
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, जिसका पूर्वांचल में काफी समय से इंतजार हो रहा था, अब लगभग जनता के लिए तैयार है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह हाईवे अगले 15 दिनों के भीतर चालू हो जाएगा। कुल 91.35 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर के सहजनवा क्षेत्र के जैतपुर गांव को आज़मगढ़ के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के सालारपुर से जोड़ता है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए बड़ा बदलाव
एक्सप्रेसवे के शुरू होते ही गोरखपुर और लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज जैसे प्रमुख शहरों के बीच यात्रा समय में बड़ा अंतर आएगा। वर्तमान में लखनऊ और गोरखपुर के बीच की दूरी तय करने में लगभग 5 घंटे लगते हैं, लेकिन इस नए एक्सप्रेसवे की मदद से यह समय घटकर सिर्फ 3.5 घंटे रह जाएगा।
तेज रफ्तार और बड़ी क्षमता के लिए डिज़ाइन
नए एक्सप्रेसवे पर वाहन अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगे। यह चार लेन का एक्सप्रेसवे भविष्य में छह लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। इसके ढांचे में शामिल हैं:
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16 वाहन अंडरपास
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50 छोटे अंडरपास
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35 पैदल यात्री अंडरपास
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7 फ्लाईओवर
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34 पुल (जिनमें 7 बड़े पुल शामिल हैं)
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2 टोल प्लाजा
सिकरीगंज में 600 मीटर लंबा एक ओवरपास अभी निर्माणाधीन है और इसे पूरा होने में दो महीने का समय और लगेगा। हालांकि, इस दौरान भी एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक की अनुमति दी जाएगी।
अंतिम चरण के कार्य पूरे होने की कगार पर
पहले यह एक्सप्रेसवे अप्रैल में शुरू होने वाला था, लेकिन काम में देरी मिट्टी के कार्य और कमहरिया घाट पर नदी को सीधा करने जैसे तकनीकी कारणों से हुई। अब ये सभी कार्य जियो-टेक्सटाइल ट्यूब्स और लोहे की चादरों की मदद से पूरे कर लिए गए हैं।
यूपीईडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी) के कार्यकारी अभियंता पी. पी. वर्मा ने बताया कि सिकरीगंज में सर्विस रोड सहित बाकी बचे सभी कार्य अगले दो हफ्तों में पूरे कर लिए जाएंगे।
क्षेत्रीय विकास को मिलेगा प्रोत्साहन
अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इस एक्सप्रेसवे के साथ एक औद्योगिक कॉरिडोर की भी योजना बनाई जा रही है, जिससे संत कबीर नगर, अम्बेडकर नगर और आज़मगढ़ जैसे जिलों को बड़ा लाभ मिलेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ाव के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश के शहर अब दिल्ली और आगरा जैसे बड़े व्यापारिक केंद्रों से और अधिक सुगमता से जुड़ सकेंगे। इससे न केवल व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार और बुनियादी विकास को भी गति मिलेगी।