खाटू श्याम मंदिर से जुड़ी संपूर्ण जानकारी | Shree Khatu Shyam Ji Temple In Hindi.

श्री खाटू श्याम जी मंदिर राजस्थान के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जिनका इतिहास महाभारत से जुड़ा हुआ है। श्री खाटू श्याम जी पांडवों में सबसे बलवान भीम के पोता और घटोत्कच का पुत्र हैं, जिनका नाम बर्बरीक था। असल में बर्बरीक को ही श्री खाटू श्याम जी कहा जाता है। तो आइए जानते हैं महाभारत के बर्बरीक से श्री खाटू श्याम जी बनने तक के सफर के बारे में –

श्री खाटू श्याम जी मंदिर कहां स्थित है ?

यह मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू नगर में स्थित है, जो राजस्थान के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।

श्री खाटू श्याम जी मंदिर का इतिहास – History of Shree Khatu Shyam Ji Temple In Hindi.

बात उस समय की है जब पांडवों और कौरवों के बीच महाभारत युद्ध हो रहा था। महाभारत युद्ध में भीम का पोता और घटोत्कच का पुत्र बर्बरीक, जिसे तीनों लोकों में कोई भी नहीं हरा सकता था, को भी महाभारत के युद्ध में भाग लेने की लालसा हुई, इसलिए वह अपनी माता मोरवी से महाभारत के युद्ध में जाने की आज्ञा लेने गए। उनकी माता ने पूछा कि आखिर तुम किसकी ओर से युद्ध करोगे, तो बर्बरीक ने कहा कि मैं हारने वाले की तरफ से युद्ध लडूंगा और इतना कह कर अपनी माता से आज्ञा लेकर बर्बरीक युद्ध युद्ध भूमि की तरफ के लिए निकल पड़े।

जब यह बात श्री कृष्ण को पता चला, तो उन्होंने सोचा कि अगर बर्बरीक युद्ध करेगा, तो बर्बरीक के अलावा कोई भी युद्ध में नहीं बच पाएगा, क्योंकि बर्बरीक पहले कौरवों की ओर से युद्ध करने वाला था, इसलिए बर्बरीक पहले पांडवों को मारता और जब पांडवों की सेना कमजोर हो जाती, तो वह कौरवों से युद्ध करने लगता है और ऐसे करते-करते एक समय ऐसा आएगा, कि बर्बरीक के अलावा कोई भी सेना युद्ध भूमि में नहीं बच पाएगा।

श्री कृष्ण एक ब्राह्मण का वेश बदलकर बर्बरीक के रास्ते में आ गए। दोस्तों अगर आपने महाभारत में देखा होगा कि कैसे श्री कृष्ण के पर एक ही बाण से एक पीपल के सारे पत्ते को छेद कर दिया था।

इसके बाद श्री कृष्ण ने कहा कि मैं तुमसे जो मांगूगा, क्या वह मुझे मिल जाएगा। तब बर्बरीक ने कहा कि आप जो भी मुझसे मांगेंगे, वह मैं आपको दे दूंगा, भले ही आप मेरा प्राण ही क्यों ना मांग लें। तब श्री कृष्ण ने बर्बरीक से उसका सिर मांग लिया, लेकिन सिर देने से पहले बर्बरीक ने ब्राम्हण के बारे में जानने की इच्छा जताई। ब्राह्मण के रूप में श्री कृष्ण ने बर्बरीक को दर्शन देते हुए कहा कि अगर तुम महाभारत का युद्ध लड़ते तो दोनों ओर की सेना पूर्ण रूप से नष्ट हो जाती, इसलिए मुझे ऐसा करना पड़ा।

बर्बरीक ने अपना सिर काटकर भगवान श्रीकृष्ण को देने के बाद महाभारत के युद्ध को अंतिम तक देखने की इच्छा जताई, इसलिए भगवान श्री कृष्ण ने अमृतवाणी के सहारे युद्ध भूमि के बगल के ऊंचे पहाड़ की चोटी के पर एक पीपल के वृक्ष पर स्थापित कर युद्ध भूमि में चले गए।

