हेलो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में हम अलीगढ़ में घूमने की कुछ प्रमुख जगहों के बारे में जानने वाले हैं। अगर आप भी अलीगढ़ ट्रीप का प्लान बना रहा है, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। इस आर्टिकल को आप शुरू से अंत तक जरूर पढ़े, ताकि इस आर्टिकल में दी गई पूरी जानकारी आपको प्राप्त हो सके, तो चलिए हम अपने इस आर्टिकल में जानकारी की ओर आगे बढ़ते हुए अलीगढ़ के प्रमुख जगहों के बारे में जान लेते है –
अलीगढ़ किला
यह किला अलीगढ़ के दर्शनीय स्थलों में से एक है जो कि पहाड़ी पर स्थित है। इसके अलावा किले में एक तहखाना भी है, जो बाहर से ज्यादा दिखाई नहीं देता है। यह किला इब्राहिम लोढी के शासनकाल के दौरान गवर्नर उमर के पुत्र मोहम्मद ने 1525 में किले को बनाया था। अलीगढ़ किला को बौनासौर किला या रामगढ़ किला भी कहा जाता है।
खेरेश्वर मंदिर
यह मंदिर अलीगढ़ में घूमने की जगह में से एक है जो कि भगवान शिव को समर्पित है। यह प्राचीन मंदिर गंगा नदी के घाटियों पर ताजपुर रसलपुर के छोटे गांव में स्थित है जो अलीगढ़ से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर भगवान शिव जी की शिवलिंग छोटे आकार के रूप में है, इसीलिए इस शिवलिंग को अदृश्य शिवलिंग के रूप में भी जाना जाता है। यह मंदिर बाईपास रोड पर स्थित है।
जामा मस्जिद
इस मस्जिद का निर्माण मुहम्मद शाह 1719-1728 के शासनकाल में कोल के गवर्नर साबित खान ने 1724 में काम शुरू कराया था। इस मस्जिद को तैयार होने में लगभग 4 साल लग गए, और 1728 में यह मस्जिद बनकर तैयार हो गई इस मस्जिद में कुल 17 गुटबंद है साथ ही इस मस्जिद के तीन गेट भी है। इस मस्जिद के बारे में ऐसा कहा जाता है, कि यह देश की पहली मस्जिद होगी जहां पर शहीदों की कब्रों भी बनाई गई है। इस मस्जिद में महिलाओं को नमाज पढ़ने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। इस मस्जिद में अभी तक कई पिढीया नमाज अदा कर चुकी है। यह मस्जिद शहर के ऊपर कोट इलाके में स्थित है, जहां पर 5000 लोग एक साथ ही नमाज पढ़ सकते हैं।
मौलाना आजाद लाइब्रेरी
मौलाना आजाद लाइब्रेरी एशिया की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी है। इसकी 7 मंजिला इमारत 4.75 एकड़ में फैली हुई हैं। इसमें तकरीबन 14 लाख किताबें है, जिसके कारण यह अलीगढ़ के दर्शनीय स्थल काफी चर्चित स्थल बन गई हैं। इस लाइब्रेरी में काफी पर्यटक आते हैं। इस लाइब्रेरी को 1960 में मौलाना आजाद पुस्तकालय से नामित किया गया, तब प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसकी वर्तमान इमारत का उद्घाटन किए। तभी से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को मौलाना आजाद लाइब्रेरी के नाम से जाना जाता है।
तीर्थधाम मंगलायातन
इस पर बैठे भगवान आदिनाथ की हेलो भामदल और तीन छतरियों छत्र के साथ एक प्रभावशाली 111 उच्च सफेद संगमरमर से बनी हुई मूर्तियां है। इस मंदिर को कृत्रिम पहाड़ी पर बनाया गया है, जो कि 4 की ऊंचाई से शुरू होती हुई 31 तक बढ़ जाती हैं। इस मंदिर में भक्तों को जाने के लिए सीढ़ी बनाई गई है, और वे लोग जो सीढ़ी पर नहीं चढ सकते उन लोगों के लिए एक रैंप रास्ता बनाया गया है।
बाबा बरछी बहादुर दरगाह
बाबा बरछी बहादुर दरगाह के बारे में ऐसा कहा जाता है, कि यहां पर जो भक्त चादर चढ़ाकर मनोकामना करता है, तो उसकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यहां पर हर रोज सैकड़ों लोग आते हैं। बाबा बरछी बहादुर के अलावा हजरत शामशुल आफरीन शाहजमाल की दरगाह भी अलीगढ़ के इतिहास में दर्ज बहुत पुरानी दरगाह है।
शेखा झील
यह झील शहर में पानी की आपूर्ति करती है और यह अलीगढ़ शहर के केंद्र से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह झील एक सिंचाई नहर के किनारे फैला हुआ है और अपने जैव विविधता और सर्दियों में प्रवासी पक्षियों के लिए एक जगह के लिए प्रसिद्ध हैं।
दोर फोर्टस
यह किला राजा बुद्धसेन दोर द्वारा बनाया गया था। यह किला समय बीतने के साथ अपने पूर्व गौरव को खो दिया अब यह किला खंडहर के रूप में परिवर्तित हो गाया है। अलीगढ़ के दर्शनीय स्थल में यह दोर फोर्टस भी शामिल है।
आज का हमारा यह आर्टिकल जो कि अलीगढ़ में घूमने की जगह के बारे में है, कैसा लगा ? अगर आप इस आर्टिकल से जुड़ी कोई राय या सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में बता सकते है।
धन्यवाद