चामुंडा देवी मंदिर जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में स्थित है, जिसका निर्माण मेहरानगढ़ किले के निर्माता राव जोधा जी ने 1460 ई० में करवाया था। चामुंडा देवी मंदिर जोधपुर के राज घराने के साथ-साथ मंडोर के परिहार वंश की ईस्ट देवी भी हैं। चामुंडा देवी मंदिर जोधपुर वासियों के आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां पर जोधपुर के काफी लोग पूजा पाठ करने जाते हैं। वर्तमान समय में यह मंदिर करीब 581 वर्ष पुराना हो चुका है, जिसके बारे में आज मैं आपको पूरी जानकारी देने वाला हूं।
चामुंडा देवी मंदिर कहां स्थित है ?
चामुंडा देवी मंदिर राजस्थान के जोधपुर जिले में जोधपुर की पहाड़ी पर मेहरानगढ़ किले में स्थित है, जिनकी पूजा जोधपुर शहर के राजघराने की ईस्ट देवी के रूप में की जाती है। चामुंडा देवी मंदिर जोधपुर मुख्य शहर से करीब 9.5 किमी. की दूरी पर स्थित है।
चामुंडा देवी मंदिर जोधपुर का निर्माण कब और किसने करवाया था ?
प्राचीन समय में इस मंदिर का निर्माण मेहरानगढ़ किले में होने से पहले माता चामुंडा देवी की पूजा मंडोर के परिहार वंश के लोग करते थे और उस समय से ही माता चामुंडा देवी परिहार वंश के लोगों की ईस्ट देवी रहीं हैं। लेकिन 1460 ई० में राव जोधा जी ने माता चामुंडा देवी के मूर्ति को मंडोर से मेहरानगढ़ किले में स्थापित करवा दिया था, जिसका वर्तमान समय में मेहरानगढ़ किले में स्थापित हुए 581 वर्ष हो चुका है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जोधपुर शहर को भी राव जोधा जी ने ही बसाया था और साथ ही मेहरानगढ़ किले का निर्माण भी उन्होंने करवाया था।
भारत और पाकिस्तान के बीच सन् 1971 ई० के युद्ध में चामुंडा माता का चमत्कार –
चामुंडा माता का चमत्कार तो तब देखने लायक था, जब सन् 1971 ई० में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। आपको बता दें कि सन् 1971 ई० के भारत-पाकिस्तान के युद्ध में पाकिस्तान की सेना ने सबसे पहले जोधपुर शहर को ही अपना टारगेट बनाया था, जिसमें पाकिस्तानी एयर फोर्स ने जोधपुर शहर में स्थित मेहरानगढ़ किले पर बम विस्फोट किया था, लेकिन माता चामुंडा देवी के आशीर्वाद से मेहरानगढ़ किले पर सिर्फ एक ही बम विस्फोट हुआ था और बाकी के सारे बमों में से एक भी बम विस्फोट नहीं हुआ था।
एक बम जो विस्फोट भी हुआ था, तो उससे मेहरानगढ़ किले पर कुछ ज्यादा क्षति नहीं पहुंच पाई थी। साथ ही जोधपुर शहर के लोगों का यह भी मानना है कि माता चामुंडा देवी ने जोधपुर के लोगों की जान चील बनकर बचाईं थीं।
सन् 1971 ई० में भारत-पाकिस्तान के युद्ध के बाद चामुंडा देवी मंदिर जोधपुर वासियों का विश्वास और आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका था और इस घटना के बाद से ही चामुंडा माता के मंदिर में जोधपुर के काफी लोग सुबह पूजा अर्चना करने जाने लगे हैं।
चामुंडा देवी मंदिर के खुलने और बंद होने का समय –
चामुंडा देवी मंदिर को श्रद्धालुओं के दर्शन करने के लिए सुबह 09:00 बजे खोला जाता है और शाम 05:00 बजे बंद कर दिया जाता है। अगर आप चामुंडा देवी मंदिर में जाते हैं, तो आपको मेहरानगढ़ किला और इस मंदिर के लिए कम-से-कम 3 घंटे का समय देना पड़ेगा।
चामुंडा देवी मंदिर जोधपुर कैसे पहुंचे ? – How to Reach Chamunda Devi Temple Jodhpur In Hindi.
आपको भी पता होगा कि जोधपुर शहर राजस्थान के काफी प्रसिद्ध और पर्यटन स्थलों वाला जिला है, जहां पर हर साल करोड़ों लोग भारत के साथ-साथ विदेश से आते हैं। जोधपुर शहर देश के सभी प्रमुख शहरों से फ्लाइट, ट्रेन और बस सेवा उपलब्ध कराई गई है, ताकि देश के किसी भी क्षेत्र से जोधपुर आने वाले पर्यटकों को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो सके।
हवाई जहाज से चामुंडा देवी मंदिर जोधपुर कैसे पहुंचे ?- How to Reach Chamunda Devi Temple Jodhpur by Flight In Hindi.
चामुंडा देवी मंदिर का नजदीकी हवाई अड्डा जोधपुर से दूरी करीब 6.5 किमी. की दूरी पर स्थित है। चामुंडा देवी मंदिर जोधपुर एयरपोर्ट से टैक्सी के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।
ट्रेन से चामुंडा देवी मंदिर जोधपुर कैसे पहुंचे ?- How to Reach Chamunda Devi Temple Jodhpur by Train In Hindi.
चामुंडा देवी मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जोधपुर है, जो इस मंदिर से मात्र 3 किमी. की दूरी पर स्थित है। चामुंडा देवी मंदिर जोधपुर रेलवे से टैक्सी द्वारा पहुंचा जा सकता है।
बस से चामुंडा देवी मंदिर जोधपुर कैसे पहुंचे ?- How to Reach Chamunda Devi Temple Jodhpur by Bus In Hindi.
जोधपुर बस से चामुंडा देवी मंदिर का सबसे नजदीकी बस स्टैंड है, जहां से आप टैक्सी पकड़ कर मंदिर में दर्शन करने जा सकते हैं। चामुंडा देवी मंदिर जोधपुर बस स्टैंड से मात्र 2 किमी. की दूरी पर स्थित है।
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धन्यवाद !
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