नमस्कार साथियों आज आपको हमारे द्वारा मणिमहेश झील जो कि हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित एक बेहद ही खूबसूरत और आकर्षक झील है के बारे में पूर्ण विवरण के साथ जानकारी दी जाएगी। आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि यह झील हिमालय के पीर पंजाल श्रेणी में हिमाचल के भरमौर में स्थित एक पवित्र झील हैं। तो चलिए शुरू करते हैं –
मणिमहेश झील (Manimahesh Lake in Hindi)
मणिमहेश झील समुद्र तल से लगभग 4080 मीटर की ऊंचाई पर भारत देश के हिमाचल प्रदेश राज्य के चंबा जिले के भरमौर क्षेत्र में स्थित एक बेहद ही खूबसूरत व आकर्षक पर्वतीय झील है। इस झील को शिव के आभूषण के नाम से भी जाना जाता है। यह मणिमहेश झील हिंदू आस्था में मानसरोवर झील के तुल्य महत्व रखती हैं।
इस झील के पास जाने के लिए पर्यटकों के साथ-साथ तीर्थ यात्रियों को पहाड़ों पर 13 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। यह मणिमहेश झील हिंदू के लिए एक तीर्थ स्थल है। जिसकी यात्रा साल में एक बार अगस्त से सितंबर के दौरान अमावस्या के आठवें दिन जन्माष्टमी से राधाष्टमी के बीच आयोजित की जाती है। यहा की यात्रा चंबा के लक्ष्मी नारायण मंदिर से होकर इस झील की होती हैं।
मणिमहेश का शाब्दिक अर्थ –
मणिमहेश का शाब्दिक अर्थ “शिव का आभूषण” होता है। यही कारण है कि इस झील को शिव के आभूषण के नाम से भी जाना जाता है।
मणिमहेश झील की कहानी (Story of Manimahesh Lake in Hindi)
मणिमहेश झील की उत्पत्ति को लेकर लोगों के द्वारा अलग-अलग कहानियां सुनने को मिलती है–
1.) जिनमें पहला लोकप्रिय कहानी – बताया जाता है कि शंकर भगवान ने इस झील का निर्माण देवी पार्वती से शादी के दौरान किए थे। ये भी कहा जाता है, कि इस क्षेत्र में होने वाले बर्फीले तूफान और हिमस्खलन भगवान शिव जब गुस्सा होते है तभी होती हैं। कई धार्मिक ग्रंथों में शिव के द्वारा यहाँ कई वर्षों तक तपस्या करने का जिक्र भी किया गया है।
2.) दूसरी लोकप्रिय कहानी – बताया जाता है, कि ब्रह्मांड के तीनों देवता यानी कि ब्रह्मा, विष्णु और शिव(महेश) का यहीं पर निवास स्थान है। मान्यता है, कि शिव का स्वर्ग मणिमहेश, विष्णु का स्वर्ग धन्चो के पास स्थित झरना और ब्रह्मा का स्वर्ग भरमौर के पास स्थित एक टीला है।
मणिमहेश झील घूमने जाने का अच्छा समय (Best Time To Visit Manimahesh Lake in Hindi)
आपको मालूम ही है कि यह झील समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित है, जिसके कारण सर्दियों के मौसम में यहां पर बर्फबारी होने के कारण इस मणिमहेश की यात्रा बंद रहती है। अगर आप यहां पर जाना चाहते हैं, तो आप साल के अप्रैल से अक्टूबर महीने के बीच कभी भी यहां की यात्रा पर जा सकते हैं।
लेकिन आपको बता दें कि यहां पर भादो के महीना में कृष्ण अष्टमी के दौरान एक भारी सा मेला लगता है। और मणिमहेश के लिए यात्रा निकाली जाती है। उस समय यहां घूमने का सबसे अच्छा समय होता है। यहां पर मेला के दौरान काफी तीर्थयात्री घूमने आते हैं, तो अगर आप भी इस मणिमहेश झील को विजिट करना चाहते हैं, तो इस मेला के दौरान ही जाए तो अच्छा रहेगा।
