स्कॉटलैंड को यूरो 2025 क्वालीफायर्स में एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि दो प्रमुख डिफेंडर किरन टियरनी और एंथनी राल्स्टन चोट के कारण आगामी मैचों से बाहर हो गए हैं। यूरोपीय चैंपियनशिप में अपनी जगह पक्की करने के लिए बेताब स्कॉटिश टीम इन दो अनुभवी डिफेंडरों की अनुपस्थिति में भारी दबाव में होगी। स्कॉटलैंड के प्रशंसकों के लिए यह खबर जितनी निराशाजनक है, कोच स्टीव क्लार्क के लिए अपनी रणनीतिक योजनाओं को नए सिरे से तैयार करना उतना ही मुश्किल है।
टियरनी की चोट की पृष्ठभूमि
आर्सेनल के लिए खेलकर प्रसिद्धि पाने वाले और वर्तमान में रियल सोसिएदाद में लोन पर हैं, किरन टियरनी लंबे समय से चोट से जूझ रहे हैं। हाल ही में ला लीगा मैच में हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा। हालाँकि डॉक्टरों ने शुरुआत में उन्हें कुछ हफ़्तों आराम करने की सलाह दी थी, लेकिन हालिया परीक्षणों से पता चला है कि उन्हें ठीक होने में कम से कम दो महीने लगेंगे। टियरनी स्कॉटलैंड के डिफेंस में सबसे अनुभवी और भरोसेमंद खिलाड़ियों में से एक हैं। डिफेंस के बाईं ओर उनकी मौजूदगी टीम में संतुलन लाने और आक्रमण को आकार देने में अहम भूमिका निभाती है।
राल्स्टन की चोट की स्थिति
सेल्टिक के डिफेंडर एंथनी राल्स्टन को भी हाल ही में एक मैच में घुटने में चोट लग गई थी। डॉक्टरों ने कहा है कि वह कम से कम 4 से 6 हफ़्तों तक मैदान से बाहर रहेंगे। राल्स्टन को स्कॉटलैंड के राइट-बैक में एक अहम खिलाड़ी माना जाता है। हालाँकि उनकी जगह विकल्प मौजूद हैं, लेकिन उनमें अनुभव और निरंतरता की कमी है।
स्कॉटलैंड की वर्तमान स्थिति
स्कॉटलैंड ने यूरो 2025 क्वालीफायर में अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन हाल के मैचों में उन्हें संघर्ष करना पड़ा है। क्वालीफायर की शुरुआत में लगातार जीत हासिल करने के बावजूद, हाल की हार और ड्रॉ ने उनकी ग्रुप स्थिति को खतरे में डाल दिया है। डिफेंसिव लाइन पहले से ही कुछ कमज़ोर थी, और अब टियरनी और राल्स्टन के बाहर होने से यह कमज़ोरी और बढ़ जाएगी। एंडी रॉबर्टसन टीम की अगुवाई कर रहे हैं, लेकिन उन्हें भी हाल की चोटों से सावधान रहना होगा। कोच स्टीव क्लार्क की प्रतिक्रिया स्कॉटलैंड के कोच स्टीव क्लार्क ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा: “टियर्नी और राल्स्टन दोनों हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
उनके बिना टीम बनाना मुश्किल होगा। लेकिन फ़ुटबॉल में चोटें तो लगती ही रहती हैं, हमें आगे की योजना बनानी होगी।” क्लार्क ने कहा कि वह युवा डिफेंडरों को मौका देंगे। नाथन पैटरसन और आरोन हिकी के राइट-बैक की भूमिका निभाने की संभावना है। लियाम कूपर या ग्रांट हैनली लेफ्ट में टियर्नी की जगह खेल सकते हैं।
टीम का मनोबल
