हेलो दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम औरंगाबाद जिला में स्थित दौलताबाद किला के बारे में पूरी जानकारी को विस्तार से जानने वाले हैं। दौलताबाद किला परिसर में ही एक मीनार का निर्माण किया गया है, जिसे चांद मीनार के नाम से जाना जाता है। यह वही मीनार है जिसे कुतुब मीनार के बाद दूसरा सबसे ऊंचा मीनार का दर्जा प्राप्त है। कहीं नहीं तो कहीं इस मीनार की वजह से ही अधिकतर लोग इस किला को विजिट करने भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के अलावा विदेशों से भी आया करते हैं।
इस दौलताबाद किला के बारे में पूरी जानकारी जानने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल में अंत तक बने रहे ताकि आपको इस किला के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके और हमारी यह जानकारी आपको पसंद आए तो आप इसे दूसरे लोगों के साथ भी शेयर जरूर करिएगा, ताकि उन्हें भी इस दौलताबाद किला के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके। तो चलिए जानकारी को आगे बढ़ाते हैं –
दौलताबाद किला के बारे में – About Daulatabad Fort in Hindi.
दौलताबाद किल्ला महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिला में स्थित है। इस किला को इस तरह से बनाया गया था कि इसे सीधी युद्ध के माध्यम से कोई नहीं जीत पता था। इसे जीतने के लिए छल कपट की सहारा लिया जाता था। इस किला पर कई अलग-अलग वंशों के राजाओं द्वारा शासन किया गया। इस किला को एक समय में राजधानी के रूप में भी घोषित किया गया था, लेकिन कुछ कारणों की वजह से राजधानी को यहां से फिर से स्थानांतरित कर दिया गया। इस किला के बारे में पूरी जानकारी स्टेप बाई स्टेप नीचे दी गई है –
दौलताबाद किला का इतिहास – History of Daulatabad Fort in Hindi
हमारे भारत देश के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिला में स्थित औरंगाबाद शहर से तकरीबन 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह दौलताबाद किला पौराणिक समय का एक खूबसूरत किला है। इस दौलताबाद किला को महाराष्ट्र राज्य में स्थित सात अजूबों में से एक माना जाता है। इस दौलताबाद किला को 12 वी शताब्दी के दौरान यादव वंश के द्वारा निर्मित करवाया गया था।
यह किला निर्माण के दौरान जहां पर स्थित है उस क्षेत्र को देवगिरी के नाम से जाना जाता था, लेकिन जब 14वीं शताब्दी के दौरान तुगलक वंश ने इस किले पर कब्जा किया तब इस क्षेत्र का नाम बदलकर दौलताबाद कर दिया। इस किला पर जब तुगलक वंश का कब्जा हो गया, तब तुगलक वंश ने ही अपनी राजधानी दिल्ली से यहां पर स्थानांतरित कर दिया। लेकिन दौलताबाद में पानी की आपूर्ति की कमी के कारण तुगलक वंश ने इस क्षेत्र को छोड़ दिया और फिर से पहले वाला ही राजधानियां स्थापित कर लिया।
इतिहासकारों द्वारा बताया जाता है कि इस दौलताबाद किला को सीधे-सीधे किसी के द्वारा भी नहीं जीता गया, इस किला को जीतने के लिए छल कपट की सहायता ली गई तब जाकर किसी वंश ने इस किला पर अपना शासन स्थापित कर पाए। कहा जाता है कि इस किला पर यादव, खिलजी, तुगलक और मुगलों द्वारा भी शासन किया गया था।
दौलताबाद किला की वास्तुकला – Architecture of Daulatabad Fort in Hindi
दौलताबाद किला औरंगाबाद से तकरीबन 200 मीटर ऊंची संकीर्ण पहाड़ियों पर निर्मित एक सुरक्षित एवं शक्तिशाली किला है। दौलताबाद पौराणिक किला अपने अजीबोगरीब निर्माण की वजह से काफी सुर्खियों में था। इस किला के मुख्य दरवाजा को महाकोट दरवाजा कहा जाता है, जिसे वर्तमान समय में पर्यटकों को किला के अंदर प्रवेश के लिए उपयोग में लिया जाता है।
