
बार्सिलोना के फुटबॉल इतिहास में समय-समय पर कई चौंकाने वाले नाम सामने आते रहे हैं। लेकिन हाल ही में एक नया नाम चर्चा के केंद्र में है — लामिन यमाल। केवल 16 साल की उम्र में बार्सिलोना की मुख्य टीम में जगह बनाने वाले इस युवा खिलाड़ी ने अपनी अद्भुत स्किल, गति और तकनीक से फुटबॉल जगत में अपनी पहचान बना ली है। हालांकि, कई फुटबॉल प्रशंसक यमाल की तुलना अर्जेंटीनी दिग्गज लियोनेल मेसी से करने लगे हैं। मेसी से तुलना पर गार्डियोला
मेसी से तुलना पर गार्डियोला की प्रतिक्रिया
हालांकि, बार्सिलोना के पूर्व कोच और मौजूदा मैनचेस्टर सिटी के कोच पेप गार्डियोला को यह तुलना बिल्कुल पसंद नहीं आ रही है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “हम सब यमाल को उसी रूप में देखना चाहते हैं जैसा वह है। उसके लिए सबसे अच्छा यही होगा कि उसे अपने तरीके और गति से आगे बढ़ने दिया जाए। इस समय उस पर तुलना का बोझ डालना बिल्कुल भी उचित नहीं है।”
नए युवा प्रतिभा की चमक
ला मासिया अकादमी से निकले लामिन यमाल ने अपने पहले ही सीज़न में जिस तरह का कौशल दिखाया है, उसने सभी को चकित कर दिया है। उनकी बाएं पैर की तकनीक, ड्रिब्लिंग और पासिंग क्षमता को देखकर कई लोग उन्हें मेसी की तरह मानने लगे हैं, जिन्होंने किशोरावस्था में ही फुटबॉल दुनिया पर राज किया था।
गार्डियोला बोले — हर खिलाड़ी का विकास अलग
गार्डियोला के अनुसार, “लामिन में अद्भुत क्षमता है, लेकिन हर खिलाड़ी का विकास अलग तरीके से होता है। मेसी एक बेमिसाल उदाहरण थे, एक ऐतिहासिक अपवाद। अगर हम यमाल को शांति से खेलने दें, तो वह अपनी राह खुद बना लेगा।”
कम उम्र में राष्ट्रीय टीम का हिस्सा
यमाल ने पहले ही स्पेन की राष्ट्रीय टीम की जर्सी पहन ली है और वहां भी खुद को साबित किया है। कई विश्लेषकों ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि इतनी कम उम्र में इतने बड़े स्तर पर खेलने का मौका पाकर उन पर काफी दबाव आ गया है।
गार्डियोला ने कहा, “आज के मीडिया और सोशल मीडिया की वजह से कोई भी खिलाड़ी बहुत जल्दी हीरो बन सकता है। लेकिन इसका नुकसान भी हो सकता है। इस समय सबसे ज़रूरी है कि यमाल मैदान पर अपनी खुशी ढूंढे।”
तुलना का जाल
गार्डियोला के अलावा कई फुटबॉल विश्लेषक और पूर्व खिलाड़ी मेसी से तुलना को लेकर चिंतित हैं। युवा खिलाड़ियों के लिए इस तरह की तुलना मानसिक दबाव बढ़ा देती है और कभी-कभी उनके स्वाभाविक विकास में बाधा डालती है।
स्पेन के पूर्व स्टार जावी हर्नांडेज़ ने कहा, “यमाल एक खास खिलाड़ी है, लेकिन हमें उसे वक्त देना होगा। हमें एक और मेसी बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए — क्योंकि यह संभव ही नहीं है।”
क्लब की भूमिका
क्लब का मकसद एक ही है — इस युवा प्रतिभा को बर्बाद नहीं होने देना। खेल निदेशक डेको ने कहा, “हम जानते हैं कि यमाल में क्या क्षमता है। लेकिन हमारा काम है उसके लिए एक सही रास्ता बनाना और उसके चारों तरफ ऐसा माहौल तैयार करना जिसमें वह सुरक्षित विकास कर सके।”
फुटबॉल दुनिया की उम्मीदें
अब दुनिया की नजरें यमाल पर हैं। हर कोई देख रहा है कि वह कैसे खेल रहा है, कैसे आगे बढ़ रहा है। लेकिन पेप गार्डियोला और दूसरे अनुभवी कोचों का संदेश साफ है — “उसे वक्त दो, तुलना मत करो।”
गार्डियोला ने कहा, “हमने कई ऐसे टैलेंट देखे हैं जिन्हें हमने दिग्गजों की जगह पर बिठाने की कोशिश की, लेकिन उनमें से ज्यादातर दबाव नहीं झेल पाए। यमाल के लिए हमें धैर्य रखना होगा और उसे उसके विकास के साथ आगे बढ़ने देना होगा।”
निष्कर्ष
पेप गार्डियोला और दूसरे दिग्गजों का संदेश फुटबॉल प्रेमियों को यह सोचने का मौका देता है कि हमें युवा खिलाड़ियों का सही मूल्यांकन कैसे करना चाहिए। ‘यमाल को अपना करियर खुद बनाने दो’ — यह वाक्य उन सभी फुटबॉल प्रशंसकों के लिए एक अहम संदेश हो सकता है, जो अभी भी मेसी की यादों में डूबे हैं और एक नए मेसी की तलाश कर रहे हैं।