खिलाड़ियों की अनुपस्थिति ने न केवल मैदान के माहौल को, बल्कि ड्रेसिंग रूम के माहौल को भी प्रभावित किया है। टियर्नी और राल्स्टन दोनों ही टीम के लिए प्रेरणा के स्रोत रहे हैं। उनके अनुभव ने युवा खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद की। हालांकि इसके परिणामस्वरूप टीम का मनोबल थोड़ा कम हुआ है, लेकिन कप्तान रॉबर्टसन ने अपने साथियों को आश्वस्त किया है। उन्होंने कहा: “हम किसी की जगह नहीं ले सकते, लेकिन हम एक टीम के रूप में लड़ेंगे। स्कॉटलैंड कभी हार नहीं मानता।”
कठिन क्वालीफाइंग चुनौती
स्कॉटलैंड अब कड़े प्रतिद्वंद्वियों का सामना करेगा। आगामी मैचों में उनका सामना होगा:
स्पेन – जो इस समय ग्रुप में शीर्ष पर है।
नॉर्वे – एर्लिंग हालैंड जैसे स्ट्राइकर की मौजूदगी उन्हें एक मज़बूत प्रतिद्वंद्वी बनाती है।
जॉर्जिया – अपेक्षाकृत कमज़ोर लेकिन पहले से ही कुछ आश्चर्यजनक प्रदर्शन कर रहा है।
कमज़ोर डिफेंस के कारण इन मैचों में गोल गंवाने का जोखिम बहुत ज़्यादा है।
समर्थकों की प्रतिक्रिया
स्कॉटलैंड के प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर अपनी निराशा व्यक्त की है, कई लोगों का मानना है कि टियरनी और राल्स्टन के बिना, टीम को मुख्य रूप से आक्रमण पर निर्भर रहना होगा।
एक प्रशंसक ने लिखा:
“हम बार-बार चोटों से जूझ रहे हैं। अगर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी ऐसे महत्वपूर्ण समय पर मैदान पर नहीं होंगे, तो यूरो कप का सपना और भी मुश्किल हो जाएगा।” लेकिन कुछ लोगों को उम्मीद है कि युवा खिलाड़ी इस मौके का फायदा उठाएंगे।
संभावित रणनीति
स्टीव क्लार्क को अब अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा। विशेषज्ञ कुछ संभावित रणनीति सुझा रहे हैं: संतुलन बनाने के लिए तीन की बजाय चार-बैक फ़ॉर्मेशन का इस्तेमाल करें। मिडफ़ील्ड को मज़बूत करें, ताकि विरोधी टीम आसानी से आक्रमण न कर सके। रॉबर्टसन को ज़्यादा रक्षात्मक भूमिका दें, हालाँकि इससे आक्रमण कम होगा।
फ़ुटबॉल विशेषज्ञों का विश्लेषण
बीबीसी और स्काई स्पोर्ट्स के विश्लेषकों के अनुसार, स्कॉटलैंड अब “करो या मरो” की स्थिति में है। टियरनी और राल्स्टन की अनुपस्थिति एक बड़ा खालीपन पैदा करेगी। हालाँकि, अगर युवा डिफेंडर खुद को साबित कर पाते हैं, तो यह भविष्य के लिए सकारात्मक होगा।
फ़ुटबॉल लेखक ग्राहम हंटर ने कहा:
“यह स्कॉटलैंड के लिए एक बड़ा झटका है। लेकिन इतिहास हमें बताता है कि वे कभी आसानी से हार नहीं मानते। यह युवा खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा अवसर है।”
निष्कर्ष
स्कॉटलैंड का यूरो 2025 क्वालीफाइंग अब संदेह के घेरे में है। टियरनी और राल्स्टन जैसे दो प्रमुख डिफेंडरों को खोने के बाद टीम को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। हालाँकि यह एक बड़ा झटका है, लेकिन टीम के युवा खिलाड़ियों के लिए खुद को साबित करने का यह एक दुर्लभ अवसर है। प्रशंसकों को उम्मीद है कि यूरो 2021 में इतने नाटकीय अंदाज़ में जगह बनाने वाली टीम फिर से एकजुट होकर मुश्किलों को पार कर पाएगी।
स्कॉटिश फ़ुटबॉल का इतिहास बार-बार दिखाता है कि वे आसान रास्ता नहीं चुनते, बल्कि कठिन रास्तों से गुज़रकर अपने सपनों को साकार करने की कोशिश करते हैं। इस बार भी यही मानसिकता उन्हें बचा सकती है।