इस किला में प्रवेश करने के बाद आपको कई सारे तोपें देखने को मिल जाएंगे। कहा जाता है कि इन तोपों को पौराणिक समय में युद्ध के दौरान उपयोग में लाया जाता था। इसके साथ-साथ इस किला में हिंदू धर्म एवं मुस्लिम धर्म से जुड़ी हुई भी स्मारके देखने को मिल जाती हैं।
किला के अंदर प्रवेश करने पर आपको एक बड़ी सी मीनार देखने को मिल जाती है। इस मीनार के बारे में बताया जाता है कि यह कुतुबमीनार के बाद दूसरा सबसे ऊंचा मीनार है, जिसे 1445 ईसवी के दौरान इस किला पर अला-उद-दीन बहमनी ने कब्जा करने के उपरांत बनवाया था। इस मीनार में 230 सीढ़ियां है जो कि यह मीनार 3 मंजिला इमारत है। इस मीनार को चांद मीनार के नाम से जाना जाता है।
इस दौलताबाद किला के एक हिस्से में भारत माता मंदिर भी देखी जा सकती हैं। दौलताबाद किला परिसर में पानी का बड़ा सा कुंड भी देखा जा सकता है। हरि-भरी वातावरण से परिपूर्ण इस दौलताबाद किला की वास्तुकला एवं नक्काशी देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत लगती हैं, जिससे पर्यटकों को यहां पर आने के उपरांत यहां से जाने का मन नहीं करता है।
( इन्हें भी पढ़े : – पन्हाला किला की जानकारी
दौलताबाद किला का खुलने का समय – Opening and Closing Time Daulatabad Fort in Hindi
महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में स्थित दौलताबाद किला को खोलने और बंद करने का भी पर्यटकों के लिए समय निर्धारित किया गया है। यह दौलताबाद किला सुबह 06:00 am में खुलता और शाम 06:00 pm में बंद हो जाता है। आप अगर इस किला को विजिट करने जाने वाले हो तो आप इसी बतायें गये समय के बीच विजिट कर सकते है। इस किला को खोलने एवं बंद करने का समय में ऋतु के अनुसार थोड़ा बहुत बदलाव भी किया जाता है।
दौलताबाद का प्रवेश शुल्क – Entry Fee of Daulatabad Fort in Hindi
औरंगाबाद जिला में स्थित दौलताबाद किला को विजिट करने के लिए पर्यटकों को प्रवेश शुल्क के रूप में कुछ चार्ज देने पड़ते हैं। इस दौलताबाद किला को विजिट करने के लिए पर्यटकों को प्रवेश शुल्क के रूप में एक भारतीय को ₹50 तो वही विदेशियों को ₹300 का चार्ज देना पड़ता है।
दौलताबाद किला की यात्रा टिप्स – Tips for visit Daulatabad Fort in Hindi
- दौलताबाद किला को कड़ाके की गर्मी के मौसम दौरान विजिट करने से बचें।
- दौलताबाद किला को विजिट करते समय इस किला के बारे में विस्तार से जानकारी जानने के लिए आप एक गाइड को हायर कर सकते हैं।
- इस किला को विजिट करते समय आप अपने साथ उचित मात्रा में पानी और भोजन साथ में लेकर जाएं।
- इस किला को विजिट करते समय आप अपने साथ मौसम के अनुसार उचित कपड़ा और जूते पहन कर जाएं।
- इस किला को विजिट करने के उपरांत अंधेरा होने से पहले आप इस किला से वापस लौट आए।
- इस दौलताबाद किला को विजिट करते समय आप अपने साथ एक अच्छा कैमरा या अच्छा कैमरा वाला फोन अवश्य ले जाएं, ताकि आप यहां की खूबसूरती को यादगार के रूप में अपने कैमरे से कैद कर सकें।
दौलताबाद किले के आसपास घूमने की जगहें – Near Tourist Places Daulatabad Fort in Hindi
अगर आप दौलताबाद किला को विजिट करने औरंगाबाद जा रहे हैं, तो आप इसके नजदीक की मुख्य पर्यटन स्थल को जरूर भी विजिट करें, ताकि आपकी औरंगाबाद की यात्रा और भी यादगार बन सके। दौलताबाद किला के नजदीकी पर्यटन स्थल की सूची निम्न है –
- एलोरा गुफा
- औरंगाबाद गुफाएं
- अजंता की गुफा
- कैलाशनाथ मंदिर
- औरंगजेब का मकबरा
- बीबी का मकबरा , आदि।
दौलताबाद किला घूमने जाने का अच्छा समय – Best time to visit Daulatabad Fort in Hindi
