गेटवे ऑफ इंडिया की पूरी जानकारी | Gateway of India Information in Hindi

नमस्कार साथियों आज के इस आर्टिकल में हम महाराष्ट्र राज्य में स्थित मुंबई के ताजमहल के रूप में जाना जाने वाला गेटवे ऑफ इंडिया के बारे में पूरी जानकारी को विस्तार से जानने वाले हैं। मुंबई में स्थित गेटवे ऑफ इंडिया को लोग विजिट करने भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के अलावा विदेशों से भी काफी अधिक मात्रा में आया करते हैं। गेटवे ऑफ इंडिया की इतिहास भी काफी दिलचस्प है। अगर आप भी इसे विजिट करने वाले हैं, तो इसके बारे में पूरी जानकारी हमारे इस आर्टिकल में दी गई है। आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े। तो चलिए शुरू करते हैं –

विषय - सूची

गेटवे ऑफ इंडिया के बारे में – About Gateway of India in Hindi

20 वीं शताब्दी के शुरुआत में बना गेटवे ऑफ इंडिया महाराष्ट्र के मुंबई शहर में दक्षिण अरब सागर के तट पर स्थित एक पौराणिक स्मारक है। गेटवे ऑफ़ इंडिया मुंबई के अपोलो बंदर क्षेत्र के तट पर स्थित मुंबई के ताजमहल के रूप में भी जाना जाता है। यह स्मारक टूरिस्ट लोगों के बीच काफी ज्यादा फेमस है। यहां पर अक्सर लोग फोटोग्राफी करने दूर-दूर से आया करते हैं। महाराष्ट्र राज्य में स्थित गेटवे ऑफ इंडिया के बारे में पूरी जानकारी नीचे विवरण के साथ दी गई है –

गेटवे ऑफ इंडिया की इतिहास – History of Gateway of India in Hindi

गेटवे ऑफ इंडिया यह पौराणिक स्मारक भारत देश के राज्य महाराष्ट्र के प्रमुख शहर मुंबई के समुद्री तट पर स्थित है। गेटवे ऑफ इंडिया नामक पौराणिक स्मारक को किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी के इंडिया यात्रा के उपलक्ष में 1911 ईस्वी के दौरान इसे बनाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी के आगमन के दौरान इस गेटवे ऑफ इंडिया नामक स्मारक का निर्माण नहीं हो पाया। इस योजना को मंजूरी 1914 ईसवीं के दौरान मिली। मुम्बई में स्थित गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण कार्य 1920 ईस्वी के दौरान शुरू हुआ था, जिसके 4 साल के बाद निर्माण कार्य पूरा हुआ और अंततः 4 दिसंबर 1924 ईस्वी के दौरान इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया।

गेटवे ऑफ इंडिया की वास्तुकला – Gateway Of India Design And Architecture in Hindi

गेटवे ऑफ इंडिया राज्य महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित हैं। अगर इसके वास्तुकला के बारे में बात करें तो इसकी वास्तुकला वास्तुकार जॉर्ज विटेट के द्वारा रोमन विजयी मेहराब और गुजरात की 16 वीं शताब्दी की वास्तुकला को देखते हुए इसका निर्माण किया गया था। गेटवे ऑफ इंडिया की मेहराब मुस्लिम शैली जबकि सजावट हिंदू शैली पर आधारित है। गेटवे ऑफ इंडिया के केंद्रीय गुंबद का व्यास 48 फीट और स्मारक की ऊंचाई 83 फीट है। इस स्मारक में बने मेहराब के प्रत्येक तरफ 600 लोगों की क्षमता वाले हॉल देखा जा सकता है।

गेटवे ऑफ इंडिया के बारे में रोचक तथ्य – Interesting Facts About Gateway Of India In Hindi

  • भारत को आजादी मिलने के उपरांत ब्रिटिश सेना इसी गेटवे ऑफ इंडिया से होते हुए अपने देश वापस गई थी।
  • गेटवे ऑफ इंडिया को बनाने का कुल खर्च भारत सरकार द्वारा उठाया गया था।
  • गेटवे ऑफ इंडिया को बनाने में कुल खर्च 21 लाख का आया था।
  • गेटवे ऑफ इंडिया के सामने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को भी देखा जा सकता है।

गेटवे ऑफ इंडिया का प्रवेश शुल्क – Entry Fee of Gateway of India in Hindi

गेटवे ऑफ़ इंडिया मुंबई में स्थित एक पौराणिक स्मारक हैं। इस पौराणिक स्मारक को वैसे तो लोग भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के अलावा विदेशों से भी विजिट करने आते हैं। लेकिन इस गेटवे ऑफ इंडिया को विजिट करने के लिए प्रवेश शुल्क के रूप में कोई भी चार्ज नहीं लिया जाता है आप यहां पर निशुल्क ही घूम सकते हैं।

