हनुमान गढ़ी मंदिर उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है, जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 1951 मीटर (6400 फूट) है। इस मंदिर का निर्माण बाबा नीम करोली ने 1950 ई० में करवाया था। यह मंदिर देखने में बहुत ही खुबसूरत और रमणीय है, जहां प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में भीड़ देखने को मिलती है।
हनुमान गढ़ी मंदिर कहां स्थित है ?
हनुमान गढ़ी मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य के नैनीताल से करीब से 3.5 किमी. की दूरी पर स्थित है, जो नैनीताल-हलद्वानी सड़क पर एक ऊंचे पहाड़ पर स्थित है। यहां से सूर्यास्त का एक बेहद ही खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है।
हनुमान गढ़ी मंदिर का इतिहास –
इस मंदिर के स्थापित होने से पहले इस स्थान पर एक घना जंगल हुआ करता था और जंगल में एक मिट्टी का एक टीला हुआ करता था, जिसके ऊपर बैठकर बाबा नीम करोली भगवान राम का नाम जपते थे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बाबा नीम करोली ने करीब एक वर्ष तक इस टीले पर बैठकर भगवान राम का नाम जपा था। इतना सबकुछ देखने के बाद वहां के पेड़-पौधे भी भगवान राम के नाम जपने लगे थे।
पेड़-पौधों के द्वारा भगवान राम का नाम जपने की वजह से बाबा नीम करोली ने उस स्थान पर पहले कीर्तन और उसके बाद भंडारे का आयोजन करवाया। भंडारे के समय जब प्रसाद बनाने के लिए घी कम पड़ गया, तो बाबा नीम करोली ने पानी के एक कनस्तर को कड़ाही में डाल दिया और कुछ समय बाद ही पानी का कनस्तर घी में परिवर्तन हो गया। अब आप इसे चमत्कार समझें या फिर भगवान का आशीर्वाद, उसी घटना के बाद से हनुमान गढ़ी मंदिर नैनीताल के वासियों के लिए भगवान का एक स्थान बन गया, जो आगे चलकर हनुमान गढ़ी मंदिर में परिवर्तित हो गया।
हनुमान गढ़ी मंदिर में किन-किन देवी देवताओं का निवास स्थान है ?
इस मंदिर में हनुमान जी सहित भगवान राम, माता सीता, राधा-कृष्ण, भगवान भोलेनाथ, मां दुर्गा, साईं बाबा, नीम करोली बाबा, वैष्णो देवी, इच्छापूर्ति हनुमान (भैरव), मौन समाधि स्थल (श्री भक्ति मां मौनी माई), शनि देव आदि देवी-देवताओं के मंदिर स्थापित है, जहां जाने के बाद आप बारी-बारी से सभी देवी-देवताओं के दर्शन कर सकते हैं। दर्शन करने के लिए आपको गुफा से होकर गुजरना पड़ेगा, लेकिन गुफा के नाम से डरने वाली कोई बात नहीं है, क्योंकि गुफा के अंदर चलने के लिए सीढियां बनाई गई है और लाइट वगैरह भी लगाई गई है, जिसके अंदर जाने और आने में कोई परेशानी नहीं होती है।
मौनी माई – इनका जन्म 25 दिसंबर 1922 ई० में अल्मोड़ा में हुआ था, जो 62 वर्षों तक मौन धारण रहीं, इनका भी मंदिर यहां पर स्थापित किया गया है। मौनी माई अंत में 8 नवंबर 2013 को छठ पर्व के दिन ब्रह्मलीन हो गईं।
हनुमान गढ़ी मंदिर कैसे जाएं ?
हनुमान गढ़ी जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन, बस, टैक्सी, कार या बाइक की सुविधा ले सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि अगर आप फ्लाइट, ट्रेन और बस से हनुमान गढ़ी जा रहे हैं, तो आपको सबसे पहले कहां जाना चाहिए और उसके बाद आप आगे की यात्रा कैसे पूरी कर सकते हैं।
हवाई जहाज से हनुमान गढ़ी मंदिर कैसे पहुंचे ?
नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है, जहां से नैनीताल लगभग 60 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस एयरपोर्ट से नैनीताल जाने के लिए आपको बस और टैक्सी वगैरह की सुविधा मिल जाएगी और नैनीताल से हनुमान गढ़ी मंदिर जाने के लिए आप टैक्सी की सुविधा लेकर हनुमान गढ़ी आसानी से पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से हनुमान गढ़ी मंदिर कैसे पहुंचे ?
निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो नैनीताल से करीब (bike – 25 और car – 36) किमी. की दूरी पर स्थित है। काठगोदाम से नैनीताल जाने के लिए बस और टैक्सी वगैरह की सुविधा मिल जाएगी। नैनीताल जाने के बाद आप टैक्सी की सुविधा लेकर हनुमान गढ़ी मंदिर पहुंच सकते हैं।
बस से हनुमान गढ़ी मंदिर कैसे पहुंचे ?
बस से आप सीधा नैनीताल आ सकते हैं और नैनीताल से हनुमान गढ़ी मंदिर जाने के लिए टैक्सी वगैरह की सुविधा उपलब्ध होती है, जिसकी सुविधा लेकर आप हनुमान गढ़ी मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं।
आशा करता हूं कि मेरे द्वारा “हनुमान गढ़ी मंदिर” के बारे में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर इस पोस्ट से संबंधित आपका कोई सवाल हो, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं और अगर इस पोस्ट में आपको कुछ गलत लगे, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं, ताकि अपडेट करते समय मैं उस गलती को सुधार कर सके।
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