महाभारत के युद्ध में जब पांडवों की जीत हुई, तो उन्हें अपने ऊपर घमंड होने लगा, इसलिए युद्ध खत्म होने के बाद श्री कृष्ण पांडव सहित बर्बरीक के पास पहुंचे। बर्बरीक के पास पहुंचने के बाद जब पांडव महाभारत के युद्ध में अपने आप को विजय का कारण बता रहे थे, तब बर्बरीक के सिर ने श्री कृष्ण को महाभारत के युद्ध में विजय का नितिज्ञ बताते हुए कहा कि मुझे इस युद्ध में श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र के अलावा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था और बर्बरीक के इस बात पर आकाश के फूलों की वर्षा होने लगी।

श्री कृष्ण ने बर्बरीक के द्वारा अपना सिर दान करने की वजह से उससे प्रसन्न होकर वरदान देते हैं कि तुम्हारी पूजा कलयुग में मेरे श्याम नाम से की जाएगी। बर्बरीक के सिर को खाटू नगर में दफनाया गया था, इसलिए उन्हें खाटू श्याम जी के नाम से जाना जाता है।

श्री खाटू श्याम जी मंदिर का निर्माण कब और किसने करवाया था ?

इस मंदिर का निर्माण रूप सिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कँवर के द्वारा 1027 ई० में करवाया गया था, जिसका जीर्णोद्धार 1720 ई० में कन्हैया मितल द्वारा मारवाड़ के संजय बनिया के आदेश पर हुआ था।

श्री खाटू श्याम जी मंदिर के खुलने, बंद होने और आरती का समय ?

इस मंदिर में पट खुलने का समय सुबह 5:00 बजे, मंगला आरती का समय सुबह 5:30 बजे, श्रृंगार आरती का समय सुबह 7:05 बजे, भोग आरती का समय दोपहर 12:30 बजे, पट बंद होने का समय दोपहर 1:00 बजे, पट खुलने का समय दोपहर 4:00 बजे, ग्वाला आरती का समय शाम 7:00 बजे, शयन आरती का समय रात्रि 09:15 बजे और मंदिर बंद होने का समय 9:30 बजे है। किसी विशेष अवसर पर समय में थोड़ा बहुत परिवर्तन हो सकता है।

श्री खाटू श्याम जी मंदिर कैसे पहुंचे ? – How to Reach Shree Khatu Shyam Ji Temple In Hindi.

खाटू नगर में स्थित यह मंदिर सड़क मार्ग और रेल मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जहां पर आसानी से पहुंचा जा सकता है।

हवाई जहाज से श्री खाटू श्याम जी मंदिर कैसे पहुंचे ? – How to Reach Shree Khatu Shyam Ji Temple by Flight In Hindi.

नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर में है, जो इस मंदिर से करीब 94 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से मंदिर तक आने के लिए ट्रेन, बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध होती है।

ट्रेन से श्री खाटू श्याम जी मंदिर कैसे पहुंचे ? – How to Reach Shree Khatu Shyam Ji Temple by Train In Hindi.

नजदीकी रेलवे स्टेशन रींगस में है, जो मंदिर से करीब 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रींगस रेलवे स्टेशन से मंदिर जाने के लिए टैक्सी की सुविधा उपलब्ध होती है।

बस से श्री खाटू श्याम जी मंदिर कैसे पहुंचे ? – How to Reach Shree Khatu Shyam Ji Temple by Bus In Hindi.

नजदीकी बस स्टैंड जयपुर में है, जिसका नाम सिंधी कैंप है। सिंधी कैंप बस स्टैंड से खाटू श्याम मंदिर तक जाने के लिए बस की सुविधा उपलब्ध होती है। जयपुर के सिंधी बस स्टैंड तक देश के बड़े शहरों से सीधा बस की सुविधा उपलब्ध होती है।

मैं आशा करता हूं कि यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। अगर इस पोस्ट से संबंधित आपका कोई भी सवाल हो, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

धन्यवाद !

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