अगर आपको भी घूमने फिरने का और किसी जगह से जुड़े इतिहास के बारे में जानने का शौक है तो आपको भी राजस्थान के चांद बावड़ी घूमने जाना चाहिए। चांद बावड़ी जिससे राजा चांद के द्वारा 8-9 वीं शताब्दी के दौरान बनवाया गया था। लोगों का कहना है कि इस बावड़ी को केवल एक रात में ही भूत-प्रेत के द्वारा बनाया गया था। आज यह राजस्थान के भूतिया पर्यटक स्थल में से एक माना जाता है यह बावड़ी देखने में भी बहुत ज्यादा आकर्षक हैं। तो चलिए हम जानते हैं कि इस बावड़ी की पूरी कहानी क्या है और हमें यहां जाना चाहिए या नहीं
चाँद बावड़ी के बारे में – About Chand Bawdi in Hindi
चांद बावड़ी जो कि राजस्थान के जयपुर से 95 किलोमीटर की दूरी पर दौसा के आभानेरी में स्थित है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह विश्व का सबसे बड़ा गहरी बावड़ी है। निकुंभ के राजा चंदा द्वारा नौवीं शताब्दी में इस बावड़ी को पानी के संरक्षण एवं राजस्थान के भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए बनाया गया था। चांद बावड़ी तीन ओर से सीडी नुमा है और चौथी ओर से बरांदा वाला घर जैसा है। इस चौथे हिस्से में मंडक एवं बहुत सारी मूर्तियों को स्थापित किया गया है।
चांद बावड़ी भारतीय आर्किटेक्ट की शानदार वास्तुकाला विशेषक्षता के लिए जाना जाता है यह बावड़ी 13 मंजिल का है एवं भूल-भुलैया के रूप में ज्यामितीय परिशुद्धता को प्रदर्शित करता है। यहां नीचे 3500 सीढ़ियां हैं। यह बावड़ी 100 फीट से भी अधिक गहरी एवं वर्गाकार है। यहां पर बने सीढ़ियों वाला बावड़ी की माप प्रत्येक तरफ 35 मीटर है।
कहा जाता है कि सीढ़ियों का निचला भाग 9 वीं शताब्दी में जबकि ऊपरी भाग पर 18 वीं शताब्दी में बनाया गया था। इस बावड़ी का निर्माण के बारे में लोगों द्वारा कहा जाता है, कि इस बावड़ी का निर्माण भूत-प्रेतों के द्वारा किया गया है। इस बावड़ी की ज्यादा गहराई को लेकर लोगों का कहना है कि इसे इतना ज्यादा गहरा इसलिए बनाया गया क्योंकि इसमें कोई अगर वस्तु गिर भी जाए तो उसे पाना असंभव हो।
यहां पर जब आप जाएंगे तो आपको एक गुफा दिखेगा जिसके बारे में बताया जाता है कि इसकी लंबाई 17 किलोमीटर है, जो पास के गांव भांडारेज में जाकर खुलती है। इसके बारे में लोगों का कहना है कि एक बार एक पूरी की पूरी बारात इस गुफा में चली गई जिसके बाद वह कभी बाहर नहीं आए। चांद बावड़ी राजस्थान के सबसे पुराने आकर्षक एवं भूतिया जगह में से एक हैं।
आपको यह भी जान लेना चाहिए कि यहां पर कई फिल्म की शूटिंग भी हुई है। इस चांद बावड़ी की देख – रेख भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा की जाती है। इन्हीं सभी खूबियों से यह चांद बावड़ी पूरी दुनियाँ से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
आभानेरी की चांद बावड़ी के जस्ट पास में ही एक और पर्यटक दर्शन स्थल मौजूद हैं जो कि हर्षद माता के प्राचीन मंदिर है। इसे भी 9 वीं शताब्दी में ही बनवाया गया था। यहां के लोगों के मन में इस हर्षद माता के प्रति अनोखा श्राद्धा हैं।
यहां को लोगों का कहना है कि हमारे पहले वाले पीढ़ से ही हर्षद माता हमारे उपर आने वाली मुसीबतों को हमे पहले ही बता देती हैं। लेकिन आज के समय में इस मंदिर में माँ दुर्गा को स्थापित कर दिया गया है। ऐसा इसलिए कि भारत में मोहम्मद गजनी के यहां पर आक्रमण के दौरान इसे नष्ट कर दिया गया था।
बावड़ी का अर्थ –
बावड़ी उन सीढ़ियों वाले कुएँ या तालाब को कहते हैं जिनके जल स्तर तक आसानी से सीढियों के द्वारा पहुंचा जा सके।
चांद बावड़ी के आसपास घूमने लायक जगह –
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, बांदीकुई माधवगढ़ किला, हर्षद माता मंदिर, etc
चांद बावड़ी कैसे जाएं – How to Reach Chand Bawdi in Rajsthan in Hindi.
चांद बावड़ी जयपुर शहर से 95 किलोमीटर दूर आभानेरी में स्थित है। आप यहां पर किसी भी मार्ग (सड़क, वायु, ट्रेन) से जा सकते हैं
हवाई जहाज से चांद बावड़ी कैसे पहुँचे – How To Reach Chand Bawdi in Rajsthan by Flight in Hindi.
चांद बावड़ी के पास कोई हवाई अड्डा नहीं है आप अगर यहां पर हवाई मार्ग से जाना चाहते है, तो आपको दिल्ली या जयपुर हवाई अड्डे से ही बस, टैक्सी या कैब लेकर जाना पड़ेगा।
ट्रेन से चांद बावड़ी कैसे पहुँचे – How To Reach Chand Bawdi in Rajsthan by Train in Hindi.
चांद बावड़ी का निकटतम रेलवे स्टेशन जयपुर के आभानेरी में है। आप वहां से बस, टैक्सी या कैब करके यहां पहुंच सकते है। आपको यहां के लिए भारत के बड़े-बड़े शहरों से ट्रेन की सुविधा आसानी से मिल जाएगी।
सड़क मार्ग से चांद बावड़ी कैसे पहुँचे – How To Reach Chand Bawdi in Rajsthan by Road in Hindi.
चांद बावड़ी आप सड़क मार्ग से पहुंचना चाहते हैं, तो आपको बता दूं कि आभानेरी NH-11 से कनेक्टेड है। आप यहां पर अपनी खुद की गाड़ी से भी आसानी से जा सकते है।
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धन्यवाद
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