शुभमन गिल भारतीय क्रिकेट का एक उभरता हुआ सितारा है। उनकी तकनीक, टाइमिंग और शांत स्वभाव ने उन्हें युवा खिलाड़ियों में सबसे खास बना दिया है। अब जब वह इंग्लैंड दौरे का हिस्सा हैं, तो क्रिकेट फैंस और एक्सपर्ट्स उन्हें विराट कोहली से तुलना करने लगे हैं।
लेकिन क्या यह तुलना सही है?
कोहली का इंग्लैंड अनुभव
विराट कोहली का इंग्लैंड से रिश्ता उतार-चढ़ाव भरा रहा है। 2014 में जहां उन्हें स्विंग गेंदों ने परेशान किया, वहीं 2018 में उन्होंने वहीँ पर अपनी बेस्ट टेस्ट सीरीज खेली। उन्होंने 593 रन बनाए और आलोचकों को करारा जवाब दिया। कोहली ने इंग्लैंड की कंडीशन्स को समझने में समय लिया, और फिर उन पर राज किया।
गिल की अब तक की यात्रा
शुभमन गिल ने टेस्ट करियर की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया जैसे कठिन दौरे से की और वहीं चमके भी। हालाँकि, इंग्लैंड की परिस्थितियाँ पूरी तरह अलग हैं — यहाँ की पिचें नमी भरी होती हैं, और स्विंग गेंदबाज़ों को मदद मिलती है। गिल की तकनीक मजबूत है, लेकिन उन्हें अभी इन कंडीशनों में लंबा समय नहीं मिला है।
तुलना कहाँ तक जायज़?
अनुभव: कोहली के पास एक दशक से ज़्यादा का अनुभव है। गिल अभी अपने शुरुआती चरण में हैं।
तकनीक और फिटनेस: दोनों की तकनीक प्रभावशाली है, लेकिन कोहली का मानसिक संतुलन और रन बनाने की भूख अभी भी उन्हें अलग बनाती है।
मैच स्थिति में नियंत्रण: कोहली अक्सर दबाव में खेलते हुए टीम को मैच जिताते हैं। गिल में भी यह क्षमता दिखी है, लेकिन इसे निरंतर साबित करना बाकी है।
एक्सपर्ट्स की राय
कई पूर्व क्रिकेटर्स का मानना है कि गिल में कोहली जैसी क्षमता है। वो “अगला बड़ा बल्लेबाज़” बन सकते हैं, बशर्ते वो इंग्लैंड जैसी जगहों पर खुद को स्थापित कर पाएं। गावस्कर और द्रविड़ जैसे दिग्गजों ने गिल की तकनीक की तारीफ की है, लेकिन वो कहते हैं कि **तुलना से ज़्यादा ज़रूरी है विकास।
निष्कर्ष
शुभमन गिल और विराट कोहली की तुलना आकर्षक ज़रूर है, लेकिन यह अभी जल्दबाज़ी होगी। गिल में ज़रूर वो चमक है जो भविष्य में उन्हें महान खिलाड़ियों की कतार में ला सकती है। लेकिन इंग्लैंड जैसे मुश्किल दौरों पर सफलता, सिर्फ टैलेंट से नहीं — धैर्य, अनुभव और लगातार प्रदर्शन से आती है। जब गिल इन कसौटियों पर खरे उतरेंगे, तभी कोहली से तुलना पूरी तरह सही ठहराई जा सकती है।