
जैसे ही यूरोविज़न 2025 का आयोजन बेसल, स्विट्ज़रलैंड में नज़दीक आता है, हेलसिंकी ने एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संदेश साझा किया है: “सॉना का कोई सही तरीका नहीं है।” यह पहल फिनलैंड की पारंपरिक सॉना संस्कृति के बारे में प्रचलित मिथकों को तोड़ने और इसे सभी के लिए सुलभ और स्वागतयोग्य बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
सॉना: फिनलैंड की आत्मा
फिनलैंड में सॉना केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि जीवनशैली का हिस्सा है। देश में अनुमानित 3.3 मिलियन सॉना हैं, जो कि 5.5 मिलियन की आबादी के लिए लगभग हर 1.67 व्यक्तियों पर एक सॉना के बराबर है। हेलसिंकी में 60 से अधिक सार्वजनिक सॉना हैं, जिनमें से कई पूरे वर्ष भर खुले रहते हैं और स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों का स्वागत करते हैं।
मिथकों का खंडन
अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों के बीच सॉना को लेकर कई भ्रांतियाँ हैं, जैसे कि नग्नता अनिवार्य है, सॉना में बात करना अनुचित है, या पानी को स्टोव पर डालना मना है। हेलसिंकी ने इन मिथकों को तोड़ते हुए स्पष्ट किया है कि सॉना का अनुभव व्यक्तिगत होता है और इसमें कोई कठोर नियम नहीं हैं। महत्वपूर्ण यह है कि व्यक्ति स्वयं को सहज महसूस करे और दूसरों के प्रति सम्मान बनाए रखे।
स्थानीय लोगों की कहानियाँ
हेलसिंकी ने एक सॉना-थीम वाली फोटो अभियान शुरू की है, जिसमें स्थानीय लोग अपने सॉना अनुभव साझा करते हैं। ये चित्र हेलसिंकी और बेसल की सड़कों पर डिजिटल पोस्टरों के रूप में प्रदर्शित किए गए हैं, जो यूरोविज़न प्रशंसकों को याद दिलाते हैं कि सॉना का आनंद लेने के कई तरीके हैं।
यूरोविज़न 2025 और सॉना का संगम
इस वर्ष, फिनलैंड की प्रतिनिधि एरिका विकमैन हैं, जबकि स्वीडन की ओर से फिनलैंड के ही हास्य संगीत समूह KAJ “बरा बदा बस्तु” गीत के साथ भाग ले रहे हैं। यह गीत सॉना के आनंद को समर्पित है और यूरोविज़न में एक प्रमुख दावेदार बन गया है। इस गीत ने सॉना संस्कृति को वैश्विक मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सार्वजनिक सॉना कार्यक्रम
हेलसिंकी ने 15 से 17 मई तक स्टॉकहोम के ड्यूरगार्डन द्वीप पर “बरा बस्तु” नामक तीन दिवसीय सार्वजनिक सॉना अनुभव का आयोजन किया, जिसमें यूरोविज़न प्रशंसकों ने सॉना संस्कृति का आनंद लिया। इसके अलावा, हेलसिंकी में कई सॉना-थीम वाले कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जो सॉना संस्कृति को मनाने और साझा करने का अवसर प्रदान करते हैं।
सॉना के लाभ
सॉना न केवल शारीरिक विश्राम प्रदान करता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। सॉना के बाद ठंडे पानी में डुबकी लगाने से मूड में सुधार होता है और शरीर में “हैप्पी हार्मोन” का स्तर बढ़ता है। यह अनुभव शरीर और मन दोनों के लिए ताजगी प्रदान करता है।
निष्कर्ष
हेलसिंकी की यह पहल सॉना संस्कृति को अधिक समावेशी और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह संदेश देता है कि सॉना का आनंद लेने का कोई एक सही तरीका नहीं है; महत्वपूर्ण यह है कि व्यक्ति स्वयं को सहज महसूस करे और दूसरों के प्रति सम्मान बनाए रखे। यूरोविज़न 2025 के अवसर पर, हेलसिंकी ने सॉना संस्कृति को वैश्विक मंच पर लाकर एक नया आयाम प्रदान किया है।