महाराष्ट्र राज्य में स्थित दौलताबाद किला जो की एक पुरानी किला है को कब विजिट करना चाहिए इसके बारे में बात करें, तो आप वैसे तो इस दौलताबाद किला को पूरे साल में अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी विजिट कर सकते हैं, लेकिन वर्षा ऋतु और गर्मी के मौसम के समय यहां पर आने वाले पर्यटकों को मौसम की मार झेलनी पड़ पढ़ती है जिसकी वजह से पर्यटक वर्षा ऋतु और गर्मी के मौसम के दौरान यहां आने से कतराते हैं। इस दौलताबाद किला को विजिट करने अधिकतर पर्यटक अक्टूबर महीने से लेकर फरवरी महीने के बीच जाया करते हैं। यही समय इस दौलताबाद किला को विजिट करने का अनुकूल समय माना जाता है।
( इन्हें भी पढ़े : – सरसगड किला
> अजिंक्यतारा किला की पूरी जानकारी)
दौलताबाद किला कैसे पहुँचे ? – How To Reach Daulatabad Fort Aurangabad in Hindi
महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिला में स्थित दौलताबाद किला को विजिट करने के बारे में बात करें, तो आप अपने यहां से किसी भी माध्यम जैसे – वायु मार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग द्वारा दौलताबाद किला काफी आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके बारे में स्टेप बाई स्टेप जानकारी नीचे दी गई है –
फ्लाइट से दौलताबाद किला कैसे जाएं ? – How To Reach Daulatabad Fort By Flight in Hindi
वायु मार्ग द्वारा अगर आप दौलताबाद किला को विजिट करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इस दौलताबाद किला के नजदीकी हवाई अड्डा औरंगाबाद शहर में स्थित औरंगाबाद एयरपोर्ट है। औरंगाबाद एयरपोर्ट से दौलताबाद किला के बीच की दूरी तकरीर पर 23 km है। आप अपने यहां से दौलताबाद किला के नजदीकी औरंगाबाद एयरपोर्ट पर पहुंचने के उपरांत यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन की सहायता से आप दौलताबाद किला काफी सरलता पूर्वक पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से दौलताबाद किला कैसे जाएं ? – How To Reach Daulatabad Fort By Train in Hindi
रेलवे मार्ग के द्वारा अगर आप दौलताबाद किला को ट्रेन से जाकर विजिट करना चाहते हैं, तो आपको बता दें इस दौलताबाद किला के नजदीकी मुख्य रेलवे स्टेशन औरंगाबाद शहर में स्थित औरंगाबाद रेलवे स्टेशन है। दौलताबाद किला और औरंगाबाद रेलवे स्टेशन के बीच की दूरी केवल 15 किलोमीटर है। आप अपने यहां से रेलवे मार्ग द्वारा औरंगाबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के उपरांत यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन जैसे – ऑटो, टैक्सी, ई-रिक्शा की मदद से आप इस दौलताबाद किला को आसानी से विजिट कर सकते हैं।
सड़क मार्ग से दौलताबाद किला कैसे जाएं ? – How To Reach Daulatabad Fort By Road in Hindi
औरंगाबाद जिला में स्थित दौलताबाद किला को अगर आप सड़क मार्ग द्वारा आकर विजिट करना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि आप अपने यहां से सड़क मार्ग के माध्यम से औरंगाबाद काफी आसानी से पहुंच सकते हैं। क्योंकि औरंगाबाद के लिए औरंगाबाद के नजदीकी शहर जैसे – मुंबई, पुणे जैसे शहरों से डायरेक्ट बसों का भी संचालन होता है, जिसकी मदद से आप औरंगाबाद काफी आसानी से पहुंच सकते हैं। औरंगाबाद पहुंचने के उपरांत आप यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन जैसे – ऑटो, कैब या टैक्सी की मदद से आप इस दौलताबाद किला तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
पूछें जाने वाले प्रश्न –
प्रश्न – दौलताबाद किला किस राज्य में है ?
