
2025 की पहली तिमाही में यूरोप आने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 4.9% की वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी यूरोपीय यात्रा आयोग (ETC) की ताजा रिपोर्ट “यूरोपीय पर्यटन: रुझान और संभावनाएं” में दी गई है। यह बढ़त बताती है कि वैश्विक आर्थिक दबावों और भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद, यूरोपीय पर्यटन क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
2024 में महामारी-पूर्व के आंकड़ों से भी 6.2% अधिक पर्यटक पहुंचे थे और रात्रि प्रवासों में 6.4% की वृद्धि देखी गई थी। इस ट्रेंड ने 2025 में भी अपनी पकड़ बनाए रखी है, खासकर उन यात्रियों के बीच जो बेहतर मूल्य पर यात्रा के विकल्प और पीक सीजन से इतर समय में घूमने को प्राथमिकता देते हैं।
हालांकि शुरुआत मजबूत रही है, लेकिन 2025 की आगे की आर्थिक स्थिति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। बढ़ती महंगाई, अमेरिकी शुल्कों में वृद्धि और वैश्विक तनाव जैसे कारकों का यात्रियों की खर्च करने की प्रवृत्ति पर असर पड़ने की आशंका है।
खर्च में बढ़ोतरी: प्रति यात्रा खर्च में इजाफा
2025 के लिए अब तक के अनुमान बताते हैं कि पर्यटक इस साल यूरोप में 2024 की तुलना में लगभग 14% ज्यादा खर्च कर सकते हैं। यह अनुमान इस ओर इशारा करता है कि प्रति यात्री खर्च बढ़ रहा है, जिससे पर्यटन क्षेत्र की आय में इजाफा हो सकता है, भले ही पर्यटकों की संख्या में हल्की वृद्धि हो।
सर्दियों के गंतव्यों ने बनाए रखा प्रदर्शन
सर्दी की शुरुआत में यूरोप के कई लोकप्रिय पर्यटन केंद्रों ने शानदार प्रदर्शन किया। स्लोवाकिया में आगमन 14.3% और नॉर्वे में 13.2% तक बढ़ गया। खास बात यह रही कि नॉर्वे में ठहराव की अवधि भी लंबी रही — वहां रात्रि प्रवास 2024 की तुलना में 15.3% अधिक रहा और 2019 की तुलना में एक-तिहाई ज्यादा।
इटली ने भी किफायती स्की गंतव्य के रूप में सर्दियों में अच्छी पकड़ बनाई रखी, जहां रातभर ठहराव में 8% की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं, ऑस्ट्रिया में 3.5% की गिरावट और स्विट्ज़रलैंड में 4.5% की मामूली वृद्धि देखी गई।
पूर्वी यूरोप में फिर लौटी रौनक
यूक्रेन युद्ध के प्रभावों के कारण धीमी गति से उबर रहे पूर्वी और मध्य यूरोप के देश अब बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। पोलैंड (+16.2%), लातविया (+27.8%) और हंगरी (+18.2%) जैसे देशों में 2024 की पहली तिमाही की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
इसके अलावा, जनवरी 2025 में शेंगेन क्षेत्र में रोमानिया और बुल्गारिया के शामिल होने से सीमा-पार यात्रा आसान हुई है और इन दोनों देशों में क्रमशः 11.7% और 1.4% की वृद्धि दर्ज की गई है।
भूमध्यसागरीय देशों में ऑफ-सीजन यात्रा का असर
दक्षिणी यूरोप ने सर्दियों के महीनों में भी यात्रा की मजबूत मांग को दर्शाया है। स्पेन ने सिर्फ दो महीनों में 1 करोड़ से ज्यादा विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया — जो 2019 की तुलना में करीब 20 लाख ज्यादा है। साइप्रस (+15.4%) और माल्टा (+12.6%) जैसे देशों में भी अच्छी वृद्धि देखी गई है, भले ही यह संख्या छोटे आधार से हो।
यह रुझान “कूल-कैशन्स” की ओर इशारा करता है, जहां पर्यटक अब गर्मी के चरम महीनों की बजाय ठंडे मौसम में यात्रा करना पसंद कर रहे हैं। इससे गंतव्य पर्यटन के विकल्पों में विविधता लाकर ऑफ-सीजन में भी मजबूत उपस्थिति बनाए रखने में सफल हो रहे हैं।
खर्च की सतर्कता: किफायती विकल्पों की तलाश
पर्यटन से जुड़ी सेवाओं की लागत अब भी महामारी-पूर्व स्तरों से ऊपर है, जिससे यात्रियों का झुकाव किफायती विकल्पों की ओर बढ़ा है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पैकेज छुट्टियों की कीमतों में क्रमशः 12% और 10% की वृद्धि हुई है, जिससे छोटी यात्राओं और सस्ते गंतव्यों की मांग बढ़ रही है।
इस कारण रोमानिया जैसे किफायती देशों को लाभ मिल रहा है, वहीं आइसलैंड (-5.7%) और मोनाको (0.8%) जैसे महंगे गंतव्यों में वृद्धि की बजाय स्थिरता या गिरावट देखी गई है।