पूर्णागिरी मंदिर चंपावत| Purnagiri Temple Champawat in Hindi

हेलो दोस्तों आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में उत्तराखंड के जिला चंपावत में स्थित पूर्णागिरी मंदिर के बारे में जानने वाले हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम लोग जानेंगे पूर्णागिरी मंदिर के निर्माण के कहानी, यहां मनाएं जाने वाला त्यौहार एवं कब और कैसे जाएं आदि। तो चलिए शुरू करते हैं –

पूर्णागिरी मंदिर के बारे में – About Purnagiri Temple Champawat in Hindi

देवभूमि उत्तराखंड के जिला चंपावत में स्थिति यह पूर्णागिरी मंदिर चंपावत मुख्य शहर से तकरीबन 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। अगर इस मंदिर की दूरी टनकपुर से ली जाए तो मात्र 20 किलोमीटर का अंतराल पर स्थित हैं। पूर्णागिरि का मंदिर काली नदी के पास में ही स्थित हैं ।चंपावत जिला में स्थित यह पूर्णागिरि का मंदिर कुल 108 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।

पूर्णागिरी मंदिर की कहानी / इतिहास – Story of Purnagiri Temple Champawat in Hindi

पौराणिक धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव के ससुर ने एक बार अपने यहां यज्ञ का आयोजन किया और उसमे भाग लेने के लिए भगवान शंकर एवं माता सती को नहीं बुलाया, फिर भी माता सती उस यज्ञ में शामिल होने चली गई। माता सती के सामने वहां पर भगवान शंकर को काफी अपमानित किया गया, यह अपमान माता सती सहन नहीं कर पाई और माता सती वहां के हवन कुंड में कूद गई।

तत्पश्चात भगवान शिव ने उस हवन कुंड से माता सती को निकाल तांडव करने लगे। इस तांडव के कारण पूरा ब्रह्मांड में तबाही मच गई। तब इस तबाही से बचने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र चलाया और माता सती के शरीर को 51 भागों में बांट दिया। जिसके पश्चात माता सती के जो अंग जहां गिरे उसका नाम उस अंग के अनुसार पड़ गया। इस पौराणिक कथा के अनुसार माता सती के शरीर का यहां पर नाभि भाग गिरा था।

पूर्णागिरि के सिद्ध बाबा मंदिर की कहानी – Story of Siddhbali Temple in Champawat in Hindi

सिद्ध बाबा के इस मंदिर की स्थापना को लेकर एक कहानी का जिक्र किया जाता है। बताया जाता है कि एक बार एक साधु मां पूर्णागिरि पर्वत पर चढ़ने के घमंड के कारण जीद पकड़ लिया और पर्वत पर चढ़ने का बार-बार कोशिश करने लगा। तभी मां पूर्णागिरि क्रोधित होकर उस साधु को काफी दूर नदी पार फेंक दि।

तत्पश्चात वह साधु माता से माफी मांगा और माता उसे माफ करते हुए सिद्ध बाबा के नाम से प्रसिद्ध कर कहा कि जो भी भक्त मेरी पूजा करने के बाद तुम्हारी पूजा नहीं करेगा उस भक्त की पूजा अधूरी मानी जाएगी। तभी से यह मंदिर प्रसिद्ध हो गया।

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पूर्णागिरी मंदिर का त्यौहार – Festival of Purnagiri Temple Champawat in Hindi

पूर्णागिरी मंदिर के प्रमुख त्योहारों के रूप में यहां पर दोनों नवरात्रि के दौरान भारी मेले का आयोजन होता है। इस मेले के दौरान यहां पर श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा बढ़ जाती हैं।

पूर्णागिरी मंदिर जाने का अच्छा समय – Best Time To Visit Purnagiri Temple Champawat in Hindi

पूर्णागिरी मंदिर अगर आप भी जाना चाहते हैं, तो आप यहां पर या तो त्यौहार के समय जाए या आप यहां पर मार्च से मई महीने के बीच में जाएं यही समय पूर्णागिरी मंदिर जाने का अच्छा समय माना जाता है।

पूर्णागिरी मंदिर कैसे जाएं – How to Reach Purnagiri Temple Champawat in Hindi

पूर्णागिरी मंदिर जाने का प्लान अगर आप भी बना रहे हैं, तो आप यह भी जान लीजिए कि यहां पर जाएं तो जाएं कैसे। आपको बता दें कि आप यहां पर अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी माध्यम से जा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं –

पूर्णागिरी मंदिर हवाई जहाज से कैसे पहुंचे ? – How to Reach Purnagiri Temple Champawat by Flight in Hindi

पूर्णागिरी मंदिर अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं, तो आपको बता दें पूर्णागिरी मंदिर के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर में है। आपको पंतनगर के हवाई अड्डे से पूर्णागिरी मंदिर के लिए टैक्सी की सुविधा मिल जाएगी।

पूर्णागिरी मंदिर ट्रेन से कैसे पहुंचे ?-How to Reach Purnagiri Temple Champawat by Train in Hindi

पूर्णागिरी मंदिर ट्रेन से अगर आप जाना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि पूर्णागिरी मंदिर के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर हैं। टनकपुर रेलवे स्टेशन से आपको टैक्सी की सुविधा आसानी से पूर्णागिरी मंदिर जाने के लिए मिल जाएगी।

पूर्णागिरी मंदिर सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे ? – How to Reach Purnagiri Temple Champawat by Bus in Hindi

आप अगर पूर्णागिरी मंदिर के पास सड़क मार्ग द्वारा अपनी कार, बस या टैक्सी से पहुंचना चाहते हैं, तो टनकपुर तक आपको भारत के बड़े-बड़े शहरों से बसें मिल जाएंगी। उसके बाद आपको टैक्सी या ओला की सुविधा लेनी पड़ेगी।

देवभूमि उत्तराखंड के चंपावत जिला में स्थित पूर्णागिरी मंदिर के बारे में हमारे द्वारा लिखी गई यह पोस्ट आपको कैसी लगी ? हमारी इस पोस्ट से आपको किस हद तक मदद पहुंची आप हमें कमेंट कर जरूर बताएं।

धन्यवाद

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