उत्तर – दौलताबाद किला जिसे पौराणिक समय में देवगिरी के नाम से जाना जाता है भारत देश के महाराष्ट्र राज्य में स्थित है।
प्रश्न – दौलताबाद का पुराना नाम क्या था ?
उत्तर – दौलताबाद राज्य महाराष्ट्र का एक नगर है इसी को पहले के समय में देवगिरी के नाम से जाना जाता था।
प्रश्न – दौलताबाद किसकी राजधानी थी ?
उत्तर – दौलताबाद का प्राचीन नाम देवगिरि है। यह मुहम्म्द बिन तुगलक़ की राजधानी थी।
प्रश्न – देवगिरी कौन से राज्य में है ?
उत्तर – देवगिरि महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिला में स्थित है। देवगिरी को वर्तमान समय में दौलताबाद के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न – भारत देश में स्थित दूसरा सबसे ऊंचा मीनार कौन सा है ?
उत्तर – भारत में स्थित दूसरा सबसे ऊंचा मीनार चांद मीनार है जोकि दौलताबाद किला के अंदरूनी भाग में स्थित है।
प्रश्न – मुहम्मद बिन तुगलक ने देवगिरि का नया नाम क्या रखा था ?
उत्तर – मुहम्मद बिन तुगलक ने देवगिरी का नया नाम दौलताबाद रखा था।
प्रश्न – दौलताबाद को राजधानी किसके द्वारा बनाया था ?
उत्तर – दौलताबाद को मोहम्मद बिन तुगलक ने अपनी राजधानी बनाकर इसका नाम दौलताबाद कर दिया।
प्रश्न – मोहम्मद तुगलक ने दिल्ली से दौलताबाद राजधानी कब परिवर्तित की ?
उत्तर – मुहम्मद बिन तुगलक ने अपनी राजधानी दिल्ली से दौलताबाद स्थान्तरित करने का 1327 में आदेश दिया।
प्रश्न – देवगिरी किस राज्य में है ?
उत्तर – देवगिरी जिसे वर्तमान समय में दौलताबाद के नाम से जाना जाता है महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिला में स्थित है।
प्रश्न – देवगिरि किले पर कौन-कौन से राजवंशो ने शासन किया था ?
उत्तर – देवगिरि किला पर यादव , खिलजी , तुगलक और मुगल वंश जैसे राजवंशो ने शासन किया था।
प्रश्न – दौलताबाद किले के मुख्य स्मारक कौन सा है ?
प्रश्न – दौलताबाद किले के मुख्य चांद मीनार, चीनी महल और बरादारी मुख्य स्मारक माने जाते हैं।
नमस्कार साथियों आज का हमारा यह आर्टिकल जो कि दौलताबाद किला के बारे में है यहीं पर समाप्त होता है। इस आर्टिकल को आप अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के साथ शेयर जरूर करें ताकि उन्हें भी इस किला बारे में जानकारी प्राप्त हो सके। इस आर्टिकल से जुड़ी अगर आप हमें कोई अपडेट या सुझाव देना चाहते हैं, तो बेशक आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।
धन्यवाद
इन्हें भी पढ़े : –