इंडिया गेट दिल्ली | India Gate Delhi In Hindi

हेलो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम भारत देश की राजधानी में स्थित इंडिया गेट के बारे में लगभग संपूर्ण जानकारी को विस्तार से समझेंगे। जैसे कि इसका निर्माण किसने, कब एवं क्यों किया ऐसे ही और भी कई सवालों के जवाब के बारे में हम बात करने वाले हैं, तो चलिए शुरू करते हैं। परंतु शुरू करने से पहले हमे आपसे एक आग्रह है कि आप हमारे इस ब्लॉग पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।

इंडिया गेट के बारे में – About India Gate in Hindi

इंडिया गेट जो कि भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है इसके निर्माण के बारे में बताया जाता है, कि इंडिया गेट का निर्माण प्रथम विश्व युद्ध के उपरांत सन 1921 में शुरू हुआ था और 10 साल के उपरांत यानी कि 1931 में इस इंडिया गेट का निर्माण पूरा हो गया था।

इंडिया गेट का निर्माण का नीव ड्यूक ऑफ कनॉट ने रखी थी, जबकि इस इंडिया गेट का संरचना का डिजाइन एडविन लैंडलियर ल्यूटियन्स ने तैयार किया था। इंडिया गेट के निर्माण के बारे में यह भी बताया जाता है, कि इसका निर्माण प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद हुए सैनिक जवानों के बलिदानों को याद के रूप में बनाया गया था। इंडिया गेट नामक स्मारक पर तकरीबन 13,300 शहीद सैनिकों की नाम को खुदा गया है, जिसे आज के समय में भी देखा जा सकता है।

जब इंडिया गेट का निर्माण हुआ था, उस समय इसका नाम अखिल भारतीय युद्ध स्मारक (All India War Memorial) हुआ करता था। लेकिन कुछ समय के उपरांत इस स्मारक का नाम बदलकर इंडिया गेट रख दिया गया। यह 43 मीटर ऊंचा और 625 मीटर व्यास वाला इंडिया गेट नामक स्मारक आज के समय में टूरिस्टो का प्रमुख एवं पसंदीदा पर्यटक स्थल बन गया है। इंडिया गेट नामक स्मारक को घूमने लोग भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के अलावा विदेशों से भी आया करते हैं। यहां अक्सर घूमने वाले लोगों की जमाव देखी जाती है।

इंडिया गेट कहां स्थित है ?

इंडिया गेट जिसे भारत का राष्ट्रीय स्मारक के नाम से भी जाना जाता है हमारे भारत देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ मार्ग पर स्थित है।

इंडिया गेट का निर्माण कब हुआ था ?

इंडिया गेट जो कि हमारे भारत देश की राजधानी दिल्ली में स्थित है, इसका निर्माण 1931 ईस्वी में शहीद जवानों के यादों में पूरा करवाया गया था।

इंडिया गेट का निर्माण किसने करवाया था ?

शहीद जवानों की याद में बना इस इंडिया गेट नामक स्मारक का नीव ड्यूक ऑफ कनॉट ने रखी थी और इस स्मारक का डिजाइन एडविन लैंडलियर ल्यूटियन्स ने तैयार किया था।

इंडिया गेट का निर्माण क्यों किया गया था ?

इंडिया गेट नामक स्मारक का निर्माण अपने देश के लिए मर मिटने वाले सैनिकों के याद में श्रद्धांजलि के रूप में बनाया गया था।

इंडिया गेट की बनावट और संरचना – India Gate ki Banavat or Sanrachna in Hindi

भारत की राजधानी में स्थित इंडिया गेट की बनावट के बारे में यह फैक्ट बताया जाता है, कि इसकी बनावट फ्रांस की राजधानी में स्थित आर्क डि ट्रायम्फ के जैसा बनाया गया है। इंडिया गेट के लंबाई, चौड़ाई एवं ऊंचाई आदि के बारे में बात करें, तो इसकी ऊंचाई 43 मीटर चौड़ाई 9.1 मीटर और व्यास 625 मीटर है।

इंडिया गेट का पुराना नाम – India Gate Old Name in Hindi

दिल्ली में स्थित इंडिया गेट का निर्माण के समय दूसरा नाम हुआ करता था, उस समय इस इंडिया गेट को “अखिल भारतीय युद्ध स्मारक (All India War Memorial)” के नाम से जाना जाता था, जिसे कुछ समय के उपरांत इसका नाम बदलकर इंडिया गेट कर दिया गया।

इंडिया गेट घूमने जाने का अच्छा समय – Best Time To Visit India Gate in Hindi

इंडिया गेट घूमने जाने का अगर आप प्लान कर रहे हैं, तो आपको यह भी जान लेना चाहिए कि आप यहां पर कब जाएंगे तो वह समय आपके लिए सही समय साबित हो सकता है। आपको बता दें कि वैसे तो आप यहां पर पूरे साल में कभी भी घूमने जा सकते हैं। लेकिन अगर आप स्पेशली इंडिया गेट ही घूमने भारत के अन्य क्षेत्रों से जाने वाले हैं, तो आप यहां पर सर्दी के मौसम के दौरान यानि कि अक्टूबर से मार्च के बीच जाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्मी के मौसम के दौरान दिल्ली में काफी अधिक तापमान देखा जाता है, जो आपके लिए एक कठिनाई साबित हो सकता है।

वैसे आपको बता ही दिए हैं कि आप अपनी सुविधा के अनुसार यहां पर कभी भी जा सकते हैं। वैसे एक और बात ध्यान देने वाली हैं, कि यहां पर का शाम के दौरान दिखने वाला दृश्य काफी आकर्षक एवं मनमोहक होता है।

इंडिया गेट घूमने कैसे पहुंचे ? – How to Reach India Gate Delhi In Hindi

इंडिया गेट घूमने जाने का प्लान अगर आप भी कर रहे हैं, तो आपको बता दें कि आप अपनी सुविधा के अनुसार यहां पर हवाई जहाज, ट्रेन या सड़क माध्यम से खुद की बस, कार, या टैक्सी लेकर आसानी से पहुंच सकते हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी माध्यम का चुनाव कर इंडिया गेट का ट्रिप आसानी से पूरा कर सकते हैं।

इंडिया गेट के बारे में हमारा यह ब्लॉग पोस्ट आपको कैसा लगा, आप अपना राय हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं। एवं हो सके तो हमारे इस ब्लॉग पोस्ट को आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करें ।

धन्यवाद

इन्हें भी पढ़े : –

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RANDOM POSTS