टीएमएफ ग्रुप का

टीएमएफ समूह ने हाल ही में अपना 12वां वार्षिक वैश्विक व्यापार जटिलता सूचकांक (जीबीसीआई) 2025 प्रकाशित किया है, जो 79 देशों में व्यापार संचालन की जटिलताओं का विश्लेषण करता है। अध्ययन में 292 संकेतकों के आधार पर देशों को रैंक किया गया है, जो किसी व्यवसाय को स्थापित करने, संचालित करने और विस्तार करने की प्रक्रियाओं की जटिलता को मापते हैं। फ्रांस को व्यापार करने के लिए सबसे जटिल देश के रूप में स्थान दिया गया है, जबकि डेनमार्क को सबसे सरल माना गया है। टीएमएफ ग्रुप का

दक्षिणी यूरोप और लैटिन अमेरिका के देश व्यापार जटिलता में उच्च स्थान पर हैं, जबकि उत्तरी यूरोप और कुछ अपतटीय निवेश केंद्र सरलता में सबसे आगे हैं। बदलते वैश्विक परिदृश्य में यूके, नीदरलैंड, मिस्र और सऊदी अरब को संभावित विजेता के रूप में देखा जा रहा है।

व्यापार जटिलता के प्रमुख कारक:

नियम और विनियम: देशों में व्यापार विनियमन की विविधता और जटिलता।

कर प्रणाली: कर दरों, रिपोर्टिंग आवश्यकताओं और अनुपालन प्रक्रियाओं की जटिलता।

मानव संसाधन और पेरोल: कर्मचारी भर्ती, वेतन और लाभ विनियमन की विविधता।

डिजिटलीकरण का स्तर: सरकारी प्रक्रियाएँ और सेवाएँ डिजिटल रूप में उपलब्ध हैं या नहीं।

वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता:

TMF समूह के सीईओ मार्क वील के अनुसार, “असली चुनौती जटिलता नहीं, बल्कि अनिश्चितता है।” अमेरिका-चीन व्यापार तनाव, भू-राजनीतिक परिवर्तन और आर्थिक अनिश्चितता के कारण कंपनियाँ अपने निर्णयों में अधिक सतर्क हो रही हैं।

भारतीय परिप्रेक्ष्य:

हालाँकि रिपोर्ट में भारत की विशिष्ट रैंकिंग का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन भारत जैसे उभरते बाजारों में व्यावसायिक जटिलता के प्रमुख कारणों में कर प्रणाली की जटिलता, नियामक प्रक्रियाओं की विविधता और डिजिटल बुनियादी ढाँचे की सीमाएँ शामिल हैं। टीएमएफ ग्रुप का

निष्कर्ष:

TMF समूह द्वारा किया गया यह अध्ययन वैश्विक व्यापार परिदृश्य की जटिलताओं और अनिश्चितताओं पर प्रकाश डालता है। कंपनियों को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी आंतरिक संरचनाओं को सरल बनाने, आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने और स्थानीय विशेषज्ञता का लाभ उठाने की आवश्यकता है।