कोरीगढ़ किला लोनावला | Korigad Fort Lonavla In Hindi.

पुणे जिले में स्थित कोरीगढ़ किला लोनावला शहर से मात्र 24 किमी. की दूरी पर स्थित है, जो करीब 923 मीटर (3028 फीट) ऊंची एक पहाड़ी पर स्थित है। कोरीगढ़ किला चारों तरफ से हरे भरे जंगलों के बीच में स्थित है, जहां जाने के लिए कुछ दूर ट्रेकिंग करने के साथ-साथ करीब 500 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। दोस्तों लोनावला जाने वाले पर्यटक इस किले को जरूर विजिट करते हैं, लेकिन लोनावला, पुणे और मुंबई के लोगों के लिए यह किला बेहद खास है, क्योंकि इन शहरों के लोग हर वीकेंड पर काफी संख्या में इस किले को विजिट करने आते हैं। चलिए अब कोरीगढ़ किला लोनावला के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।

कोरीगढ़ किला का इतिहास – History Of Korigad Fort In Hindi.

दोस्तों ऐसे कोरीगढ़ किले के इतिहास का कोई बिल्कुल सही प्रमाण नहीं है, लेकिन माना जाता है कि 16 वीं सदी में इस किले का निर्माण किया गया था। इतिहास के मुताबिक इस किले पर मराठा साम्राज्य के महान योद्धा छत्रपति महाराज शिवाजी ने भी कब्जा किया था। वर्तमान समय में यह किला ऐतिहासिक रूप से भी काफी महत्व रखता है।

कोरीगढ़ किला ट्रेक –

कोरीगढ़ किला की चढ़ाई शुरू करने से पहले अपनी गाड़ी से उतरने के बाद आपको कुछ ट्रेक करना होगा। कुछ दूर ट्रेक करने के बाद आप कोरीगढ़ किला की सीढ़ियों तक पहुंचेंगे, जहां से कोरीगढ़ किला जाने के लिए लगभग 500 सीढ़ियों की चढ़ाई करनी पड़ती है, तब आप कोरीगढ़ किला पहुंच पाएंगे।

कोरीगढ़ किला की ट्रेकिंग के दौरान कौन कौन-सी चीजें लेकर जानी चाहिए?

कोरीगढ़ किला की ट्रेक के दौरान आपको हरे भरे पेड़-पौधों के बीच से गुजरना होगा, इसलिए आपको छोटे बड़े कीड़े-मकोड़े से थोड़ा सावधान रहना होगा। इन सभी चीजों से बचाव करने एवं ट्रेकिंग करने में थोड़ी आसानी हो, इसलिए आप अपने पास एक स्टिक रख सकते हैं। साथ ही ट्रेकिंग के लिए आपको एक ट्रेकिंग शूज भी होने चाहिए, ताकि ट्रेकिंग करने में आपको आसानी हो सके।

मॉनसून के दौरान कोरीगढ़ किला जाने के लिए आपको अपने पास एक रेनकोट जरूर रखनी चाहिए, क्योंकि मॉनसून के दौरान कोरीगढ़ किला की यात्रा के दौरान बारिश होने की बहुत ज्यादा संभावना रहती है, इसलिए अपने आप को बारिश से बचाव करने के लिए आपको एक रेनकोट लेकर जरूर जाना चाहिए।

अगर आप मॉनसून के दौरान छाता लेकर कोरीगढ़ किला जाने की सोंच रहे हैं, तो यह आपकी बहुत बड़ी गलती साबित हो सकती है, क्योंकि मॉनसून के दौरान बारिश के साथ-साथ कोरीगढ़ किला की सीढ़ियों पर पानी की धाराएं भी बहती हैं, जिसकी वजह से फिसलने की संभावना रहती है और अगर आप छाता लेकर जाते हैं, तो छाता और अपने आप को संभालने में आपके साथ दुर्घटना भी हो सकती है, क्योंकि सीढ़ियों पर पानी के बहाव के दौरान सीढ़ियां चढ़ना कोई छोटी बात नहीं है।

दोस्तों अगर आप कोरीगढ़ किला को विजिट करने जाते हैं, तो ट्रेकिंग करने के लिए आपको अपने पास पानी की बोतल और खाने-पीने के लिए कुछ बिस्किट, स्नैक्स, चॉकलेट और 250 ग्राम के आसपास ड्राई फ्रूट्स वगैरह लेकर जा सकते हैं, ताकि इस ट्रेक पर खाने-पीने को लेकर आपको कोई परेशानी न झेलनी पड़े।

जंगलों के बीच ऊंचे पहाड़ पर स्थित होने की वजह से सर्दी के मौसम में यहां ठंड थोड़ी ज्यादा रहती है, इसलिए अगर आप सर्दी के दौरान कोरीगढ़ किला की यात्रा पर जा रहे हैं, तो आपको अपने पास ठंड के सभी गर्म कपड़े अपने साथ लेकर जाना ना भूलें, वरना ठंड अधिक होने के दौरान आपके पास कम गर्म कपड़े होने की वजह से आपकी यह यात्रा अधूरी भी हो सकती है। सर्दी के मौसम में कोरीगढ़ किला जाने पर गर्म कपड़े का ध्यान जरूर रखें।

कोरीगढ़ किला किन लोगों को विजिट करना चाहिए?

ऊंचे पहाड़ पर जंगलों के बीच स्थित होने की वजह से कोरीगढ़ किला काफी आकर्षक प्राकृतिक सुंदरता प्रस्तुत करता है, इसलिए प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफर को कोरीगढ़ किला जरूर विजिट करनी चाहिए। साथ ही ऐतिहासिक धरोहरों की तरफ आकर्षित होने वाले पर्यटकों के लिए भी कोरीगढ़ किला बेहद अच्छा टूरिस्ट डेस्टिनेशन है।

कोरीगढ़ किला के अलावा महाराष्ट्र के अन्य ट्रेकिंग स्पॉट्स एवं ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी हेतु आप नीचे कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।

धन्यवाद।

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