर का आकृति एक कमल के फूल जैसा बनाया गया है। यही कारण है कि इस मंदिर को कमल मंदिर या लोटस टेंपल के नाम से जाना जाता है।

(इन्हें भी पढ़े : – श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर दिल्ली

स्वामीनारायण मंदिर | अक्षरधाम मंदिर)

लोटस टेंपल किस धर्म से संबंधित हैं?

लोटस टेंपल का निर्माण बहाई धर्म के संस्थापक बहाउल्लाह संत के द्वारा करवाया गया था, यही कारण है कि इस मंदिर को बहाई धर्म से संबंधित बताया जाता है। वैसे इस मंदिर में आपको किसी भी धर्म का कोई भी देवी-देवताओं की प्रतिमा देखने को नहीं मिलेगी। इस मंदिर में दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी धर्म के लोग आ सकते हैं।

लोटस टेंपल का प्रवेश शुल्क – Entry Fee of Lotus temple Delhi in Hindi

लोटस टेंपल जो कि दिल्ली में स्थित एक शानदार पर्यटन स्थल माना जाता है। यहां पर किसी भी व्यक्ति से अंदर जाने के लिए प्रवेश शुल्क के रूप में कोई भी चार्ज नहीं लिया जाता है।

लोटस टेंपल जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Lotus temple Delhi in Hindi

दिल्ली में स्थित लोटस टेंपल घूमने जाने का प्लान अगर आप कर रहे हैं, तो आपको यह भी जान लेना चाहिए कि यहां पर जाना आपके लिए कौन सा समय उचित हो सकता है। लोटस टेंपल घूमने जाने का अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच के समय को माना जाता है। सर्दी का मौसम को अच्छा समय इसलिए कहा जाता है, क्योंकि दिल्ली में गर्मी के मौसम में काफी ज्यादा तापमान देखा जाता है। आप यहां पर घूमने जाने का अपने अनुसार समय का चुनाव कर सकते हैं। वैसे आपको बता दें कि आप यहां पर पूरे साल में कभी भी जा सकते हैं।

लोटस टेंपल कैसे पहुंचे ? – How to Reach Lotus temple Delhi in Hindi

लोटस टेंपल घूमने जाने का प्लान अगर आप बना रहे हैं, तो आपको बता दें कि आप अपनी सुविधा के अनुसार यहां पर किसी भी माध्यम (वायु, ट्रेन या सड़क) से बहुत ही आसानी से पहुंच सकते हैं। जो इस प्रकार हैं –

लोटस टेंपल हवाई जहाज से कैसे पहुंचे ? – How to Reach Lotus temple Delhi by Flight in Hindi

लोटस टेंपल घूमने का प्लान अगर आप हवाई जहाज का चुनाव कर जाना चाहते हैं, तो आपको बता दें लोटस टेंपल जहां पर स्थित है, यानि कि दिल्ली के लिए भारत के अलग-अलग अन्य मुख्य शहरों से फ्लाइट की सुविधा आपको आसानी से मिल जाएगी। दिल्ली हवाई अड्डा पहुंचने के उपरांत आप बस या टैक्सी किराए पर लेकर यहां पर आसानी से घूमने जा सकते हैं।

लोटस टेंपल ट्रेन से कैसे पहुंचे ? – How to Reach Lotus temple Delhi by Train in Hindi

अगर आप लोटस टेंपल घूमने जाने के लिए रेल मार्ग का चुनाव किया है, तो आपको बता लोटस टेंपल के नजदीकी रेलवे स्टेशन दिल्ली, आनंद विहार एवं हजरत निजामुद्दीन स्टेशन है। आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी स्टेशन से बस या टैक्सी लेकर कमल टेंपल को विजिट कर आसानी से अपना ट्रिप पूरा कर सकते हैं।

लोटस टेंपल सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे ? – How to Reach Lotus temple Delhi by Road in Hindi

दिल्ली के इस लोटस टेंपल घूमने जाने का प्लान अगर आप सड़क मार्ग के द्वारा किए हैं, तो आपको बता दें, कि दिल्ली भारत की राजधानी होने के साथ भारत के कई अन्य शहरों से नेशनल हाईवे के माध्यम से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप अपनी बाइक या कार के माध्यम से यहां पर आसानी से जा सकते हैं और अपना दिल्ली में स्थित लोटस टेंपल का घूमने का ट्रिप पूरा कर सकते हैं।

दिल्ली में स्थित लोटस टेंपल यानि कि कमल मंदिर के बारे में हमारा यह ब्लॉग पोस्ट आपको कैसा लगा, अपना राय आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर शेयर करें।

धन्यवाद

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