जमाली-कमाली मस्जिद दिल्ली | Jamali kamali Masjid in Delhi in Hindi.

दिलवालों के शहर दिल्ली में आपने बहुत से जगहो जैसे – क़ुतुब मीनार, हुमायूं का मकबरा, लाल किला घूमने के लिए गए होंगे। लेकिन आज हम एक ऐसे दिल्ली के जगह के बारे में बात करने वाले हैं, जहां पर जाने पर सुकून एवं शांति का अहसास होता है। हम जिस दिल्ली के जगह के बारे में बात कर रहे हैं वह दक्षिण दिल्ली के महरौली में स्थित जमाली-कमाली मस्जिद है, जो देखने में काफी खूबसूरत होने के साथ ऐतिहासिक भी हैं। जब आप यहां पर जाएंगे तो आपको कुतुबमीनार का भी नजारा दिख जाएगा।

जमाली-कमाली के बारे में – About Jamali kamali in Hindi.

मौलाना शेख जमाली अपने समय के महान नामी कवि हुआ करते थे। वह अपनी शायरी एवं कविताएं की वजह से काफी प्रसिद्ध हो गए थे। उनके यही काबिलियत के बल पर उनको सिकंदर लोधी, बाबर हुमायूं, बहलोल लोदी और इब्राहिम लोदी तक के सभी बादशाहो के दरबारी कवि का दर्जा मिला था।

जहां तक रही कमाली नाम के व्यक्ति के तो उनके बारे में कोई भी शिलालेख में परिचय अज्ञात हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह जमाली के शिष्य या भाई थे तो वहीं कुछ लोग इन दोनों कवियों को साथी का दर्जा दिए हैं। सच्चाई जो कुछ भी हो पर जिस भी शख्स का नाम कमाली था वो जमाली का बहुत ही अजीज और प्रिय था।

जमाली-कमाली मस्जिद के बारे में – About Jamali kamali Masjid in Hindi.

इस जमाली-कमाली मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट बाबर ने 1528 ईस्वी के आसपस करवाया था। हजरत जमाली यही इस मस्जिद में रहकर अल्लाह की इबादत किया करते थे। कहा जाता है कि 1536 ईसवी में हजरत जमाली की मृत्यु हो गई तब इन्हें इसी मस्जिद के आंगन में दफनाया गया।

कमाली नाम के व्यक्ति के बारे में कुछ खास जानकारी नहीं है लेकिन इस कमाली नाम के व्यक्ति का कब्र भी इस जमाली नाम के व्यक्ति के पास में ही देखने को मिल जाएंगे। इन दोनों के कब्र एक पास होना यही कारण है, कि इसे जमाली-कमाली की दरगाह के नाम से जाना जाता है।

जमाली-कमाली मस्जिद को भूतिया क्यो कहा जाता है ?

इन्टरनेट पर उपस्थित कुछ लेखों और विडिओ के अनुसार यह जमाली-कमाली नाम का दरगाह भुतहा है। कुछ लोगों को यहां पर किसी की परछाई दिखती है, तो किसी ने रात को यहां से डरावनी आवाजें आते हुए सुनी हैं। वैसे तो दिन के समय यहां पर लोग आते-जाते रहते हैं, परंतु रात के समय जब यह वीरान हो जाता है तब यहां के आसपास के लोगों ने कब्रों से दुआ की आवाजें आती सुनी है। यहां पर रात्रि के समय किसी के ना होने के बावजूद भी मस्जिद से इबादत तिलावत की आवाज आती है। लोगों का कहना है, कि यहां जीन्नात इबादत किया करते है।

आपको बता दें कि वैसे तो यहां इस मस्जिद में रात के समय जाना अलाउ नहीं है, पर जब आप दिन में भी यहां पर घूमने जाएंगे तो आप सभी जगह घूम सकते है। परंतु आज के समय में भी दिन में जहां पर जमाली-कमाली की कब्र हैं वहां पर किसी को भी जाने का अनुमति नहीं है।

पूछे जाने वाला प्रश्न

प्रश्न – जमाली-कमाली मस्जिद का निर्माण कब हुआ था ?

उत्तर – जमाली-कमाली मस्जिद का निर्माण तकरीबन 1528 ईसवी में हुआ था ।

प्रश्न – जमाली-कमाली मस्जिद का निर्माण किसने करवाया था ?

उत्तर – जमाली-कमाली मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट बाबर ने करवाया था।

प्रश्न – हजरत जमाली की मृत्यु कब हुई थी ?

उत्तर – हजरत जमाली की मृत्यु 1536 ईसवी में हुई थी।

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धन्यवाद

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2 COMMENTS

  1. Kya such me ye jagah honted hai agar hai ho kya ye bat fruup hui hai kya aap logo ne khud rat ko vaha se voice aate hui suna hai

    Please reply jarur karna

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