( इन्हें भी पढ़े : – दिल्ली से मुम्बई कैसे जाएं

> औरंगाबाद कैसे पहुंचे

गेटवे ऑफ इंडिया के नजदीकी प्रमुख स्थल – Nearby Tourist Attractions Gateway of India in Hindi

  • कोलाबा कॉजवे मार्केट
  • वाल्केश्वर मंदिर
  • छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय
  • नेहरू विज्ञान केंद्र
  • हाथी गुफा

गेटवे ऑफ इंडिया घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Gateway of India in Hindi

गेटवे ऑफ इंडिया को विजिट करने के बारे में बात करें तो यहां पर आप वैसे तो पूरे साल में अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी जा सकते हैं, लेकिन इस पौराणिक स्मारक को विजिट करने का अच्छा समय के बारे में बात करें तो यहां पर जाने का अच्छा समय अक्टूबर से लेकर मार्च महीने के बीच के दौरान के समय को माना जाता है। इस समय मुंबई का वातावरण पूरे साल की अपेक्षा यहां घूमने के लिए अनुकूल होता है।

गेटवे ऑफ इंडिया कैसे पहुँचे ? – How To Reach Gateway Of India in Hindi

महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित मुंबई के ताजमहल के रूप में जाना जाने वाला गेटवे ऑफ इंडिया को विजिट करने के बारे में बात करें, तो आप यहां पर अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी माध्यम का चुनाव कर आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके बारे में जानकारी स्टेप बाई स्टेप नीचे बताई गई हैं –

हवाई जहाज से गेटवे ऑफ इंडिया कैसे पहुंचे ? – How To Reach Gateway of India by Flight in Hindi

हवाई जहाज से गेटवे ऑफ इंडिया पहुँचने के बारे में बात करें तो आपको बता दें कि मुंबई में तीन हवाई अड्डे देखने को मिल जाते हैं। आप अपने यहां से इन तीनों हवाई अड्डों में से किसी भी हवाई अड्डा के लिए फ्लाइट लेकर इन हवाई अड्डे पर पहुंचने के उपरांत यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन की मदद से आप गेटवे ऑफ इंडिया को आसानी से विजिट कर सकते हैं।

ट्रेन से गेटवे ऑफ इंडिया कैसे पहुंचे ? – How To Reach Gateway of India by Train in Hindi

अपने यहां से ट्रेन के माध्यम से जाकर गेटवे ऑफ इंडिया को विजिट करने के बारे में बात करें, तो गेटवे ऑफ इंडिया के नजदीकी मुख्य रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी और मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन हैं। आप अपने यहां से इन रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के उपरांत यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन जैसे – बस, टैक्सी, ओला आदि की मदद से आप गेटवे ऑफ इंडिया आसानी से पहुंच सकते हैं और अपना ट्रिप इस तरह पूरा कर सकते हैं।

सड़क मार्ग से गेटवे ऑफ इंडिया कैसे पहुंचे ? – How To Reach Gateway of India by Road in Hindi

सड़क मार्ग के माध्यम से गेटवे ऑफ इंडिया को विजिट करने के बारे में बात करें, तो आप अपने यहां से मुंबई आसानी से सड़क मार्ग के माध्यम से जा सकते हैं। क्योंकि मुंबई भारत का एक प्रमुख शहर के रूप में जाना जाता है और मुंबई भारत के अन्य क्षेत्रों से नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप यहां पर अपनी खुद की बाइक कार या बस की सहायता से भी आसानी से पहुंच सकते हैं। इस तरह आप मुंबई के ताजमहल के रूप में जाना जाने वाला इस गेटवे ऑफ इंडिया का ट्रिप आसानी से पूरा कर सकते हैं।

मुंबई के ताजमहल के रूप में जाना जाने वाला गेटवे ऑफ इंडिया के बारे में लिखा गया हमारा यह आर्टिकल अगर आपको पसंद आया हो, तो आप इसे अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों के साथ शेयर जरूर करें ताकि उन्हें भी इसके बारे में जानकारी प्राप्त हो सके। एक बात और अगर हमारे द्वारा लिखे गए इस आर्टिकल से जुड़ी आप हमें कोई अपडेट या सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में बेझिझक हमें बता सकते हैं।

धन्यवाद

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