रूस में 8.8 तीव्रता

रूस के कामचटका प्रायद्वीप में स्थानीय समयानुसार सुबह 10:00 बजे 8.8 तीव्रता का एक भीषण भूकंप आया, जिसके बाद प्रशांत महासागर में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। जापानी सरकार ने अप्रत्याशित रूप से कई तटीय क्षेत्रों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की है। जनता से सुरक्षित क्षेत्रों में जाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है। रूस में 8.8 तीव्रता

भूकंप की उत्पत्ति और प्रभाव

रूसी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (आरजीएस) के अनुसार, भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 5:17 बजे, कामचटका प्रायद्वीप के पूर्वी तट से लगभग 120 किलोमीटर दूर आया। भूकंप की गहराई लगभग 35 किलोमीटर थी, जिससे यह एक उथला और शक्तिशाली भूकंप बन गया। भूकंप के बाद पूर्वी रूस में भी जटिल झटके आए। कई इमारतें हिल गईं और मोबाइल नेटवर्क बाधित हो गए। कामचटका के पेट्रोपावलोव्स्क के कुछ निवासी दहशत में सड़कों पर उतर आए। अभी तक रूस में किसी बड़े नुकसान या हताहत की कोई खबर नहीं है, लेकिन व्यवसायों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। रूस में 8.8 तीव्रता

जापान में सुनामी की चेतावनी
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) ने भूकंप के बाद प्रशांत तट के एक बड़े क्षेत्र के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में होक्काइडो, तोहोकू और होंशू प्रायद्वीप के साथ-साथ तटीय शहर भी शामिल हैं।

जेएमए के मुख्य भूकंप विज्ञानी केजी मात्सुओ ने कहा

“रूस के तट पर आया भूकंप काफी शक्तिशाली है। ऐसा भूकंप 1 मीटर या उससे अधिक ऊँची सुनामी उत्पन्न कर सकता है। इसलिए हमने एक बड़े तटीय क्षेत्र के लिए चेतावनी जारी की है।” सार्वजनिक प्रसारक एनएचके पूरे देश में आतंक का संदेश प्रसारित कर रहा है। तटीय निवासियों को समुद्र तटों और खेल के मैदानों से दूर रहने के लिए कहा जा रहा है।

जन प्रतिक्रिया और स्थानीय चेतावनियाँ

हमें दिन में अपने मोबाइल फ़ोन पर चेतावनियाँ मिलती रहती हैं। होक्काइडो के कुशिरो निवासी युता ताकाहाशी ने कहा, “हमने पहले भी भूकंप और सुनामी का सामना किया है, लेकिन यह ज़्यादा शक्तिशाली प्रतीत होता है।” जापानी अधिकारियों ने तटीय स्कूलों और अस्पतालों को खाली कराने का आदेश पहले ही दे दिया है। कई जगहों पर आश्रय स्थल बनाए गए हैं। रेल सेवाएँ निलंबित कर दी गई हैं और हवाई अड्डों पर उड़ानें रोक दी गई हैं।

पूर्व अनुभव

मार्च 2011 में, जापान के तोहोकू क्षेत्र में 9.1 तीव्रता का भूकंप और उसके बाद आई सुनामी ने 18,000 लोगों की जान ले ली और फुकुशिमा परमाणु आपदा का कारण बनी। जापानियों को आज भी उसकी यादें सताती हैं।

इस संदर्भ में, प्रशासन की हर शाखा ऐसी ही प्राकृतिक आपदा की आशंका में सक्रिय हो गई है। जापान तटरक्षक बल ने समुद्र के स्तर की निगरानी शुरू कर दी है और देश की पनडुब्बी सेना को आपातकालीन बचाव कार्यों में भाग लेने के लिए तैयार रहने के आदेशों पर विचार करते हुए तैनात कर दिया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय समर्थन और सद्भावना

संयुक्त राष्ट्र आपदा प्रबंधन एजेंसी (यूएनडीआरआर) के एक बयान में कहा गया है, इतने शक्तिशाली भूकंप के बाद अंतर्राष्ट्रीय सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम रूस और जापान के साथ हैं और कंटीली तारों के लिए बचाव और बचाव सुझाव भेजने के लिए तैयार हैं। अमेरिकी प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र (पीटीडब्ल्यूसी) ने भूकंप के बाद हवाई और अलास्का के तट पर संभावित सुनामी की चेतावनी जारी की है।

वैज्ञानिक विश्लेषण

विशेषज्ञों के अनुसार, रूस का कामचटका प्रायद्वीप रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है, जो दुनिया के सबसे अधिक भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में से एक है। यहीं पर प्रशांत और उत्तरी अमेरिकी टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं।

जापानी भूविज्ञानी हिरोशी सेगावा ने कहा

प्रभाव केवल रूस या जापान तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि पूरे प्रशांत क्षेत्र में महसूस किया जा सकता है। प्रारंभिक आकलन: हालाँकि रूस और जापान में किसी बड़े नुकसान की कोई खबर नहीं है, लेकिन स्थानीय मीडिया ने बताया कि सुनामी ने कई छोटे द्वीपों को प्रभावित किया। कई मछली पकड़ने वाली नावें डूब गईं और कुछ इलाकों में पानी घुस गया। जापान के वित्त मंत्री ने कहा, “बच्चों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने और तटीय व्यवसायों के लिए मुआवज़ा सुनिश्चित करने के लिए कागजी कार्रवाई जल्द ही पूरी कर ली जाएगी।”

निष्कर्ष

रूस में 8.8 तीव्रता के भूकंप और जापान में आई सुनामी ने दुनिया भर में चिंता पैदा कर दी है। हालाँकि, उम्मीद है कि तकनीकी प्रगति और संवेदनशील सरकारी कार्रवाई की बदौलत संभावित नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। हालांकि, यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि प्राकृतिक आपदाओं का जोखिम अभी भी हमारे जीवन का एक हिस्सा है, और बातचीत और तैयारी के बिना इनसे निपटना मुश्किल है।