(इन्हें भी पढ़े : – मणिमहेश यात्रा
मणिमहेश घूमने जाने के दौरान ध्यान देने योग्य बातें –
अगर आप भी मणिमहेश घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं, तो अपनी असुविधा एवं परेशानियों से बचने के लिए इन बातों का ध्यान जरूर रखें –
1.) यहां के यात्रा पर निकलने से पहले अपने साथ कई गर्म कपड़े, भोजन एवं पानी अवश्य रख ले। क्योंकि यहां काफी ज्यादा ठंड पड़ती हैं। और इस मणिमहेश झील के पास कोई खाने पीने की व्यवस्था देखने को नहीं मिलती हैं।
2.) ट्रेकिंग के समय आप कभी भी अकेले ना घूमने निकले। जब भी आप घूमने के लिए निकले अपने साथी या ट्रैकिंग गार्ड के साथ ही निकले।
3.) अगर आप मणिमहेश की यात्रा करना चाहते हैं, तो यहां की यात्रा के लिए तभी निकले जब आप पूर्ण रुप से फिजिकली एवं मेंटली फिट हो, वरना यहां की यात्रा ना करें। क्योंकि आपको काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
4.) अगर आप मणिमहेश की यात्रा यहा पर लगने वाले मेला के दौरान कर रहे हैं, तो आप अपना कुछ ज्यादा ही ध्यान रखें। क्योंकि मेला के समय यहा अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति के कारण काफी भीड़ रहती है।
5.) मणिमहेश की चढ़ाई करने से पहले आप अपने मोबाइल का सारा काम निपटा लें क्योंकि ऊंचाई पर जाने के बाद आपके मोबाइल में नेटवर्क प्रॉब्लम देखने को मिल सकती हैं।
6.) मणिमहेश की यात्रा को यादगार एवं यहां की खूबसूरती को कैद करने के लिए आप अपने साथ अच्छा कैमरा वाला मोबाइल या अच्छा कैमरा जरूर ले जाए।
मणिमहेश कैसे जाएं (How To Reach Manimahesh in Hindi)
मणिमहेश अगर आप भी जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि यहां पर जाने के लिए आपको विभिन्न मार्ग मिल जाएंगे जिसके जरिए आप मणिमहेश पहुंच सकते हैं।
1.) पहला मार्ग लाहुल और स्पीति से कुट्टी दर्रे से होकर जाता है।
2.) दूसरा मार्ग हसदर-मणिमहेश मार्ग हडसर गांव से 13 किलोमीटर के ट्रैक से होकर जाना पड़ता है। इस मार्ग से मणिमहेश झील जाने में 2 दिन का समय लग सकता है! इन दोनों मार्ग से जाने के लिए आपको बस, कार और टैक्सी की सुविधा आसानी से मिल जाएगी।
3.) तीसरा मार्ग अगर आप मणिमहेश की यात्रा जल्दी एवं इतनी लंबी ट्रैक पसंद नहीं है, तो आप हवाई मार्ग यानी कि हेलीकॉप्टर से यहां जा सकते हैं। जी हां यहां पर जाने के लिए आपको हेलीकॉप्टर की सुविधा भी मिल जाएगी। ये हेलीकॉप्टर आपको नीचे से 13 km की ट्रेक पर उड़ा कर गौरीकुंड छोड़ देगी, जहां से मणिमहेश झील तक 1 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है।
हेलीकॉप्टर से जाने का किराया लगभग 10 हजार से 15 हजार तक लगा सकता है।
पूछें जाने वाला प्रसन्न –
मणिमहेश झील कहा स्थित है ?
उत्तर – मणिमहेश झील हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला मे स्थित है।
मणिमहेश झील कितनी ऊंचाई पर स्थित है ?
उत्तर – मणिमहेश झील समुद तल से 4080 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
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